जमानतीय अपराध धारा 436 सी आर पी सी (bailable offence)क्या है इसमें बेल या जमानत कैसे होती है क्या इसमें, बिना कोर्ट जाये पुलिस स्टेशन से भी बैल ली जा सकती है तथा जमानत के लिए जमानती को प्रतिभूति में क्या देना होता है तथा पर्शनल बैल बांड क्या है तथा कैसे इसमें बैल का विरोध कर सकते है |
जमानतीय अपराध (bail able Offence) क्या है ? जमानतीय अपराध धारा 436
भारतीय दंड प्रकिर्या सहिता की धारा 2 के अनुसार – ज़मानती अपराध से अभिप्राय ऐसे अपराध से है जो – (क) प्रथम अनुसूची में ज़मानती अपराध के रूप में दिखाया गया हो , या (ख) तत्समय प्रविर्त्य किसी विधि द्वारा ज़मानती अपराध बनाया गया हो , या(ग) गैर-ज़मानती अपराध से भिन्न अन्य कोई अपराध हो ।
सीधे रूप से कहे तो,जमानतीय अपराध वे है जिनमे, अभियुक्त की ज़मानत स्वीकार करना पुलिस अधिकारी एवं न्यायालय का कर्त्तव्य है। उदाहरण के लिये, किसी व्यक्ति को स्वेच्छापूर्वक साधारण चोट पहुँचाना, उसे सदोष रूप से अवरोधित अथवा परिरोधित करना, मानहानि करना आदि ज़मानती अपराध हैं ।
जमानतीय अपराध धारा 436 क्या है :-
धारा 436 का पूरा हिंदी रुपंतार्ण निचे उसके सपष्टीकरण के साथ दिया है :-
धारा 436
किन मामलों में जमानत ली जाएगी –
(1) अजमानतीय अपराध के अभियुक्त व्यक्ति, से भिन्न कोई व्यक्ति, पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा, वारण्ट के बिना गिरफ्तार या निरूद्ध किया जाता है या, न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, और जब वह ऐसे अधिकारी की अभिरक्षा में है उस बीच किसी समय, या ऐसे न्यायालय के समक्ष कार्यवाहियों के किसी प्रक्रम में, जमानत देने के लिए तैयार है तब ऐसा व्यक्ति जमानत पर छोड़ दिया जाएगा |
स्पस्टीकरण :- अजमानतीय अपराध यानि नॉन बेलेबल ओफ्फेंस के अलावा किसी भी और अपराध में अगर कोई व्यक्ति पुलिस द्वारा अरेस्ट किया जाता है, या वह, कोर्ट के सामने पेश किया जाता है तो ऐसे दोनों ही हालात में वह व्यक्ति उसी वक्त जमानत पर छोड़ा दिया जायेगा |
परन्तु यदि, ऐसा अधिकारी, या न्यायालय ठीक समझते है और, {यदि व्यक्ति निर्धन है, और प्रतिभू देने में असमर्थ है} तो वह ऐसे व्यक्ति से, प्रतिभू लेने के बजाय उसके इसमें इसके पश्चात उपबंधित प्रकार से अपने हाजिर होने के लिए प्रतिभूओं रहित बन्ध-पत्र निष्पादित करने पर उसे उन्मोचित कर सकेगा |
स्पस्टीकरण :- अगर पुलिस ऑफिसर, या कोर्ट को ये लगता है की गिरफ्तार किया गया व्यक्ति निर्धन है या फिर किसी कारण से अपना जमानती कोर्ट के सामने पेश करने (प्रतिभूति देने ) में असमर्थ है तो, वो पुलिस ऑफिसर और कोर्ट दोनों उसको बिना कोई प्रतिभूति लिए उसको उसकी स्टेटमेंट के आधार पर “की वह उनके बुलाने पर पेश होगा ऐसा देकर” यानि पर्सनल बैल बांड पर बरी होगा |
[स्पष्टीकरण – जहाँ व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी के दिन से एक सप्ताह के अंदर जमानत देने में असमर्थ रहा है, वहाँ अधिकारी, या न्यायालय के लिए यह उपधारणा करने के लिए पर्याप्त आधार होगा कि, वह इस परन्तुक प्रयोजन में निर्धन व्यक्ति है]
स्पस्टीकरण :- अगर इस जमानतीय अपराध में वह व्यक्ति एक सप्ताह या 7 दिन से जेल में बंद है तो कोर्ट इस आधार को मान कर की वह व्यक्ति गरीब है, उसको पर्सनल बैल बांड पर जमानत दे कर स्वय बैल देगी |
परन्तु यह और कि इस धारा की कोई बात धारा 116 की उपधारा (3) या धारा 446 क के उपबँधों पर प्रभाव डालने वाली न समझी जाएगी।
स्पस्टीकरण :- परन्तु उस व्यक्ति का अपराध किसी भी प्रकार से धारा 116 (3) (जिसमे अपराध के सच की जाच पुलिस कर रही हो) व धारा 446 (जिसमे उस व्यक्ति को झूटी जमानत देने या फिर पेश न होने के कारण पकडे जाने) के अंतर्गत प्रभाव डालने वाला नही होनि चाहिये |
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ काई व्यक्ति, हाजिरी के समय और स्थान के बारे में जमानतपत्र की शर्तों का अनुपालन करने में असफल रहता है, वहाँ न्यायालय उसे, जब वह उसी मामले में किसी पश्चातवर्ती अवसर पर न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या अभिरक्षा में लाया जाता है, जमानत पर छोड़ने से इन्कार कर सकता है और ऐसी किसी इंकारी का, ऐसे जमानतपत्र से आबद्ध किसी व्यक्ति से धारा 446 के अधीन उसकी शास्ति देने की अपेक्षा करने की न्यायालय की शक्तियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा।
स्पस्टीकरण :- उपर दी गई उपधारा (1) में दिए गये जमानत के नियम होने के बावजूद भी अगर कोर्ट जमानत लेने के बाद भी उसकी शर्तो (बुलाने पर पेश नही होना) का पालन नही करता है और कोर्ट में पेश होता है या पुलिस द्वारा पेश किया जाता है तो कोर्ट उसे गिरफ्तार कर सकती है तथा दुबारा जमानत पर छोड़ने के लिए उस पर जुरमाना भी लगा सकती है तथा चाहे तो उसे पर्सनल बैल बांड पर नही छोड़ कर उसे धारा 446 के अंतर्गत नियम लागु कर के जमानती के द्वारा छोड़ सकती है
क्या बिना कोर्ट जाये पुलिस स्टेशन से भी बैल ली जा सकती है :-
जी हा, जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत,दिल्ली जैसे शहर में कार्य की अधिकता व कोर्ट पर काम के दबाव को कम करने के लिए अब ये पॉवर पुलिस को ही दे दी गई है | मतलब ये की, अब आप को दिल्ली में जमानतीय अपराध में अरेस्ट नही होना है आप को पुलिस स्टेशन से ही जमानत मिल जाएगी ये आपका अधिकार भी है तथा अगर, आप के पास कोई जमानती नही है तो भी आपको जमानतीय अपराध होने पर पुलिस को छोड़ना होगा | लेकिन दिल्ली से बाहर ऐसा नही है अब भी कई राज्यों में जमानती अपराध होने पर भी अपराधी को पुलिस स्टेशन से जमानत न दे कर पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया जाता है लेकिन उनको कोर्ट से अप्लिकेशन लगा कर उसी दिन जमानत मिल जाती है |
पर्सनल बैल बांड क्या है :-
जब जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत, किसी अपराधी के पास कोई व्यक्ति उसकी जमानत देने वाला नही हो तो, उसको पर्सनल बैल बांड पर छोड़ा जाता है इसमें व्यक्ति स्वय लिखित में ये बांड देता है की वह पुलिस व कोर्ट के बुलाने पर उपस्तिथ रहेगा इसमें कोई अमाउंट बांड में नही भरा जाता है | इसमें उस व्यक्ति को अपने पहचान पत्र की कॉपी देनी होती है |
कोर्ट से बेल या जमानत कैसे ले :-
जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत, अगर किसी कारण वश कोई व्यक्ति जमानतीय अपराध में अरेस्ट हो गया है | तो बैल लेने के लिए सिर्फ ये कहना ही पर्याप्त है की ये अपराध जमानतीय है तथा अपराधी जमानत का क़ानूनी हकदार है | इसके अलावा कोर्ट को कुछ और कहने की आवश्यकता नही होती है |
बेल का विरोध कैसे करे :-
जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत, आने वाले अपराधो में अपराधी की बैल होने से रोकना नामुमकिन है लेकिन आप ये कह कर की बहार आने पर वह अपराधी भाग जायेगा तो कोर्ट उसकी जमानती की सनाखत/इन्क्वारी सही तरीके से करवा ले | ऐसा कह कर अपराधी की जमानत में कुछ दिनों का विलम्ब करवा सकते है | जिससे की अपराधी कुछ दिन और जेल में रह सके | उसकी बैल होने से रोकना रोकना नामुमकिन है |
जमानत के लिए बेल बांड या प्रतिभूति :-
जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत, जमानत के लिए किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति को जेल से छुड़ाने के लिए कोर्ट के समक्ष जो सम्पत्ति जमा की जाती है या देने की प्रतिज्ञा की जाती है उसे प्रतिभूति यानि बैल बांड कहते हैं। जमानत देकर न्यायालय इससे निश्चिन्त हो जाता है कि आरोपी व्यक्ति सुनवाई के लिये अवश्य कोर्ट में उपस्तिथ रहेगा अगर वो ऐसा नही करता है तो अमुक व्यक्ति जिसने उस अपराधी की जमानत दी है वह उसे पकड़ कर कोर्ट या पुलिस को सोपेंगा अन्यथा वह व्यक्ति की जमानत जब्त कर ली जायेगी या जमानत में दी गई राशी को कोर्ट में जमा करवा लिया जायेगा |
प्रतिभूति के प्रकार :-
आप बैल या जमानत के लिए प्रतिभूति के तौर पर (1) अपनी गाड़ी की आर. सी. (2) रजिस्टर्ड जमीन के पेपर या जमीन की फर्द (3) बैंक की अफ. डी. (4) इंद्रा विकास पत्र (5) सरकारी नोकरी होने पर तीन महीने से कम पुरानी पे स्लिप तथा ऑफिस आई. कार्ड. की कॉपी इत्यादि पर कोर्ट के बताये मूल्य के अनुसार हो तो जमानत की प्रतिभूति के लिए उपयुक्त है |
बैल या जमानत मिलने की शर्ते :-
जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत, ज़मानत पर रिहा होना का मतलब है कि आपकी स्वतंत्रता तो है पर आप पर कई प्रकार की बंदिशे भी कोर्ट द्वारा लगाई जाती है ये बंदिशे बैल बांड से अलग है जैसे की आप रिहा हो कर शिकायत कर्ता को परेशान नही करेंगे, किसी भी गवाह या सबूत को प्रभावित नही करेंगे |
ऐसा न करने करते पाये जाने पर तथा जमानतीय अपराध धारा 436 के अंतर्गत, ये अपराध जमानती होने पर कोर्ट आप के खिलाफ गैर जमानती धारा में FIR रजिस्टर्ड कर के आप को जेल में भेज सकता है तथा ज्यादातर मामलो में पाया जाता है की शिकायत कर्ता कोर्ट में झूठी शिकायत दे देते है की आरोपी बैल या जमानत लेकर उसका दुरूपयोग कर रहा है तथा गवाहों को व उसे धमका रहा है जिससे की आरोपी की जमानत रद्द हो जाये | ऐसे में आप इन चीजो से बचे व सावधान रहे |
जय हिन्द
द्वारा
अधिवक्ता धीरज कुमार
ज्यादा अच्छी जानकारी के लिए इस नंबर 9278134222 पर कॉल करके online advice ले advice fees will be applicable.
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Mariyam
Assalamalykum, uncle mere bhai jinki age 24 hai
Unhke ek hand ka operation hua tha ek month bhi nhi hua tha aur police ne unpr dhara 436 agni kaand lga kr unke saath 3 logo Ko jail bhej diya gya. Fariyada ke paas sirf ek i- vicitim h jo keh rha h ki usne hmare bhai aur 3 logo ko aagh lga kr bhagte dekha h lekin uncle hmare paas proof h ki jis wakt aagh lgi h us wakt hmara bhai ghar pr tha. Hmare paas camera jo hmare ghar me lga h usme photage h ki jb aagh lgi thi hmara bhai ghar tha lekin ab tk kisi ko jamanat kyo nhi mili 3 month hone wale h?? hmare elder brother ko. Aur police walo ne chalan diary me ye likha h ki charo ne apna apna guna kabool kr liya h lekin uncle us page pr hmare bhai aur 3 logo ki signature nhi h
Advocate_Dheeraj
mariyam जी,
कॉल 9278134222 करके सलाह ले फीस 1000 होगी
तरूण सिंह
सर मेरे ऊपर 436 धारा लगी है वन संरक्षण के तहत जबकि मैं पेड़ कटाया भी नहीं हूं और मेरे सौतेले भाई ने केस कर रखा है पेड़ कटाने का मैं बाहर हूं पर पुलिस हर महीने आकर सेल्फी ले कर जाती हैं पूंछा तो बोला साहब का आदेश है कि आप यहीं है कंही बाहर तो नहीं गए है तो इसमें क्या करूं कि पुलिस वाले ना आए और मेरा नाम कट जाए
Advocate_Dheeraj
तरूण सिंह जी,
पुलिस ऐसे किसी की घर आ कर फोटो नही लेती है, आपके भाई ने पुलिस को पैसे दिए है ताकि आप मानसिक रूप से परेशान हो | पुलिस आने से पहले थाणे में लिख कर आती है की वे कहा पर किस काम के लिये जा रहे है उनकी एंट्री होती है | आप इसकी शिकायत DCP को करे | की आपको मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है |
हाई कोर्ट में कुँशिंग के लिए आवेदन दे |
istkhar ansary
Sir dhara 336 337 338 lagne par kya hum other country me kam karne ja sakte hai
Advocate_Dheeraj
istkhar ansary जी,
बिना कोर्ट की परमिशन के नहीं जा सकते है वरना आपके पीछे कौन कोर्ट में अपिअर होगा पहले permanent exemption ले फिर जाए
Ankit Patel
Sir mere jija ji ko dhara 436 lagi hai
Unhone kuch nhi kiya hai par unke bhai logo ne milkar khud hi apne ghar par aag lagai aur 100 dial ko bula kar arrest karva diya aur unpar 436 dhara lagva dii .
Sir ab unki jamanat ke liye kya kare
Please help me sir
Advocate_Dheeraj
जमानत तो आसानी से घरेलू केस है दुशमनी के लिए कह कर मिल जाएगी
आप केस जितने के लिए गवाह व सबूत तलास करे
vijay kumar mishra
Police ne abhi aag lagane wale ko arrest nahi kiya kya vha jal gaya to arrest nahi karege mere papa ki mahant uske aag lagate vakat uske haat bhi nahi kape jabki mere papa kisi se galat bhi nahi bolte or jo kahate hai vo sun lete hai vo thakar hai or kha rahe hai ki ese dukan hi karani hai kya kanun nahi hai ye log dada giri karte hai m alwar ka rahane wala hu
Advocate_Dheeraj
पूरी बात लिखे, क्या जानकारी चाहते है ये भी लिखे
shalini
mera bhai hai 436 act may 3 month se faridabad jail may hai uski bail kaise ho sakti hai aur jamanat ke tor per hame kya dena hoga
Advocate_Dheeraj
बिना पेपर देखे या फैक्ट जाने, बेल के बारे में नही बता सकता हु | जमानत में कोई गाड़ी हो, बैंक में F.D., govt. जॉब सलेरी स्लिप, या प्रॉपर्टी के पेपर इत्यादि
Shyoraj Chaudhary Advocate
आपका समझाने का तरीका सरानीय है। श्योराज चौधरी एडवोकेट अजमेर
Advocate_Dheeraj
धन्यवाद, वकील साहब, आप जैसे वकील भाइयो से ही सिखा है |
ashish
Sir kisi ne yadi aag lagane ka jhoot case darj kar diya hai to isse kaise bachha ja sakta hai,,,kyuki apne hatho ghar jalakar dusmani bus case lijhwa diya ho to kya kare,,,
Advocate_Dheeraj
आप ये साबित करे की आप वहा पर नही थे | और आपकी उससे पुरानी\ दुशमनी के कारण ये आरोप आप पर लगाया है
अमित श्रीवास्तव
नमस्कार सर
138 ni में NBW हुआ है क्योंकि मुझे जानकारी नही थी न तो मुझे कोई समन मिला न ही नोटिस क्योकि मेरा पता ही गलत लिखा है
Advocate_Dheeraj
आप केस में देखे की आपका पता शिकायतकर्ता ने गलत कैसे लिखवाया | क्या वो आपको जनता था | जब आपका उससे सम्पर्क हुआ और चेक का लेनदेन हुआ तब आप कहा रहते थे उस के कोर्ट में सबूत दे तथा उसने गलत पता लिखा इसका कारण भी जाने | वैसे कोर्ट, केस जितने में आपकी इस बात को ज्यादा तबज्जो नही देगी, लेकिन ये बात जज साहब के दिमाग को मोड़ने में सहायक होगी | इस आधार पर आपके वारंट आसानी से केंसिल हो सकते है | सबूत के तौर पर आप अपना पता अपने बैंक में लिखे पते को दिखा कर भी साबित कर सकते है | ये तब भी वही था जहा आज आप रहते है |
salinder singh
sir Mana ladki sa court marriage ki baad Mai uska ghar balo ka paata chal gya uska baad usna Maana kar diya woman cell mai application Da di inspector bol Rahi hai tum paar Dhara 376 Laga ge paar sir mai kya Karu
Advocate_Dheeraj
376 का केस नही बनेगा | आप कोर्ट में अपनी पत्नी को घर लाने का केस करे | धारा 9 हिन्दू मेरिज एक्ट में