क्रिमिनल केस ट्रायल दो प्रकार के होते है | एक वो जो की FIR के आधार पर होते है | दूसरा कंप्लेंट केस, जिसमे हम कोर्ट में धारा 156 (3) CRPC में FIR के लिए कोर्ट में जाते है |
यहाँ हम सिर्फ पुलिस द्वारा की गई FIR के ट्रायल के बारे में बात करेंगे | इसको हम तीन भागो में बाटेंगे पहला भाग चार्ज शीट फाइल होने से पहले का जिसमे पुलिस इन्वेस्टीगेशन होती है तथा दूसरा कोर्ट में केस ट्रायल का तथा तीसरा जजमेंट के बाद अपील का है | आइये इसे विस्तार से जाने :-
इंपोर्टेड हाइलाइट्स
. पुलिस द्वारा FIR करना
. बैल करवाना
. चार्ज लगना
. गवाही
. जजमेंट
. अपील
. एप्लीकेशन जो केस में लगती है
पहला भाग (पुलिस इन्वेस्टीगेशन)
क्राइम की सुचना पुलिस को देना या उन्हें मिलना या शिकायत करना
क्राइम की शुरुआत होने के बाद सबसे पहला काम होता है उसकी सुचना पुलिस को देना | जो सुचना देता है वो शिकायतकर्ता कहलाता है और जो क्राइम से प्रभावित होता है वो विक्टिम यानि पीड़ित कहलाता है | सुचना देने वाला व्यक्ति पीड़ित नही भी हो सकता है जैसे कोई व्यक्ति जिसने सिर्फ क्राइम होते हुए देखा हो लेकिन वो उसका हिस्सा नही हो, वो शिकायतकर्ता हो सकता है पीड़ित नही |
क्या पुलिस भी शिकायतकर्ता हो सकती है
जी हां, पुलिस स्वय, किसी भी क्राइम की शिकायतकर्ता हो सकती है | जैसे की कोई पुलिस ऑफिसर गस्त पर है और वो कोई क्राइम होते हुये देखे तो वो स्वय भी शिकायतकर्ता हो सकता है | इसके अलावा पुलिस अपने किसी मुखबिर से कोई सुचना मिले या फिर कोई अपनी पहचान बताये बिना पुलिस को सुचना दे, तो उस क्राइम में भी वो पुलिस ऑफिसर ही शिकायतकर्ता होगा |
FIR दर्ज करना धारा 154 Cr.P.C. में पुलिस इन्वेस्टीगेशन करना
जब भी, पुलिस को क्राइम की सुचना मिलती है उसका पहला काम होता है धारा 154 Cr.P.C. में FIR रजिस्टर्ड करना | अगर समय नही है और मौके पर पहुचना जरूरी है तो पुलिस पहले मौके पर जाकर हालात काबू में करेगी | फिर FIR रजिस्टर्ड करेगी |
मेडिकल करवाना पीड़ित / शिकायतकर्ता या आरोपी का
पुलिस FIR करने से पहले या फिर FIR करने के बाद जैसा भी उचित समझे वैसे, सबसे पहले शिकायतकर्ता या आरोपी दोनों पार्टियों को मेडिकल के लिए पास के सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर जाएगी |
अरेस्ट करना, पुलिस बैल या जमानत
सबसे पहले पुलिस आरोपी को अरेस्ट करके उसके किसी भी परिचित को इतला करेगी अगर जरूरी हुआ तो आरोपी के दिए गये पते पर किसी पुलिस ऑफिसियल द्वारा जाकर लिखित में इतला की जाएगी
अगर पुलिस को लगता है की जिस धारा में केस बनता है वो धारा जमानतीय है तो वो आरोपी को पुलिस स्टेशन में ही जमानत पर छोड़ेंगी | इसके लिए वे किसी जमानती की मांग भी आरोपी से कर सकती है |
अगर अपराध गैर जमानतीय धाराओं में है तो पुलिस आरोपी को अरेस्ट करने के 24 घंटे के अंदर किसी भी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करके, आरोपी को जेल भेज देगी | फिर आरोपी को जमानत देगी की पॉवर कोर्ट की होगी |
आरोपी द्वारा जमानत या अग्रिम जमानत लेना
अगर कोई आरोपी घटना स्थल से अरेस्ट नही हुआ है या फिर भाग गया है वो अपनी अग्रिम जमानत भी कोर्ट से ले सकता है या फिर पुलिस या कोर्ट के सामने समर्पण करके भी जमानत ले सकता है | शिकायतकर्ता चाहे तो उस बैल के खिलाफ उपर की कोर्ट में बैल कैंसिलेशन फाइल कर सकती है |
पुलिस द्वारा केस में इन्वेस्टीगेशन करना सबूत इकठ्ठा करना
FIR रजिस्टर्ड होने के बाद पुलिस का काम होता है की वो केस की निष्पक्ष जाँच करे और रिपोर्ट फाइल करे केस का इंचार्ज I. O. यानि की इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर होता है | वही केस की जाँच करता है | घटना की जगह का नक्शा बनाता है, जरुरी कागजात व्यक्तियों या डिपार्टमेंट से लेता है, गवाहों के धारा 161 CRPC में बयान दर्ज करता है इत्यादि |
डिस्चार्ज शीट या चार्ज शीट फाइल करना
अगर I. O. अपनी इन्वेस्टीगेशन में ये पाता है की शिकायतकर्ता की शिकायत झूठी है और आरोपी निर्दोष है तो वो डिस्चार्ज समरी या FR कोर्ट के सामने फाइल करके केस को खत्म कर सकता है| (ऐसे में कोर्ट चाहे तो केस को शिकायतकर्ता या केस में किसी पीडित की प्रोटेस्ट पेटिसन पर चला सकती है)
अगर, ऐसा नही है और आरोपी के खिलाफ सबूत है तो आरोपी के खिलाफ चार्ज शीट कोर्ट में फाइल कर दी जाती है | फिर कोर्ट में क्रिमिनल केस ट्रायल चलता है |
किसी भी क्रिमिनल केस में चार्ज शीट फाइल करने की समय सीमा 60 दिन या 90 दिन होती है | जो की केस की धाराओं पर निर्भर करती है | जो केस बड़ी धाराओ में रजिस्टर्ड होते है जैसे की मर्डर / रेप/ जान से मरने की कोशिश इत्यादि में 90 दिनों में पुलिस को चार्ज शीट फाइल करनी होती है | बाकी धाराओ में 60 दिन में चार्ज शीट फाइल करनी होती है | लेकिन ये नियम तभी लागु होता है जब आरोपी जेल में हो और उसकी जमानत नही हुई हो | अगर आरोपी बैल पर है तो पुलिस चार्ज शीट फाइल करने में ज्यादा समय भी लगा सकती है | ये समय कई महीनो और सालो का भी हो सकता है |
चार्ज शीट में ये चीज़े शामिल होती है
क्रिमिनल केस ट्रायल की चार्ज शीट में ये चीजे शामिल होती है :- (1) दोनों पार्टियों शिकायतकर्ता और आरोपी का नाम, (2) केस की सूचना की प्रकृति की केस की सुचना कैसे मिली (3) शिकायतकर्ता के शिकायत की प्रति (4) शिकायतकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट (5) आरोपी की गिरफ्तारी या बैल से सम्बन्धित पेपर (6) सभी गवाहों के ब्यान “लड़की के 164 CRPC के बयान” (7) अन्य कोई केस से सम्बन्धित पेपर इत्यादि
दूसरा भाग (क्रिमिनल केस ट्रायल)
चार्ज शीट फाइल होने बाद आरोपी पर क्रिमिनल केस ट्रायल शुरू हो जाता है | सबसे पहले आरोपी को समन द्वारा बुला कर चार्ज शीट की कॉपी दी जाती है | अगर कॉपी में कोई कमी है तो वकील साहब धारा 207 CRPC में कोर्ट के सामने आवेदन करके वे पेपर कोर्ट से लेते है या फिर चार्ज शीट की कमियों को कोर्ट में बता कर लेखाबद करवाते है | ताकि वे बाते कल को केस के फाइनल आर्गुमेंट के समय आरोपी के खिलाफ नही जाए |
चार्ज फ्रेम
चार्ज शीट के पेपर की फोरमल्टी पूरी होने के बाद चार्ज पर बहस होती है | चार्ज का मतलब होता है आरोपी पर धाराए लगाना की किस धारा में उस पर केस बनता है और किन धाराओं में उस पर केस चलना चाहिए | इसे “चार्ज फ्रेम” करना कहा जाता है |
अगर कोर्ट को लगे की आरोपी पर केस/चार्ज फ्रेम करना बनता है | लेकिन धाराये सही नही है तो वो इन धाराओं को बदल कर नई धाराओं में भी चार्ज लगा सकती है |
चार्ज पर बहस के बाद आरोपियों को या तो आरोप मुक्त किया जाता है या फिर चार्ज फ्रेम किया जाता है। चार्ज फ्रेम किए जाने के बाद अदालत आरोपी से पूछती है कि, क्या उसे अपना गुनाह कबूल है | अगर वह अपना गुनाह कबूल कर लेता है तो उसे उसी वक्त सजा सुना दी जाती है और क्रिमिनल केस ट्रायल यही पर समाप्त हो जाता है |
लेकिन आमतौर पर आरोपी द्वारा गुनाह कबूल नहीं किया जाता और अदालत में आरोपी कहता है कि वह क्रिमिनल केस ट्रायल फेस करेगा और फिर उस केस ट्रायल शुरू हो जाता है।
गवाही PE (प्रोसिकुशन एविडेंस)
क्रिमिनल केस ट्रायल की इस स्टेज पर चार्ज शीट में दी गई गवाहों की लिस्ट के अनुसार गवाहों की गवाही होती है सबसे पहले विक्टिम / शिकायतकर्ता की गवाही होती है | इसके बाद कोई पब्लिक विटनेस यानी की घटना के वक्त कोई चश्मदीद गवाह हो तो उसकी गवाही इसके बाद पुलिस और डॉक्टर या फोरेंकिस लैब वालो की जो भी केस के अनुसार दिए हो | वैसे सबसे लास्ट में I.O. यानि की इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की गवाही होती है | इस में आरोपी पक्ष का वकील अपने क्लाइंट को बचने के लिए गवाहों की स्टेटमेंट के बाद उनसे जिरह / Cross करता है | इसे क्रॉस एक्सामिन cross examination करना भी कहा जाता है |
(क्रिमिनल केस ट्रायल का ये सबसे अहम भाग होता है इसी में आपके वकील साहब की काबलियत देखि जाती है की वे केस को किस प्रकार अपने अनुसार मोडते है) |
इसमें सबसे पहले सरकारी वकील, गवाह के ब्यान लिखवाता है फिर आरोपी पक्ष के वकील साहब उसका क्रॉस करते है | अगर कोई सरकारी गवाह अपने ब्यान से मुकर जाए या होस्टाइल हो जाए तो सरकारी वकील खुद उससे जिरह / क्रॉस करते है, ये साबित करने के लिए की वो जानबूझ कर झूठ बोल रहा है और आरोपी को फायदा पहुचाना चाहता है |
अगर पीड़ित कोई लड़की है और उसकी किसी महिला जज के सामने 164 CRPC की स्टेटमेंट भी हुई है तो वो जज साहिबा भी गवाही के लिए बुलाई जाती है उनका नाम भी गवाहों की लिस्ट में होता है | अगर महिला अपने ये बयाँन होने स्वीकार कर लेती है तो उन जज साहिबा को कोई नही बुलाता है उन्हें ड्राप करवा दिया जाता है | अगर पीड़ित महिला अपने 164 CRPC बयानों को नही मानती है या फिर उनमे कुछ बात, उसकी बिना कहे लिखा हुआ होना कहती है तो, उन जज साहिबा को गवाह के तौर पर बुलाना होता है |
गवाही के दौरान आरोपी का बरी / डिस्चार्ज होना
क्रिमिनल केस ट्रायल में गवाही की स्टेज के दौरान शिकायतकर्ता या किसी गवाह की गवाही से ये लगे की आरोपी को गलत फसाया गया है तो कोर्ट उस को उस व्यक्ति की गवाही के बाद बरी कर देती है | जैसे की शिकायत पक्ष कह दे की ये वो व्यक्ति नही है जिसने की कानून तोडा है | या कोई मेडिकल रिपोर्ट या फिर कोई सरकारी गवाह उसके पक्ष में गवाही दे जाए तो उस गवाही के बाद कोर्ट को लगे की केस को आगे चलाना बेकार है सिर्फ कोर्ट का समय ही खराब होगा तो, ऐसे में कोर्ट ,केस को उसी स्टेज पर जजमेंट देकर ख़त्म कर देती है |
स्टेटमेंट ऑफ़ accused (SA)
शिकायत पक्ष की गवाही होने के बाद आरोपी व्यक्ति की स्टेटमेंट होती है इसमें कोर्ट उससे केस से सम्बन्धित सवाल करती है की ये अपराध उसने किया है | इसमें व्यक्ति अगर अपनी गलती नही मानता है और ट्रायल चलाने के लिए कहता है तो आगे केस चलता है | अगर गलती मान लेता है तो कोर्ट इसी स्टेज पर अपनी जजमेंट दे देती है जिसमे उसे सजा सुनाई जाती है | लेकिन इस स्टेज पर कोर्ट कम से कम सजा देने की कोशिश करती है |
बचाव / डिफेन्स evidence
क्रिमिनल केस ट्रायल की इस स्टेज में आरोपी पक्ष अपने बचाव के लिए अपनी गवाही करवा सकता है या फिर किसी और व्यक्ति की गवाही भी | इसमें वो कोई सबूत अपने पक्ष में हो तो उसको पेश करता है या फिर किसी व्यक्ति या संस्था सरकारी या गैर सरकारी संस्था को कोर्ट द्वारा बुलवा कर पेश करवा कर अपना पक्ष रखता है | इसके बाद केस फाइनल आर्गुमेंट में चला जाता है |
फाइनल आर्गुमेंट/ अंतिम बहस
आरोपी पक्ष की गवाही के बाद केस बहस में लग जाता है अगर बहस में कुछ पॉइंट बिच में आते है जिसमे की समय लगता है या फिर किसी जजमेंट पर बहस होती है तो तारीखे पड़ती है वरना पहली बहस के बाद केस अंतिम बहस में लगता है | वो इसलिए की अगर केस में कुछ छुट गया है तो वो अगली बहस में पूरा किया जा सके |
जजमेंट
बहस पूरी होने के बाद केस में जजमेंट दी जाती है | अगर आरोपी को बरी कर दिया है तो ठीक है | अगर उसे सजा सुनाई गई है तो सजा के कारण दिये जाते है लेकिन सजा कितनी है ये नहीं सुनाया जाता है उसके लिए अलग से तारीख दी जाती है जिसमे उसे सजा सुनाई जाती है | उसकी अपनी अलग कॉपी होती है |
अगर किसी आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई जाती है, तो वो ट्रायल कोर्ट उसके कंफर्मेशन के लिए फैसले की कॉपी हाई कोर्ट भेजती है। जब हाई कोर्ट में फांसी के मामले में कंफर्मेशन के लिए जो रेफरेंस ट्रायल कोर्ट से आता है तो उसी दौरान दोषी व्यक्ति हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर सकता है की उसे फांसी नही दी जाए इसमें वो केस में अपने मजबूत पहलुओ, अपनी समाजिक, पारिवारिक और आर्थिक मजबूरियों का हवाला देता है | फिर भी अगर हाई कोर्ट उसकी फांसी की सजा को कंफर्म करदे तो वो इस आदेश की अपील में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता हैं।
अगर सुप्रीम कोर्ट से भी अर्जी खारिज हो जाए तो ट्रायल कोर्ट उसे फांसी की सजा सुना देती है |
अगर दोषी की सजा उम्रकैद या इससे कम की होती है तो फिर ट्रायल कोर्ट को हाई कोर्ट से कंफर्मेशन की जरूरत नहीं होती ।
संटेंस ऑफ़ जजमेंट
इस की तारीख पर दोषी को सजा सुनाई जाती है | वो सजा जेल जाने, फाइन भरने या फिर सिर्फ कोर्ट में सारा दिन खड़े रहने या अन्य किसी और प्रकार के काम करने की भी हो सकती है |
तीसरा भाग (अपील)
सजा के बाद बैल
अगर दोषी को सजा 3 साल या इससे कम की सुनाई गई है तो आपको उसी कोर्ट से बैल मिल जाती है वरना उसको जेल में जाना होता है | फिर वो उपर की कोर्ट में अपनी बैल अप्लाई करता है |
अगर बैल मजिस्ट्रेट की कोर्ट से मिली है तो आपके पास अपील के लिए 30 दिन का समय है | अगर सेशन कोर्ट आपकी ट्रायल कोर्ट रही है तो आपका अपील का समय 45 से 60 दिन का होता है ये केस के अनुसार निर्भर करता है |
अपील पेटिसन
अगर आपको ट्रायल कोर्ट से सजा मिली है तो आप अपनी उपर की कोर्ट जो की सेशन / हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट जो भी हो वहा अपील कर सकते है |
शिकायत करता को लगे की आरोपी बरी हो गया है या फिर उसे सजा कम मिली है तो वो भी उपर की कोर्ट में उसे ज्यादा सजा दिलाने की अपील कर सकता है
रिव्यु पेटिसन
रिव्यु पेटिसन का मतलब होता है अपने ही आदेश को दुबारा से सुनना | जब कोर्ट आपके किसी आदेश को सुन कर अपना फेसला सुना देती है तो आप दुबारा से उसे अपने आदेश को सुनने के लिए रिव्यु पेटिसन फ़ाइल करते है | ऐसा आप सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कर सकते है | आप चाहे तो हाई कोर्ट में ज्यादा जजों की बैंचो के सामने भी अपने केस को लगवा सकते है |
दया याचिका Mercy petition
अगर दोषी व्यक्ति की हाई कोर्ट और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील ख़ारिज होने के बाद, वो दोषी 10 से कम की सजा के केस में अपने राज्य के राज्यपाल और इससे ज्यादा है तो सीधे माननीय राष्ट्रपति जी के सामने दया याचिका दाखिल कर सकता है। माननीय राष्ट्रपति जी संविधान के अनुच्छेद-72 के तहत दया याचिका पर विचार करने के बाद फैसला देते हैं। अगर दोषी की दया याचिका भी खारिज हो जाए तो उसे सजा भुगतनी ही पड़ती है |
एप्लीकेशन/आवेदन जो केस में किये जाते है :-
exemption एप्लीकेशन (पेशी में छुट) : – अगर आरोपी जिसका केस कोर्ट में चल रहा हो वो किसी कारण से उस दिन नहीं आ सकता है वो धारा 205 CRPC में आवेदन करके उस दिन नहीं आने कारण दे कर कोर्ट में जाने से बच सकता है | ये आवेदन उसके किसी परिचित या फिर वकील साहब दुवारा दिया जाता है |
permanent exemption एप्लीकेशन (प्रत्येक पेशी में छुट) :- आरोपी अपनी कोई मजबूरी जैसे की कोई बीमारी, बुडापा या कोर्ट से उसके घर की दुरी या अन्य सुरक्षा के कारणों का हवाला दे कर वो कोर्ट से परमानंट (permanent exemption) ले सकता है | इसमें उसे क्रिमिनल केस ट्रायल में आने पर छुट मिल जाती है | आरोपी को सिर्फ चार्ज फ्रेम करने/ S.A. के लिए और अंत में जजमेंट के समय ही आना होता है |
क्षतिपूर्ति :- अगर पीडिता या शिकायतकर्ता केस जीती है तो वो कोर्ट से क्षतिपूर्ति पाने की हकदार है | अगर दोषी पक्ष केस जीता है तो वो स्टेट/राज्य से या फिर शिकायतकर्ता से क्षतिपूर्ति या मुआवजा पाने का हकदार है |
इसके अलावा दोषी पक्ष शिकायतकर्ता पर मानहानि का केस भी करके मुआवजा ले सकता है
(वैसे ट्रायल के बारे लिखने को तो बहुत है, एक पूरी बुक लिखी जा सकती है | लेकिन वो सब यहा लिखना सम्भव नही है | इसलिए मेंने सिर्फ कुछ सामान्य तौर पर जरूरी बाते यहा लिखी है |)
जय हिन्द
द्वारा
Advocate Dheeraj Kumar
ज्यादा अच्छी जानकारी के लिए इस नंबर 9278134222 पर कॉल करके online advice ले advice fees will be applicable
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Category: CRPC Act
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Umesh kumar
Hello sir
Sir mera name umesh sir mere uper 156(3) se kaise hua h 376 lgi medical nhi hua hai na ldki ka na hmara Or sir ldki tirail m apne biyan m kha hai ki wo ldka nhi jisne mere sath rape kiya hai usne kha hai ki mere sath koi rape ki ghatna nhi ghti sir ldki balik hai or hm nabalik h ghatna ke time hmari age 17 sal 10 mahe 3din thi case m kya ho skta h
Advocate_Dheeraj
Umesh kumar ji,
congratulation आप केस में बरी हो
श्रवण कुमार
श्रीमान मुझे भी केस में गलत तरीके से 302 ipcलगा कर फंसाया गया है 14/12/20को बहस हुआ अब लिखित बहस की काँपी न्यायालय में जमा होना है ।
Io साहब ने कहा है कि मुझे इसकी सूचना अमुक आदमी ने दी फिर भी मुझे फंसाया गया। सूचक ने भी अंत में कहा यह आदमी घटना के समय वहां नही था। तो पोलिस ने चार्जशीट दाखिल के बजाय डिस्चार्ज शीट क्यों नही दाखिल किया?
Advocate_Dheeraj
श्रवण कुमार जी,
आप पुरे फैक्ट्स बता कर कॉल 9278134222 करके सलाह ले फीस 1000 होगी
Sanjeev
Sir ,mein apnay padosi ke home loan mein guaranter tha,uske emi nahi jama karnay par bank se notice aanay par meri us aadmi se behas hui aur uski wife ne mere naam se 354 ka fir karwa diya 2015 mein par iska pata mujhay 2018 mein chala,us wakt police ne kaha tha ki case nahi hua hai aur mein police station se wapas aa gaya tha ,par ab pata chal raha hai ki yeh police aur mere parosi ka game tha,police ne us wakt mujhay dar dikha kar kuch paise bhi liye thay,
Ab last 1.5 saal se patiyala court mein case chal raha hai ,pls suggest.
Advocate_Dheeraj
Sanjeev जी,
डिटेल के साथ मिले | मेरी डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
Deepak
Sir sesan cort charj Fram me bahas ke doran arop mukt Kar de to kya birodhi parti fhir se Kesh me kuch Kar Sakti he karegi to kya
Advocate_Dheeraj
Deepak जी,
जजमेंट की में वो भी अपील कर सकती है
SAVITASHARMA
Sir ipc 392397 me kya bail nahi hogi
Advocate_Dheeraj
कॉल 9278134222 करके सलाह ले फीस 1000 होगी
Rahul
Sir me ek student hu sir 2014 me meei mother ki accident me death ho gyi thi uske 3 sal bd sir ghr pr ek notice aaya jisme likha tha sakshi ko saman or niche likha tha dhara 16 or 244 dekhiye sir ye notice kis liye gya tha isse koi problem to ni hongi sir me police ki exam ki preparation kr raha hu
Advocate_Dheeraj
Rahul जी,
नोटिस दिखाए और सलाह ले डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
Surya verma
Sir Pasco ka case tha 376 aur 3/4 Pasco ladki 161 aur 164 me kaha ki rape hua tha fir adalat me kaha ki rape nhi hua tha aur meri age 20 sal ha mtlb ladki hostile ho gyi lekin medical me age 15 ha fir bhi court ne saja de di to kya high court se bell aur bari ho jayega case kyu ki adalat ne 164 aur medical pr saja di ha but ladki court me hostile ha kya bari high court se ho jayega aur bell mil jayegi
Advocate_Dheeraj
Surya verma जी,
हाई कोर्ट में केस जीत जाओगे
mahendra verma jajoriya
सर में विकलांग हु ओर मेरे पड़ोसी ने लोहे के पाइप से मेरा सर फोड दिया, ओर एक हाथ की उंगली फेक्चर करदी मुझे सिर में 12 टांके आये और MLC में नार्मल इंजरी देदी जबकि 12 टांके थे लेफ्ट हैंड की उंगली फेक्चर है तो greavius hurt में 325 धारा में मुकदमा दर्ज हुआ , जानना चाहता हु की आरोपी को सजा कब मिलेगी और कितने साल की मिलेगी और मुझे क्या हर्जाना मिलेगा।।।।
Advocate_Dheeraj
mahendra verma jajoriya जी,
कॉल करके सलाह ले डिटेल वेबसाइट पर देखे
दिनेश
सर जी प्रणाम
सर मैं दवा लेने निकला और पुलिस ने धारा 188/271 में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। 5 माह हो गये। चार्जशीट CO आफिस में है। क्या मुझे कोर्ट से नोटिस आने का इन्तजार करना चाहिए या CO आफिस से चार्जशीट शीघ्र भेजने का निवेदन करना चाहिए। क्या प्राइवेट डाक्टर का पर्चा दिखाकर मै बरी हो सकता हूँ। पुलिस कहती है कि सरकारी डाक्टर का पर्चा मान्य होगा। कृपया मार्गदर्शन करें ।
Advocate_Dheeraj
दिनेश जी,
मेडकल पेपर दिखा कर बच सकते है
D.N.Yadav
सर जी प्रणाम
सर मैं दवा लेने निकला और पुलिस धारा 188/271 में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। पर्चा प्राइवेट डाक्टर का है। चार्जशीट ज़िला न्यायालय में चली गयी है। क्या हाई कोर्ट से पुलिस आरोप पत्र रद्द कराया जा सकता है। या हमें क्या करना चाहिए। कृपया उचित सलाह दे।
Advocate_Dheeraj
D.N.Yadav जी,
हाई कोर्ट से केस रद्द हो सकता है | वैसे कोर्ट में भी ये जुर्माने से खत्म हो जायेगा
Tarun sharma
Sir m soldier hu ,mera uncle ne hamari family ko chot phunchayi thi ,uski wife bhi handicap h un dono k 323 ki dhara lgi h ,us time pr m leave nhi tha,lekin jb m agli bar leave pr aya to unhone fir se ladai krne k bhagane mujhe bhi fnsa liya or hamari family pr bhi whi case lag gya kuki uski wife handicap h uske jhuthi chot lgava li or hme fnsa diya ,mere uper bhi case lag gya
Usne mere uper glat arop bhi lgaya ki mene uske sath gndi harakt ki meri job chudvane k liyie
Kya mere uper jo case lga us se meri job schuud skti h kya,or wo har bar mere job chuddvane k piche pde hn ,mujhe kya krna chyie.. please guide me
Advocate_Dheeraj
Tarun sharma जी,
केस की डिटेल के साथ कॉल करे, डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
Pankaj Arun Mishra
Sir Mai BSF me Constable hu mere father ko Kuchh logo ne bewjh raste ko lekr pita Aur Jaan se marne K dhamki v di Aur jab police station gye to incharge ne bola k Jaan se marne K dhamki hta do fir ho jayega fir Maine sp sir se shikayat kiya to fir Likh liya lekin dusari party ko bula kar same act me unse v Karwa diya fir 323 504 506
Jabki police station mere father pahle gye the Aur Unko bulaya police walo ne suggest me please sir
Jai hind
Advocate_Dheeraj
Pankaj Arun Mishra जी,
वो तो पुलिस की पॉवर है, वो क्रॉस केस बना सकती है | लेकिन केस लड़ना और जितना हमारे हाथ में है | अब आप सबूतों के साथ केस लड़े और उन्हें सजा करवाए | केस के पेपर दिखने और ज्यादा जानकारी के लिए आप कॉल करके सलाह ले | डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
Banty singh
sir dhara363, 366,376,506,4pocso m, kya saja h o high court se bail kitne din m mil sakti h jab ladki ka kahna h ki vo ek saal se baat karti h ladke se
Advocate_Dheeraj
Banty singh जी,
FIR की कॉपी देखकर बताया जा सकता है
Ritik
धारा 420, 156(3), 120 B का lga हैं उसमे ही बुलाया था दरोगा ने और एक कागज पर sign करवाएं हैं
इसमें कुछ fill नहीं किया उन्होंने और हमसे sign करवा लिया
क्या इसमें sign करवाई जाती हैं सर
Advocate_Dheeraj
Ritik जी,
फॉर्मल अरेस्ट डिटेल पर लिए होंगे
Ritik
Sir| मेरे खिलाफ एक झूठा मुकदमा 156(3) पर लिखाया गया था जिसमें दरोगा का फ़ोन मेरे पास आया तो आज मैं उनके पास गया तो उन्होंने मुझसे एक फॉर्म में हस्ताक्षर करवाएंगे हैं मैं उसको पढ़ न पाया… और डर की वजह से Sign कर दिया
सर वो किस चीज का फॉर्म होता हैं??? और सर दरोगा कोई उसमे गलत लिख के फसा तो नहीं skta हमें???
Advocate_Dheeraj
Ritik जी,
कोई ऐसा फॉर्म नही होता है, लेकिन जमानती केस में sign करवाते है
Rahul Prajapti
सर प्रणाम, कृपया बताये कि क्या उत्तर प्रदेश सेशन कोर्ट से 323, 504, 342, 324, 307 के आरोपी द्वारा मांग करने पर पीड़िता का नार्को टेस्ट और लाई डिटेक्ट व ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराये जाने का आदेश मिलेगा या नहीं और कृपया आप अपना व्हाट्सप्प न. भी दे ताकि मै अपने केश का पेपर दिखा कर आपसे क्वैश करने के सम्बन्ध मे राय ले सकू |
Advocate_Dheeraj
Rahul Prajapti जी,
हाई कोर्ट ही आदेश दे सकती है | आप कांटेक्ट के लिए वेबसाइट देखे वहा पूरी डिटेल दी गई है
D.N.Yadav
Sir aap high court me hai ya supreme court me.
Advocate_Dheeraj
D.N.Yadav जी,
दोनों अटेंड करता हु |
दिनेश
सर मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ। मैं दवा लेने गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। धारा 188/271 लगायी गयी है। मैं अपनी मां के लिये दवा लेने निकला था। दवा का पर्चा प्राइवेट डाक्टर का है। मैं भी हार्ट पेशेंट हूँ और मेरी दवा भी बराबर चलती है। मेरी दवा भी समाप्त हो गई थी। दवा का पर्चा है।
1-क्या मैं कोर्ट में बरी हो सकता हूँ?
2-यदि सजा मिलेगी तो क्या नौकरी जा सकती है?
3-मुझे क्या करना चाहिए?
Advocate_Dheeraj
दिनेश जी,
1 डाक्यूमेंट्स दिखा कर बरी हो जायेंगे
2 फाइन लगा तब भी जॉब मिल जाएगी
3 कोर्ट में मेडिकल डाक्यूमेंट्स दिखा कर फाइन से बचे और बरी हो जाए |
दूधनाथ यादव
सर 188/271 का मुकदमा लाकडाउन में हो गया है। मैं सरकारी अध्यापक हूँ। क्या नौकरी पर क़ोई परेशानी हो सकती है।
Advocate_Dheeraj
दूधनाथ यादव जी,
नही
Anoop dave
सर मैं दमोह जिला मध्य प्रदेश से हूं पेशे से पत्रकार भी रहा हूं मेरे ही गांव के सरपंच के द्वारा झूठा हरिजन एक्ट एक्ट लगाया गया क्योंकि मैंने उसकी भ्रष्टाचार की शिकायत की थी उसके सरपंच से पूर्व मेरे दादा सरपंच रहे उसमें मेरे दादा के फर्जी साइन करके अपने कार्यकाल में पैसे शौचालय की निकाल लिए थे जिसकी जांच मैंने करवाई और उसी के बाद उसने मेरे और मेरे परिवार के ऊपर हरिजन एक्ट लगा दिया अब ३ वर्ष हो चुके हैं हाई कोर्ट में भी पुनः जांच की याचिका लगी कि डीजीपी एसपी अपने मंत्रियों को उन्हें जांच के आवेदन दिए चुका था लेकिन जांच किसी भी अधिकारी के द्वारा ही की गई और हम सब को जेल जाना पड़ा अभी हरिजन एक्ट कोर्ट में चल रहा है और उसकी रिकॉर्डिंग भी है जो वह कह रहा है कि मैंने तुम्हें फसाया है और अगर आपके द्वारा कुछ किया जाएगा तो पेपर झूठे केस में आपको फंसा दूंगा दिशा बताइए मैं क्या करूं
Advocate_Dheeraj
Anoop dave जी,
रिकॉर्डिंग के आधार पर ही उस पर भी कोर्ट के द्वारा धरा 156(3) CRPC में केस करे | दोनों केसों को एक ही कोर्ट में चलाए
अमरीश
Sir जी मेरे 3 दोस्तो सहित हमारे ऊपर एक वियक्ति ने चोरी की धारा 380 व 457 लगाई है ये धाराएं क्यों लगाई जाती है इनमे क्या सजा का प्रवधान है और क्या अगर सजा मिलती है तो हमे जमानत उसी दिन मिल सकती है आप से विनम्र निवेदन है कि किर्पया आप हमे ये
जानकारी देने की किरण करे मैं अमरीश
Advocate_Dheeraj
अमरीश जी, FIR की कॉपी के साथ कांटेक्ट करे और एडवाइस ले | डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
S.S. Okha
Complaint case trail ka procedure kya hai…?
Advocate_Dheeraj
S.S. Okha जी,
इतना नही लिखा जा सकता है, पूरी एक पोस्ट हो जाएगी | अच्छा होगा आप कॉल करके सलाह ले | फीस डिटेल वेबसाइट पर दी हुई है
Preeti
Sir kya kisi case me oersonal life bhi involve ki jati hai
Advocate_Dheeraj
Preeti जी,
डिटेल में लिखे |
Shashi Kant Adv.
Sir, the legal information provided by you are fruitful and you are doing such a social and legal awareness by helping all. Thanks a ton Sir.
Advocate_Dheeraj
Shashi Kant Adv. ji,
thanks for your complement.
naveen singh
agar koi ladki apney 164 ke bayan me ye kahey ki meri marji se sambandh baney they aur apney ko meri patni bataye lekin hamari koi reeti rivajo se shadi na hui ho bus usney mere se kasam le rakhi ho aur usi ko record kar ke mujhey hi dhamki de.fir bhi rape ki fir likhwa de to kya mujhey es case se chutkara mil sakta hai jabhi wo pahley se hi shadi suda hai aur apney talak ke paper bhi mujhey aaj tak nhi dikhaye ab meri shadi kahi aur ho gayi hai lekin 164 ke bayan me usney likhwaya hai ki meri marji se sab kuch huwa hai to kya rape case lagega…
Advocate_Dheeraj
naveen singh ji,
रेप नही बनता है
Shruti deshbhratar
Sir mere mangetar pr uski ex gf ne shadi ka jhasa de kr rep Kiya aisa case lagaya hai aur ye bat 2 sal pehle hui hai aisa likha hai fir me sir mere mangetar ko beal kab hogi
Advocate_Dheeraj
Shruti deshbhratar जी,
अभी तो कोरोना के चक्कर में आसानी से बैल मिल सकती है | बाकी में केस के फैक्ट्स और FIR की कॉपी देखकर बता सकता हु आप कॉल करके सलाह ले |
Harish Kumar Sharma
Sir mera sherhouse ka Oder huya hai lower court se session court mai mai be relief nahie Mila high court mai criminal revision dala DV act mai ABI koi Oder nahie huya hai par lower court bol rha hamare oder ko follow karo nahie to action hoga kya vo muje andar kar sakta hai jab ke high court mai appeal panding padi hai aur use be PTA hai lower court ko.sir mai kya karu ab?
Advocate_Dheeraj
Harish Kumar Sharma जी,
आपकी revision में स्टे नही है इसलिए या तो स्टे ले या फिर लोअर कोर्ट से रिक्वेस्ट करे या फिर अंत में उसकी बात माने
Pavan
Sorry sir hamne shadi nhi ki hai aur ladki ne bhi 164 me bola hai ki maine sahdi nhi ki hai aur main inke sath hi rehna chahti hu but kya use nari niketan se main nikal sakta hu
Advocate_Dheeraj
Pavan जी,
वो 18 साल की होने के बाद ही निकलेगी |तब वो स्वय आवेदन करे |
Pavan
Hello sir maine ek ladki se bhaag kar shadi ki aur ham arrest ho gaye ladki ki age 17 saal 6 mahine hai use nari niketan bhej diya aur mughe jel meri bail ho gyi but sir ladki ne 164 crpc me mere sath rehne ko bola hai aur mere sath rehna chahti hai but ab use nari niketan se kaise nikalu
Advocate_Dheeraj
Pavan जी,
वे या तो उसे उसके माता पिटा को सोपेंगे या फिर 18 साल के बाद वो स्वय बहार आ जाएगी | अगर आपने शादी की हुई है तो उसके सबूत लगा कर आप उसकी कस्टडी ले लेना
Vishal singh
354 ka case chal raha hai mere final argument hai aur mere se jamanati manga hai kya jaruri hai
Advocate_Dheeraj
Vishal singh जी,
जब कोर्ट को किसी को बरी करना हो तो ऐसा होता है |
Suraj
Sir mere ek padoshi se jhagra hogya usne hamare khilaaf jhuti fir 341/325/354/506/34 ipc laga di hai sir
Balki hmne aisa kuch kiaa hi nai sir kya kare plzz kuch bataye
Advocate_Dheeraj
Suraj जी,
अगर आपके खिलाफ सबूत है की आप निर्दोष है तो हाई कोर्ट में रिट लगाये वरना केस तो लड़ना ही है |
ज्यादा जानकारी के लिए FIR की कॉपी के साथ कॉल करके सलाह ले
Golu Parmar
Sir mujhe 302 case me jhuta police fsa diya aur mera name fir me bhi nahi he aur fir karne bala meri sanakti bhi nahi kar paya
Advocate_Dheeraj
Golu Parmar जी,
पुरे फैक्ट्स लिखे या फिर कॉल करके सलाह ले ऐसे नही बता सकूंगा
Priyanshu
Sir Maine aur mere pdosi ne apne samne ek mhila K sath chedchhad hote dekha h pr police ne report nhi likhi to court se priwad fir krayi 376d,323,504,506etc ipc K sath report darj ki gyi lekin charg sheet me police me 323,504,506ipc Rakhi h aur file stay me bhi h aur mere pdosi ne police ko byan diya h ki ghatna jhuti h pr ye shi h to kya us mhila ko insaf nhi mil payega medical report me bhi mhila K sath chechhad dikhaya gya h to ab is case m kya Ho sakta h
Advocate_Dheeraj
Priyanshu जी,
केस में चार्ज शीत भी लगाई है और फाइल स्टे में भी है ये दोनों बाते एक साथ नही हो सकती है | आप दुबारा से जानकारी ले कर अपनी बात लिखे |
Raju Rajak
Sir mere chacha logo ne kisi ke sath jhagra kiya our unke khilap thane pe fir karke case chal raha he jisme mujhe bhi phasa diya our mera bhi name he. Sir mere upar Jhutha fir he us time jab fir hua tab me bimar tha to mene thane nahi a paya mera name katwane ke liye lekin mere papa gya tha thana our daroga ne bola Apke bacha ka Adhar card rakh do cut denge uska name. Lekin mera name nahi Kata our Ab court me case pending he.me sir 20 sal ka hu jab me 17 sal ka tha tab fir hua. To Kya sir me sarkari job apply kar sakti hu our mera fir radd ho sakta he Please sir bistar se bataye. Please please sir.
Advocate_Dheeraj
Raju Rajak जी,
FIR रद्द होगी या नही ये तो में आपकी फाइल देखकर ही बता सकता हु आप कॉल करके सलाह ले वो फाइल whatsup करे |
दूसरा केस के चलते आपको फ़ोर्स को छोडकर कर कोई भी नौकारी मिल सकती है |
Harish Kumar Sharma
Sir mere upar 498a,323,3/4 dp act ka Court camplant case cal rha hai jisme crpc 244 ke witness ho rhai hai ladki wale ki tarf se par 202 mai jis witness ne gawai de hai vo 244 mai bimari ka bahana bna rha hai aur ek bol rha hai ke vo bahar rehta hai ladki wale un dono ke jaghe kisi other person ke witness karvana cahatye hai 244crpc mai kya esa ho sakta hai kya court witness alow krega in un dono ke jaghe kisi aur Ko kirpya marg darsan kare sir.
Advocate_Dheeraj
Harish Kumar Sharma जी,
कोर्ट allow कर देगा, आप भी किसी को भी अपनी गवाही के लिए बुला सकते है
R. K Prajapati
सर प्रणाम, मेरी भाभी जो विधवा है और अपने तीन बच्चो के साथ 2014 से हमसे अलग और दूर रहती है| मेरे माता पिता एक वरिष्ठ नागरिक है जो बीमार रहते है उनकी देखभाल के लिए मै उनके साथ रहता था | मेरे भाई की मृत्यु के बाद भाभी के पिता भाभीजी का पुनर्विवाह मेरे साथ करना चाहते थे लेकिन मैंने मना कर दूसरी लड़की से विवाह कर लिया जिसके बाद से भाभी दूसरी जगह रहने लगी और मेरे पिताजी के स्वार्जित संपत्ति का बटवारा करने की मांग करने लगी मेरे पिताजी ने मना कर दिया | अप्रैल 2019 मे मेरी नौकरी लगी तो भाभी अपने मायके वालों के साथ मिलकर साजिश रच कर 6 जून को वापस घर आयी और 7 जून 2019 को दोपहर 02:30 बजे जब सब सो रहे थे अपने को घर मे बंद करके अपने बेटी से बाहर से कुण्डी लगवा कर आग लगा ली और फोन करके पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर धारा 323, 504, 326, 342 मे केश दर्ज कर मुझे 7जून 2019 गिरफ्तार कर 9 जून को जेल भेज दिया | 27 अगस्त 2019 को मै उच्च न्यायलय से ज़मानत पर बाहर आया तो मुख्यमंत्री पोर्टल पर मेरे खिलाफ जान से मरने की धमकी देने और हिस्सा ना देने की शिकायत कर दी जिसमे पुलिस ने मुझे 107/116 मे चालान कर दिया | 6 महीने बाद 27 दिसंबर 2019 को पुलिस ने 323, 504, 326, 342 मे चार्जशीट दर्ज की है |मेरा केश अभी चार्ज नहीं हुआ है और चाज्शीट मुझे नहीं मिली है | आप कृपया बताये कि मुझे कोर्ट से सामान कब तक आ सकता है और क्या आप 482 धारा के तहत मेरा केश ख़तम करवा सकते है? यदि ख़तम करवा सकते है तो फीस क्या होंगी? मेरा उच्च न्यायालय इलाहाबाद है | कृपया जबाब जरूर दे emai पर|
Advocate_Dheeraj
R. K Prajapati जी,
482 में कुँशिंग हो सकती है, लेकिन एक बार केस के पेपर दिखा ले ताकि 482 के लिए sure हो सके, क्योकि जरूरी नही की हर केस में ये हो भी सके
मेरी फीस 70 हजार होगी,
Sunil
धीरज सर मुझे मेरे ससुराल वालो ने झुठे दहेज और घरेलु हिंसा मे फंसाया है , 1साल से कोर्ट मे केवल तारिखे चल रही है,
दोनो पार्टीयो को कोर्ट मे अबतक आमने सामने नही कराया है,
मै अभी एक सरकारी परिक्षा का फार्म भर रहा हुँ उसमे ये ऑप्शन है-
1. क्या आपका चालान हुआ है ,
2. क्या आप बरी हुए है,
इनमे मे yes करु या no फार्म मे
Advocate_Dheeraj
Sunil जी,
अगर आपके 498A केस में चार्ज शीट फाइल हो चुकी है तो पहले में yes लिखे और दुसरे में no
अगर फाइल नही हुई है तो पहले में no लिखे, क्यकी जरूरी नही की पुलिस इन्वेस्टीगेशन में आप पर केस भी बने वो खारिज भी हो सकता है
Achla rani
Sir mere bf k upar main 376 k liye f.i.r karaya tha n sc st act ki 18 dhara…sir but ab main case wapas lena chahti hu .. to sir kya vo surrendr kr k court mein hum kharij karvaa skte hai .??? Sir plz koi rasta dikhaye ..i m student sir
Advocate_Dheeraj
Achla rani जी,
आप अपनी 164 CRPC की स्टेटमेंट में बदलाव कर ऐसा कर सकते है | अगर वहा भी दे दी है है तो कोर्ट में
कोर्ट में आपकी स्टेटमेंट के आधार पर लड़के की अग्रिम जमानत हो जाएगी
कोर्ट में स्टेटमेंट क्या देनी है ये में आपकी FIR देखकर ही बता सकता हु |
Ajay kumar
Sir mere uper atrocity or 332 or 504 ka mukdma lga diya police walo nai mai sir bike lekar ja rha tha to unhone bike ruka li maine helmet nhi pehna tha to unhone rukate hi chabi nikali to maine mna kiya mt nikalo or is bat pr bhas ho gyi sir mai government job ki tyari kr rha hu sir kya m lag sakta hu government job or sir is case se kaise bari hov plse sir help me
Advocate_Dheeraj
Ajay kumar जी,
ये छोटे केस है इन्हें आसानी से जीत सकते है | इनके चलते नौकरी पर असर नही पड़ता है
Chandan
Sir mere uncle vartman mukhia hai jinka hatya chunav prachar ke dauran kar diya Gaya din mein 14 logon ke viruddh mukadma dyar Kiya sit prakriya mein apraadhiyon ko jald se jald saja dilwana chahta hun ismein kya process hai please sir
Advocate_Dheeraj
Chandan जी,
हाई कोर्ट में रिट डालकर केस के ट्रायल की समय सीमा तय करवाए | शायद 1 साल तय हो जायेगा | जल्दी केस निपटने से सजा होगी ही होगी
OM KUMAR
vakil sab meri age 25 ha or mera nam Om Kumar ha or meri wife ne 498A ka 100%juta case kiya ha or mera beta bi ha or mera parivar BPL catagary ki ha hum log kuch nhi ker sakte meri 2 pesi ho gai ha or abi 3/2020 me 3rd pesi ha or meri study bi puri nhi ker paa raha hu or goverment job k liye fight bi nhi ker sakta hu or muje is case ko uahi katum kervana sahta hu but meri wife Yes/No me dono me sahmat nhi ha or me 3 bard court gya 1st time me jail hua 2 days ka fir 2pesi hui but in 3 bar me juj sab ko deka tak nhi ha.
VAKIL SAB Email per jawab jarur dena Apka bhagwan bhala karega hum garib ha or meri wife ki family Taxpayer ha
Advocate_Dheeraj
OM KUMAR जी,
अपनी फाइल के साथ मिले या फ़ोन पर पेपर भेज कर सलाह ले | तभी सही सलाह दी जा सकती है
Neha
Sir main unlogo ko sabk sikhana chahti hu ki wo mujhse mafi mange or mere poore dahej ka paisa waps kre…Or shadi me jitna hmara kharcha hua wo wapas ho jaye… Maintenance chahti hu…..Maar pitai or jo bhi torture kiya gya hai un sab ka hisab lena hai…Kuch bataiye ap
Advocate_Dheeraj
Neha जी,
केस तो वही घरेलू हिंसा और 498a में FIR के डलेंगे | लेकिन उन केसों से पहले आपको जो तयारी करनी है ताकि आपका तलाक हो ही | उसके लिए अच्छा होगा की आप कॉल करके सलाह ले call on 9278134222 advice fee 1000
Neha
Hello sir…Meri shadi ko 10 month huye hai..Or jab se hmari sagai hui uske baad se hi sasural.walo ka behavior kharab hota gaya…Shadi k baad mujhe bewajah husband marte the…shakki mind ki vajeh se hmesa kahi bhi kabhi bhi maar pitai krte the..Apne family walo.k samne meri insult krte the..Mere mummy pala ko dhamki dete hai ki ager wo mujhe lene aayenge to maar pit kar waps bheja jayega..Or rista khatam karke bheja jayega…Sasural walo ka behave bahut ganda hai.. hmesa jhute iljaam lgaye jate hai ..Or mujhe badnaam kiya jata hai… Shadi se pehle kaha gaya tha jaha husband rhte hai ehi pr mujhe rhna hai islye maine shafi ki…Ab wo log mujhe sasural me rhne ko bolte hai…Meri job chhorwa diya un logo ne… Jab se maine husband ko apne sath rkhne ko kaha tab se mujhe gandw gande galiya..Mar pitai..Or iljaam lagaye ja rhe hai… Mentality torture kiya gaya…Mere parents chahte hai main compromise kr lu…Lakin sir mujhe smjh nhi aa rha kya kru…Kyuki sab logo ne mujhe bahut tariko se pareshan kiya hai…. Mujhe aage badhne se nhi roka hua hai sabne… Plz help me sir….Wo log kehte hai hmara koi kuch nhi bigad skta…Meri video bana rk mere hi mobile se apne mobile me transfer kiya gaya hai.or blackmail kiya jata hai… Personal photo dikha kr mujhe daraya ja rha ki main sabko dikha kr badnam kr dunga…Jaha wo job krte hai wha kisi se mujhe contact nhi krne dete..Hmesa mujhe apne relative or dost yaar se door rkhte hai..Or main call krti rhti hu mera call nhi uthaya jata hai…Or mujhe divorce bhi nhi dena chahte or rkhna bhi nhi chahte ..Main kya kru sir..Main har tarh se pareshan ho chuki hu…..
Advocate_Dheeraj
Neha जी,
ठीक है लेकिन पहले ये बताये की आप चाहती क्या है
KESHAV SINGH JAT
Sir Videsh me 2 ladke India ke rahte hai unmen se ek ne uska murder kar diya to us paristhiti mein kya karna chahie
Advocate_Dheeraj
KESHAV SINGH JAT जी,
आप यहा पुलिस में शिकायत दे
उस देश की एम्बेसी में शिकायत दे
कार्यवाही हो जाएगी
gaurav
respected sir,
मैं 6 साल से एक ऐसी औरत के चक्कर में फंसा हुया हूं, जो 3 साल जेल काट चुकी है, 6/7 साल से जमानत पर है वेसे उस को 10 साल की सज़ा हो रखी है भाभी को जलाकर मारने के जुर्म में।
उस ने अपने पहले पति पर हाई कोर्ट में तलाक ना देने का केस भी लगा रखा है, और मेरे साथ लिव ईन relationships में भी रह रही है। जिस से हम दोनों का 5 साल का बेटा भी है।
अब बात यह हुई कि मैं उसके पहले पति से मिल गया क्यूँ कि वो हम दोनों से फ्रॉड खेल रही थी, इस बात से झगड़ा बढ़ते बढ़ते इस मोड़ पर आ गया कि उसने 10 लोगों के सामने मेरे सर पर वार करके ज़ख्मी किया और खुद ही खुद को चोट पहुँचा कर, पुलिस और डॉक्टर्स से मिली भुगत कर के खुद ही एडमिट हो गयी, जिस की वजह से मेरे समेत 4 लोगों पर धारा 23,24,27,434,506 लगवा दी गयी, अभी हम ज़मानत पर हैं।
मुझे आपसे यह पूछना था कि मेरे बच्चे पर, बच्चे के मुझ पर, और उस lady के मुझ पर क्या क्या अधिकार हैं और मैं अपना बच्चा लेना चाहता हूँ और उस lady से कैसे छुटकारा पा सकता हूँ?
धन्यवाद।
Advocate_Dheeraj
gaurav जी,
बच्चे पर आपके एक पिता की तरह ही अधिकार है
वो अपने पति से तलाक लेने के बाद आप पर बच्चे के खर्चे का केस करेगी और रेप का भी कर सकती है, बाद आप साबित करते रहो
उसके पति से मिल कर बच्चे की बात उसके केस में डाले
बच्चे की कस्टडी का केस करे उसके पिछले केसों का हवाला दे |
आप बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ने वाले है | अच्छा होगा बच्चे की कस्टडी ले कर उससे दूर हो जाये
ज्यादा जानकारी के लिए कॉल करे
Rahul
Sir mera ek dost h uske upar rape ka Aarop laga h…ladki ka or dost ka medical bhi hua h…Lekin 164 ke bayan me usne mana Kr diya ki mere sath kuch bhi galat ni hua h…to ab is case se bachne ke liye kya Kiya jana chahiye…agar vo ladki ek bar or uske Paksh.me bayan de de to medical ka kuch Mahatv rhega ya ni…suggest sir
Advocate_Dheeraj
Rahul ji,
लड़की के ब्यान ही काफी है केस ख़त्म होजाना चाहिए | अगर नही भी होतो वो कोर्ट में उसके बयानों के समय हो जाएगा या आप कोर्ट में TIP के एप्लीकेशन लगा कर केस को ख़त्म करवा सकते है
mohd shameer
sir mere father ke murder me mere 2 bhaiyo par fir kar ke fasaya gya hai fir karta me padosi hai fir karne wala kah rahe hai ki mai fir nhe krna chahta tha gao walao ne mujhe fir karne wala bana dya aur is baat ka mujhe pata nhe tha aur mai bina dekhe us time signature kar dya . sir mai jaanna chahta ho fir karne wala hamare sath hai to hame kya fayeda hoga
Advocate_Dheeraj
mohd shameer जी,
गवाही से मुकर जाए वे केस जित जायेंगे
Kuldeepsingh
Sir miri papa ji ka clam chl rha h age 48 year thi or sleri 22288rupi thi clam keetna paas hoga
Advocate_Dheeraj
Kuldeepsingh जी,
क्लेम के बहुत से आधार होते है में इन के आधार पर नही बता सकता हु |
आधार व्यक्ति की जरूरत के हिसाब से बदल भी जाते है
Harish
Sir court complant case ke trail ke bare mai kuch bataye 498a ka tiral?
Advocate_Dheeraj
Harish जी,
ऐसे तो ये बहुत ज्यादा है, कभी किसी पोस्ट में ही बता सकता हु, इतना यहा नही लिख सकता हु | अच्छा होगा आप अभी ये जानकारी कॉल करके ले फीस 1000 होगी
Harish Kumar Sharma
Sir mere DV case mai sherhouse ka Oder huya hai jo session Court mai be relief nahie Mila ab high court mai hai allhabad lower court mai case nahie cal rha vakil bol rha jab tak High Court se koi Oder nahie ho jata tab tak case nahie calega par koi stay be nahie hai kya vo sahie bol rha hai 2/5 saal se koi be avidense nahie diya hai ab tak aap thoda marg darsan kare sir ek Oder ke cakkar mai case ruk sakta hai kya?
Advocate_Dheeraj
Harish Kumar Sharma जी,
आपके केस की ट्रायल फाइल भी तो हाई कोर्ट में होगी उसके बिना डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में बिना फाइल के केस कैसे चलेगा
Shaileshkumar Trivedi
Flats ke liye toilet ka outing connection ke liye kuva jo banaya he ho 20 flalts ke liye 20 foot hi banaya he ab kya kre barbar bhar jata he …guttar connection aaya nhi he
Advocate_Dheeraj
Shaileshkumar Trivedi जी,
बिल्डर पर consumer court में केस करे
KULDEEP Verma
Dheeraj sirji,,,, very very thanks to you…..aap sach me bhot acha kaam kr rhe ho…janta ko legal awareness k through….
Advocate_Dheeraj
KULDEEP जी,
सब भगवान की मर्जी है | में तो खुद कुछ भी नहीं
Rahul Kumar
सर एक लड़की ने मेरे उपर एक झुठा केस कर दिया है
सर लड़की ने अपनी ब्यान में कहती है कि मैं जब कोलेज जाती थी तो हमे रास्ते में छेड़छाड़ करता था और लड़की का कहना है कि हमें लडका दो महीने से डेली रास्ते में छेड़छाड़ करता है और मेरे साथ ग़लत करने का प्रयास करता था जबकि हकीकत यह है कि वो लड़की छः महीने से कोलेज गाई ही नहीं है और लड़की एक दिन की घटना की जीक्र करते हुए कहती हैं कि एक दिन हम घर पर अकेली थी तब लडका मेरे घर घुसकर छेड़छाड़ करने लगा ये घटना 24/07/2019 के दिन का बतातीं है जबकि 164 के ब्यान में माननीय न्यायालय से समाने कहती हैं कि ये घटना 27/07/02010 की है कुल मिलाकर सर लड़की के बयान और 164 का बयान में मेल नहीं खाती है और मे 27/07/2010 को हम परीक्षा में है सर लड़की की उम्र कम होने के कारण पोस्को एक्ट लग गया है सर और एक बात इस लड़की के पास कोई सबूत नहीं है। सर इस केस से कैसे निकला जाएं
Advocate_Dheeraj
कोर्ट में 91 crpc में आवेदन करके दोनो दिनों की उसकी कॉलेज की अटेंडेंस शीट मंगा ले।
लड़की के पास मोबाइल होतो उसकी लोकेशन भी
इसी आधार पर केस जीते या खारिज करवा लें
Preeti
Sir kuch lawyer kahte hai 354 vale case kharij nahi ho sakte
Advocate_Dheeraj
Preeti जी,
ख़ारिज हो सकता है | केस के फैक्ट्स और सबूतों पर निर्भर करता है
Ashish kumar
Many many thanks for this
Advocate_Dheeraj
Ashish kumar जी,
इस प्यार के लिए आपका भी धन्यवाद