जाने LLB और वकील परिभाषा क्या है ? और क्या अंतर है लॉयर, एडवोकेट advocate , बैरिस्टर, सरकारी वकील, प्लीडर, अड्वोकेट जनरल, अटोर्नी जरनल और सोलिसिटर जरनल में ?
अक्सर लॉयर (Lawyer), एडवोकेट advocate , बैरिस्टर (Barrister), अटॉर्नी जनरल (Attorney General), प्लीडर (Pleader), अड्वोकेट जनरल (Advocate General) सरकारी वकील इत्यादि के बारे में सुनने को कहीं न कहीं मिल ही जाता है. परन्तु क्या आप जानते हैं कि इन सब में क्या अंतर होता है. क्या लॉयर और एडवोकेट advocate एक ही व्यक्ति होते हैं या इनके अलग-अलग नाम हैं. क्या अटॉर्नी, सॉलिसिटर बनने के लिए लॉ (law) में डिग्री लेना आवश्यक होता है आइये जाने इसके बारे में ? लेकिन इनसे पहले जानते है की law की फुल फॉर्म क्या है
LLB की क्या परिभाषा है ?
LLB को Bachelor of legislative Law कहते हैं यानि की लॉ में स्नातक, ये एक लैटिन भाषा का शब्द है जिसे Legum Baccalaureus कहते है इसका इंग्लिश में मतलब है Bachelor of legislative Law, इसका ये अनुवाद इंग्लेंड में हुआ था और Bachelor of legislative Law से बना इसका शोर्ट फॉर्म LLB.
LLB करने के दो तरीके है या तो आप 12 क्लास के बाद 5 इयर्स कोर्स कर सकते है या फिर ग्रेजुएशन के बाद 3 इयर्स कोर्स कर सकते है | इसके अलावा आप 3 इयर्स कोर्स रेगुलर या corespondent से भी कर सकते है | लेकिन corespondent कोर्स करने से आप किसी प्राइवेट कंपनी में लीगल एडवाइजर तो बन सकते है लेकिन प्रक्टिस नही कर सकते है |
आइये विस्तार से जाने लॉयर , अड्वोकेट, बैरिस्टर, सरकारी वकील, प्लीडर, अड्वोकेट जनरल, अटोर्नी जरनल और सोलिसिटर जरनल में आपस में क्या अंतर होता है :-
लॉयर (Lawyer) कौन होता है ?
लॉयर, वह होता है जिसके पास लॉ (law) की डिग्री होती है,. यानी विधि स्नातक, कानून का जानकार. जिसने LLB की डिग्री ले ली हो, वह लॉयर बन जाता है. उसके पास कोर्ट में केस को लड़ने की अनुमति नहीं होती है. लेकिन जैसे ही उसको Bar Council of India (BCI) से परीक्षा पास करके एक लाइसेंस के रूप में कोर्ट में केस लड़ने की अनुमति मिलती है वो एडवोकेट बन जाता है | ये लाइसेंस की फीस उसे साल दर साल पे करनी होती है जिससे की उसका लाइसेंस का नवनीकरण होता रहता है |
एडवोकेट advocate कौन होते हैं ?
जब एक लॉयर LLB की डिग्री लेने के बाद अपना endrolment अपने राज्य की बार काउंसल में बार काउंसल ऑफ़ इंडिया (BCI) के नियम के अनुसार करवाता है तो वो लॉयर से अधिवक्ता बन जाता है | उसे किसी भी पक्ष की तरफ से कोर्ट में केस लड़ने की अनुमति मिल जाती है | वो वकालतनामा के द्वारा पुरे भारत देश में कही भी केस लड़ सकता है | सीधे शब्दों में कहे तो, आप पहले लॉयर बनते हैं और फिर एडवोकेट |
वैसे एडवोकेट इंग्लिश में एक verb भी है जिसका अर्थ है पक्ष लेना |
एडवोकेट advocate यानी अधिवक्ता, अभिभाषक, यानी वो जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है आधिकारिक वक्ता जिसके पास किसी की तरफ से बोलने का अधिकार होता है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है | एडवोकेट वह होता है जिसको कोर्ट में किसी एक व्यक्ति की तरफ से प्रतिपादन करने का अधिकार प्राप्त हो. आसान शब्दों में कहें तो एडवोकेट advocate एक पक्ष की तरफ से दलीलों को कोर्ट में प्रस्तुत करता है |
बैरिस्टर (Barrister) किसे कहते हैं?
यदि कोई व्यक्ति लॉ (law) की डिग्री विदेश से प्राप्त करे तो वो बैरिस्टर कहलाता है | अपने देश की गुलामी के समय लोग इंग्लैंड से वकालत करके आते थे तब से उन्हें बैरिस्टर कहा जाता है | उदहारण के लिए आपने पढ़ा भी होगा कि महात्मा गांधी के परिवार के लोग चाहते थे कि वह बैरिस्टर बने इसलिए वो 19 साल की उम्र में ही कानून की पढ़ाई करने के लिए लन्दन चले गए थे और वहीं पर उन्होंने लॉ की डिग्री ली, जो की बैरिस्टर की डिग्री कहलाती थी महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से होते हुए भारत बैरिस्टर बन कर लौटे थे |
यानी इससे पता चलता है कि बैरिस्टर एक तरह वकील का ही प्रकार होता है जो कि विदेश से लॉ की डिग्री ले कर आता है और अपने देश में आकर अपना रजिस्ट्रेशन (BCI) में करवाकर लाइसेंस ले कर आम कानून न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस करता है |
लोक अभियोजक (Public Prosecutor) किसे कहते हैं ?
वह व्यक्ति जिसके पास लॉ (law) की डिग्री है, जिसने BCI की परीक्षा को पास किया हुआ है, एडवोकेट advocate होने की क्षमता है, और वो व्यक्ति राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित का पक्ष लेता है यानी विक्टिम की तरफ से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश होता है उसे हम पब्लिक प्रोसिक्यूटर / लोक अभियोजक या सरकारी वकील कहते हैं | Cr.P.C. का सेक्शन 24 में लोक अभियोजक के बारे में बताया गया है. लोक अभियोजक एक ऐसा व्यक्ति है जिसे आपराधिक मामलों में राज्य की ओर से मामलों का प्रतिनिधित्व करने के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा Cr.P.C. के प्रावधानों के तहत नियुक्त किया जाता है | इनको काम करने के लिए सरकार तनख्या व सारी सरकारी सुविधाए जो की सरकारी नौकरी वालो को मिलती है वो देती है |
लोक अभियोजक की मुख्य भूमिका जनता के हित में न्याय दिलाना होता है. सरकारी अभियोजक का काम तब शुरू होता है जब पुलिस ने अपनी जांच समाप्त कर कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चार्ज शीट दायर की हो. सरकारी वकील से अपेक्षा की जाती है कि वह निष्पक्ष रूप से कार्य करे और मामले के सभी तथ्यों, दस्तावेजों, और साक्ष्य को प्रस्तुत करे ताकि सही निर्णय पर पहुंचने में अदालत की सहायता की जा सके.
प्लीडर (Pleader) किसे कहते हैं ?
जब कोई एडवोकेट advocate , प्राइवेट पक्ष की तरफ से कोर्ट में केस करता है तो प्लीडर कहलाता हैं | प्लीडर दरअसल वह व्यक्ति होता है जो अपने मुवक्किल की ओर से कानून की अदालत में याचिका दायर करता है और उसकी पैरवी करता है. सिविल प्रक्रिया संहिता (Civil Procedure Code) 1908 में धारा 2 (7) के तहत एक सरकारी याचिकाकर्ता भी बनता है, जो राज्य सरकार द्वारा सिविल प्रोसीजर कोड 1908 के अनुसार, सभी सरकारी कार्यों के लिए नियुक्त किया जाता है. यानी सरकार के निर्देशों के तहत कार्य करने वाला कोई भी अभिवचन करता है तो वो प्लीडर कहलाता है
महाधिवक्ता (Advocate General) किसे कहते हैं ?
एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास लॉ (law) की डिग्री है, जिसके पास एडवोकेट होने की क्षमता है और अगर वह राज्य सरकार की तरफ से उनका पक्ष रखने के लिए हाई कोर्ट में आता है तो उसे महाधिवक्ता या Advocate General कहा जाता है. भारत में, एक एडवोकेट जनरल एक राज्य सरकार का कानूनी सलाहकार भी होता है | इस पद को भारत के संविधान द्वारा बनाया गया है | ये advocate general राज्य के पाल द्वारा नियुक्त किया जाता है | इन्हें कुछ निश्चित समय के लिए ही नियुक्त किया जाता है | सरकार चाहे तो इनको सर्विस के बिच में हटा भी सकती है तथा इन्हें कोई भी सरकारी नौकरी वाली वाली सुविधा नही दी जाती है |
महान्यायवादी (Attorney General) किसे कहते हैं ?
अगर ये ही व्यक्ति जिसके पास लॉ की डिग्री है,एडवोकेट advocate होने की क्षमता है और अगर ये केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट या फिर किसी हाई कोर्ट में उनका पक्ष रखने के लिए प्रस्तुत होता है तो वह महान्यायवादी (Attorney General) बन जाता है | संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत भारत के महान्यायवादी पद की व्यवस्था की गई है. वह देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है. इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है. उसमें उन योग्यताओं का होना आवश्यक है, जो उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए होती है. दुसरे शब्दों में कहे तो, उसके लिए आवश्यक है कि वह भारत का नागरिक हो, उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करने का पांच वर्षों का अनुभव हो या किसी उच्च न्यायालय में वकालत का 10 वर्षों का अनुभव हो या राष्ट्रपति के मत अनुसार वह न्यायिक मामलों का योग्य व्यक्ति हो | महान्यायवादी के कार्यकाल को संविधान द्वारा निशिचत नहीं किया गया है. इसके अलावा संविधान में उसको हटाने को लेकर भी कोई मूल व्यवस्था नहीं दी गई है | इन्हें कुछ निश्चित समय के लिए ही नियुक्त किया जाता है | सरकार चाहे तो इनको सर्विस के बिच में हटा भी सकती है तथा इन्हें कोई भी सरकारी नौकरी वाली वाली सुविधा नही दी जाती है |
सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) किसे कहते हैं ?
अगर यही व्यक्ति जिसके पास लॉ की डिग्री है, एडवोकेट advocate होने की क्षमता है और अटॉर्नी जनरल का असिस्टेंट बन जाता है तो उसे सॉलिसिटर जनरल कहा जाता है
वह देश का दूसरा कानूनी अधिकारी होता है जो, अटॉर्नी जनरल की सहायता करता है, और सॉलिसिटर जनरल को चार अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा सहायता प्रदान की जाती है. भारत में, अटॉर्नी जनरल की तरह, सॉलिसिटर जनरल और विधि अधिकारियों (नियम और शर्तें) नियम, 1972 के संदर्भ में भारत में सॉलिसिटर जनरल सरकार को सलाह देते हैं और उनकी ओर से पेश होते हैं. हालांकि, अटॉर्नी जनरल के पद के विपरीत, जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत एक संवैधानिक पद है, सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद केवल वैधानिक (statutory) हैं. अपॉइंटमेंट कैबिनेट समिति सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति करती है | इन्हें कुछ निश्चित समय के लिए ही नियुक्त किया जाता है | सरकार चाहे तो इनको सर्विस के बिच में हटा भी सकती है तथा इन्हें कोई भी सरकारी नौकरी वाली वाली सुविधा नही दी जाती है |
जय हिन्द
द्वारा
ADVOCATE DHEERAJ KUMAR
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rohit
sir ji hmare bhai ki wife ki bahan hamri babi ko sasural walo k khilaf bhadkati hai or hinsa krwati hai to uska kya upchar hai
pls sir btayiyega
Advocate_Dheeraj
rohit जी,
लीगली कुछ नही कर सकते है | वो उसकी बहन है | हां समाजिक रूप से आप कदम उठा सकते है
Rinku
Sir
Crpc 109/151 me agar usi din sdm ne personal bond leke riha kr diya or koi trial ke liye ni bola , iska matlb kya hai ? Kya iske record rahte hai ? Kya civil services ki job lagne ke baad iski jaankari attestation form m deni chaiye ?
#Jabki police station kisi dusri district m tha jisme ye karyavahi hui
Advocate_Dheeraj
Rinku जी,
इसकी जानकारी नही दी जाती है | बल्कि अभी मैंने इसके लिये विडियो भी डाला है आप उसे देखे |
Simran saluja
Hello sir mere hasband ka 3 saal se sarkari nokri pe karta ladise ke saath najay ssbhandh h or oss orat ke kahne pe mere hasband mughe tang karte h or talak ki dhmki dete h jab os orat se alag hone ko bolti ho tu mughe pratarit karte h mai kya karo sir 2 bacche h mere or mai house wife h vo ladies mera ghar barbad kar rahi h mai kya karo.mere marriage ko 11 saal ho gai h mere hasband mughe compromise ke liye kahte h but mai kyo apnao asse riste ko.
Advocate_Dheeraj
Simran saluja जी,
आप नही अपने पति को परेशान करके सबक सिखाये
घरेलू हिंसा का केस करे अपना और अपने बच्चो का खर्चा ले , मकान पर स्टे ले, रिश्तेदारों के सामने उन्हें शर्मिंदा करे, खाना पीना कपडे सब चीजो के लिए उन्हें दुखी करे |
उस लेडीज या उसके परिवार पर किसी भी प्रकार का कोई केस करे | जो आपके पति के चहते हो या उनका साथ देते हो सभी को परेशान करना शुरू करे | खुद भी आजाद घुमे और पति को ऐसा दिखाये, ताकि पति परेशान हो |
तभी जिन्दगी ठीक होगी
Sudeep mishra
सर जी झूठा घरेलू के केस से कैसे निपटें
Advocate_Dheeraj
आप वेबसाइट पर घरेलू हिंसा के बारे में देखे फिर अपनी समस्या लिखे
सबकी समस्या अलग है उनका समाधान भी अलग है
http://bit.ly/2Wlw4kk
sunita singh
very very impressive article thanks for sharing this information
Advocate_Dheeraj
thanks
Devendra
Sir ji meri bhabi ne mere 308 ka mukadama lga diya or 2 din jail bhi kra di ab aage meri delhi home job ke liye police vilification aaygi to mujhe nokri nhi melegi kya abhi cash chal rha h or mene ye carosh bhi kravya h mujrim vo h
Advocate_Dheeraj
Devendra जी,
फॅमिली में ही केस हुआ है | इसलिए डरे नही | अभी केस चल रहा है | आपको जॉब मिल जाएगी