प्रशन :- वकील साहब धारा 377 IPC और समलैंगिक सेक्स या अप्राक्रतिक योन सम्बन्ध अपराध क्यों है सुप्रीम कोर्ट की इसके बारे में क्या राय है ?
उत्तर :- धारा 377 IPC एक विवादित धारा है जो की अप्राक्रतिक योंन सम्बन्धो को प्रभासित करती है जब दो मनुष्य वो स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकते है आपस में अप्राक्रतिक रूप से सम्भोग करे या इनमे से कोई किसी जानवर के साथ ऐसा करे तो वे इस अप्राक्रतिक योन सम्बन्धो की श्रेणी में आता है ऐसा करने पर 10 साल के कठिन कारावास व जुर्माने का प्रावधान है |
धारा 377 IPC और समलैंगिक सेक्स या अप्राक्रतिक योन सम्बन्ध अपराध क्यों है :-
कानून की नजर में प्रक्रति के जो नियम है उन्ही के अनुसार निर्वाह करना ही न्याय संगत है इसके विपरीत कोई भी आचरण जो की सहमती से भी किया जाये वो जुर्म होगा इसके लिए दूसरा नियम यह है की समाज को सुनीश्चित तरीके से चलाने के लिए तथा समाज को किसी गलत योन भ्रांति से बचाने के लिए भी अप्राक्रतिक यों सम्बन्धो पर रोक जरूरी है इसीलिए ये अभी तक भारत में बैन है
गे सेक्स क्या है :-
जब दो स्त्री या दो पुरुष विपरीत सेक्स में न जा कर आपस में ही अप्राक्रतिक योन सम्बन्ध बनाते है तो उनको गे कहते है
I.P.C. के अनुसार धारा 377 का हिंदी अनुवाद :-
जो भी कोई किसी पुरुष, स्त्री या जीवजन्तु के साथ प्रकॄति की व्यवस्था के विरुद्ध स्वेच्छा पूर्वक संभोग करेगा तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
स्पष्टीकरण :-
इस धारा में वर्णित अपराध के लिए आवश्यक संभोग संस्थापित करने के लिए प्रवेशन पर्याप्त है। अर्थात लिंग का गुदा को छूना ही पर्याप्त माना जायेगा
लागू अपराध :-
प्रकॄति विरुद्ध अपराध अपराध जैसे अप्राकृतिक रूप से संभोग करना।
सजा –
आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास तथा साथ में आर्थिक दण्ड भी ।
अन्य बाते :-
ये एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह धारा समझौता करने योग्य नहीं है।
कुछ जरूरी बाते :-
- यह धारा 377 के तहत देश में अंग्रेजों ने 1862 में कानून लागू किया था. इस कानून के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध को गैरकानूनी ठहराया गया है
- अगर कोई स्त्री-पुरुष आपसी सहमति से भी अप्राकृतिक यौन संबंध बनाते हैं तो इस धारा के तहत दोषी है
- किसी जानवर के साथ यौन संबंध बनाने पर इस कानून के तहत भी उम्र कैद या 10 साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है
- सहमति से अगर दो पुरुषों या आपस में महिलाओं के बीच सेक्स या योंन सम्बन्ध भी इस धारा के तहत अपराध होने की श्रेणी में आता है
- इस धारा के अंतर्गत अपराध को संज्ञेय बनाया गया है इसमें गिरफ्तारी के लिए पुलिस को किसी प्रकार के वारंट की जरूरत नहीं होती है
- शक के आधार पर या गुप्त सूचना का हवाला देकर भी पुलिस इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है
- धारा-377 एक गैरजमानती अपराध है जिसमे जमानत देने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को ही है
- अप्रक्र्तिक सम्बन्ध के लिए पुरुष के लिंग का छूना या फिर स्त्री का सिर्फ अंदुरनी अंगो का मिलान ही काफी है
निर्दोष साबित करने का भार किस पर है :-
अगर शिकायतकर्ता कोई पशु, औरत, नाबालिक बच्चा या मानसिक रोगी है तो अपने को निर्दोष साबित करने का भार स्वय दोषी पर ही होता है लेकिन अगर शिकायतकर्ता कोई बालिक पुरुष है तो अपने साथ हुए अत्याचार या फिर इस अतिचार को साबित करने का भार स्वय शिकायतकर्ता पर होता है वही साबित करेगा की, उस के साथ या फिर किसी दुसरे के साथ अप्राक्रतिक योन सम्बन्ध बने है या नही पुलिस के स्वय के संज्ञान के केस में ये भार पुलिस पर ही होता है
धारा 377 IPC और समलैंगिक सेक्स का दुरूपयोग :-
वैसे इस धारा के जानकार कम ही है लेकिन जो इसके बारे में जो अच्छी तरह जानते है वो इसका दुरूपयोग भी कर रहे है और इसका दुरूपयोग तेजी से बड़ता जा रहा है | इसका दुरूपयोग कैसे होता है इस पर में कोई कमेंट नही करूंगा |
शिकायतकर्ता केस कैसे जीते :–
शिकायत कर्ता को चाहिए की वो दोषी व्यक्ति के स्पेक्ट्रम यानि वीर्य को हथियार बना कर कोर्ट में FSL रिपोर्ट के साथ सबूत के तोर पर पेश करे {जो की पुलिस की सहायता से मेडिकल रिपोर्ट के साथ होता है} तो वो दोषी को आसानी से सजा दिलवा सकता है
निर्दोष कैसे बचे :-
निर्दोष व्यक्ति को चाहिए की वो ऐसे में उस स्वय ऐसे करने के लिए उल्टा शिकायत कर्ता पर दोष लगाये की उसने उसे धमका कर ऐसा करने के लिए कहा पर उसने स्वय ही ऐसा कुछ नही किया तो उस पर झुटा केस बना दिया गया है
गे और धारा 377 IPC और समलैंगिक सेक्स:-
जब तक भारत में धारा 377 है तब तक गे को परमिशन नही मिल सकती है क्योकि ये दोनों ही चीजे एक दुसरे की विरोधी है |
सुप्रीम कोर्ट की धारा 377 IPC और समलैंगिक सेक्स पर राय :-
सुप्रीम कोर्ट के अभी तक के निर्णयों के अनुसार धारा 377 IPC और समलैंगिक सेक्स यानि अप्राक्रतिक योन सम्बन्ध बनाना गलत है और ये गैर क़ानूनी है इसके बावजूद अगर दो लोग अपनी मर्जी से योन सम्बन्ध बनाते है तो वे क़ानूनी गलत है न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “हमारे पहले के आदेश पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है।” अदालत ने यह आदेश 10 अलग-अलग याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर दिया गया है जिसमें कहा गया है कि आईपीसी की धारा 377 और अनुच्छेद 21 (जीने का अधिकार), अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है। ये दोनों ही धराये एक दुसरे के विपरीत है पर भारत जैसे देश में जहा संस्कृति को ज्यादा महत्व दिया जाता है वहा ऐसा स्म्लेंगिक होना गलत है और धर्म व सविधान के खिलाफ है |
विश्व की अप्राक्रतिक योन सम्बन्धो पर राय :-
वैसे तो काफी यूरोपीय देशो ने इस पर अपनी सहमती की मोहर लगा दी है की कोई भी स्त्री या पुरुष अपनी मर्जी से अप्राक्रतिक योन सम्बन्ध बना सकते है क्योकि ये उनका जीवन है और उनको अपनी मर्जी से जीने का अधिकार है पर अभी एशिया के काफी देशो जैसे भारत चीन आदि देशो में अभी भी ये बैन है लेकिन इस पर अपनी मर्जी से ऐसे सम्बन्ध बनाने के लिए आवाजे उठ रही है
जय हिन्द
द्वारा
अधिवक्ता धीरज कुमार
ज्यादा अच्छी जानकारी के लिए इस नंबर 9278134222 पर कॉल करके online advice ले advice fees will be applicable.
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Jeevan Jyoti
sir i was in relationship for more than 8 years. Relationship was made by him that he will marry me.He made me emotionally several times during past years. when i said to have court marriage. he said abhi main bachelor hu. shadi ka khrcha nhi utha skta. Job mil jaye ik baar. After getting job i too got admission in Msc . Then in exams he said leave the exams marry me. I said just wait for month that i may give final exams. Then he said now my elder brother’s marriage fixed. I have to make all money arrangements. Give me sometime.After brother marriage started making me emotional by saying that mere sir pe bhai ki shadi ka karja hain.Abhi shadi nhi kr skta. i said court marriage krlo . In return he told me shadi pavitr chhej hain. main tumse shadi krna chahta hoon riti riwaz se jis mein sbki blessings ho. Shadi tou tumse he krni h. nhi krni hoti tou kb ka chor deta. Trust nhi hain tou faida kya relationship ka. I kept silent and he said meri sister ki shadi ho jaye. tou shadi kr luga. As soon as sister got married he said Hmari shadi nhi ho skti main tumse shadi nhi kr skta caste ka issue h. Sir caste tou usko meri pehle din se pta thi maine btaya tha usko.uski family ko bhi pta thi unse video call and audio call baat hoti rhi h meri. mere mother usko psand nhi krti thi. he used to say tumari maa muje psand nhi krti hain shadi kaise hogi. i said to him you haven’t met her face to face. she will be convinced.Ab jb shadi ka mnaa kiya usne tou conference mein meri mother ne bhi bola hain ki beta apne isko 8-9 saal rkha shadi krlo ab tum. apna mouj kro. Meri mother ko bola hain ki agr main iss se shadi kruga tou gaon ki society muje accept nhi kregi aur isse bhi nhi.Ab muje corona ke dino mein uski jhooti battein yaad aa rhi h. usne mujse shadi kbi nhi krni thi? And he did in an unnatural way and he admiited this by saying that i did this because i love you. what should i do. I am in stress.
Advocate_Dheeraj
Jeevan Jyoti जी,
8 साल मायने रखते है | अच्छा होगा की आप उसे भूलकर नई जिन्दगी की शुरुआत करे | अगर बदले के लिए केस करती है तो और भी समय खराब होगा |
लेकिन फिर भी आपका मन नही माने और केस करना ही है तो आप कॉल करके मुझसे सलाह ले, की अच्छा केस कैसे बनाये जिससे की उसकी बैल ही नही हो | डिटेल फीस समेत वेबसाइट पर दी गई है |
Sahil
Sir meri shadi ke rat hi meri bibi se normal sex hua US waqt tak sab thik tha jb ME room se bahar gya to 2 ghante baad hi use bleeding hone lgi use Ham hospital le gye to Dr NE internal bleeding btayi jbki mujhe shak h usne abortion pill li h jisse ye hua ek month bad hi wo apne ghar chali gyi aur mujh par Case kar diya ki domestic violence hua h aur dhara 370 lga Di Sir ME nirdosh hu wo meri family se 1500000 rs ki mang kr RI h Ham bohot garib h sir koi upay btaye
Advocate_Dheeraj
Sahil जी,
उस की शिकायत की प्रति और बाकी फैक्ट्स जानकर ही बता सकता हु | आप कॉल करके सलाह ले |
AJAY DHAKARE
sir plz contaxt nember send to ajaydhakare11@gmail.com
Advocate_Dheeraj
take from website.
Shabana
Baat ye hai ki 3 saal pehle meri jis insaan se dosti thhi usne shadi se pehle hi mujhe emotional karke sexual relation banaye….fir usne legal tarike se shadi kar li jisme witness bhi mere doston ko hi bnwaya …..lekin usne mujhe is shadi ka koee rights nahi diya bas sex k liye milta or hotel me relation bnata raha 2 saal tak….aur ab saath me nahi rkhna chahta na koee haq dena chahta hai mera 2 baar goliya khilakar abortion kara chuka hai …..usme srf sex k liye mujhe relation me rkha 2 saal tak … To ab main pareshan ho chuki mentally in sabse to main kis section me konsa act se f.i.r karwa sakti hoon
Anurag
Sir kya 2 case ho sakte hain?
Advocate_Dheeraj
विस्तार से अपनी बात लिखे
rajiv kumar
very good information
Advocate_Dheeraj
शुक्रिया