प्रॉपर्टी का खरीदना और बेचना आज कल सभी के द्वारा होता है ? लेकिन कई बार हम गलत लोगो के बीच फस जाते है और अपनी पैसे और सम्पति का नुकशान कर लेते है ? आइये जाने की किस प्रकार की सावधानिया हमे सम्पति बेचने और खरीदते समय रखनी चाहिए ?
हाई लाइट्स:-
- किस प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदे
- किस जगह प्रॉपर्टी खरीदे
- कैसी प्रॉपर्टी खरीदिनी चाहिये
- प्रॉपर्टी खरीदने में क्या सावधानिया बरते
- प्रॉपर्टी बेचने में क्या सावधानिया बरते
- अग्रीमेंट में क्या शर्ते लिखे
- पैसे कहा और किस रूप में ले
- अन्य जरूरी जानकारियाँ
किस प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदे :-
- सबसे पहले आप अपनी जरूरत और बजट देखे और प्रॉपर्टी पसंद करे | अगर प्रॉपर्टी आपके बजट से ज्यादा की है तो लोन की सुविधा देखे | वैसे लोन रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी पर ही मिलता है | लेकिन कुछ बिल्डर बैंक में पैसे देकर लोन करवा देते है | वे लोन कुछ महंगे जरुर होते है |
- सम्पति अगर आपके घर के समीप है या फिर, आप वहा आ जा सकते है तो ऐसी जगह सम्पति खरीदना फायदेमंद है | वरना प्रॉपर्टी पर कब्जे होने का डर लगा रहता है |
- अगर सम्पति सिर्फ पैसे को इन्वेस्ट के लिए खरीदना चाहते है तो आप, वहा प्रॉपर्टी खरीदे जहा अभी रेट कम है क्योकि अगर आप महगे इलाके में सम्पति खरीदते है तो वो अगले 10 साल में वो दुगनी कीमत की होगी | लेकिन अगर किसी डेवलेप/ विकासशील इलाके मे खरीदते है तो वो अगले 10 साल में कई गुना हो जाएगी |
- प्रॉपर्टी जहा भी खरीदे वहा रोड जितना बड़ा और चोडा हो उतना अच्छा है | ताकि गाड़ी आने जाने में आसानी रहे | अगर आपने उस सम्पति में कुछ हिस्सा किराये पर देना चाहते है तो उसे किराये पर जाने में आसानी रहती है |
- अगर रहने के लिए सम्पति है तो ठीक है वरना जहा तक हो सके ऐसी सम्पति खरीदे जिसका की आप उपयोग करके पैसा कमा सके | खाली प्रॉपर्टी किसी काम की नही होती है | सिर्फ बेचने के समय ही पैसा देती है |
- प्रॉपर्टी में बिजली पानी की सुविधा आसानी से व अच्छी हालात में उपलब्ध हो |
किस जगह प्रॉपर्टी खरीदे :-
- अगर आपको इन्वेस्ट ही करना है तो कमर्शियल टाइप प्रॉपर्टी खरीदे जहा से इनकम भी जल्दी आनी शुरू हो जाती है और प्रॉपर्टी को बेचना तो और भी आसान रहता है |
- अगर रहने के लिए मकान लेना है तो ईस्ट या साउथ साइड फेस में ले जहा से सीधे धुप घर में आ सके | क्योकि आज कल धुप नही मिलने से लोगो में विटामिन D की कमी आ गई है खास कर विटामिन D3 की, जिससे लोगो की हड्डिया कमजोर हो रही है बाल झड रहे है | पैरो में सुजन आ रही है | अगर घर में धूप मिल जाएगी तो आपको बीमारी भी कम लगेगी | इसके अलावा धुप घर में आने से सारे कीटाणु और वायरस भी मर जाते है |
- रहने के लिए मकान वहा ले जहा चलता रोड नही हो ज्यादा ट्राफिक नही हो | क्योकि मकान में रहने के लिए शांति चाहिए होती है | लोग रोड पर मकान लेकर पछताते ही है |
- लेकिन आपको मकान के साथ कोई दूकान या बिज़नेस करना है या किराये का साधन भी चाहिए तो रोड पर मकान लेना ही सही है | इसमें आपका आने जाने का समय बचता है और बिज़नेस की देखभाल भी अच्छी तरह हो जाती है |
- प्रॉपर्टी के आस पास कोई गार्डन या ग्रीनरी है तो और भी अच्छा है | साफ़ हवा मिलती है |
- समय को देखते हुए रेलवे स्टेशन बेशक ही दूर हो लेकिन एअरपोर्ट पास में ही होना चाहिए | इसके अलावा हाईवे पास में ही हो, तो और भी अच्छा होगा
- आने जाने का रास्ता मेन रोड से सीधे बिना घुमाव के हो तो सही होगा | क्योकि किसी भी प्रकार की रोड बनने की परेशानी या खुदाई आने पर आप आसानी से आ जा सकते है | आने जाने के कई रास्ते हर दिशा में हो तो और भी अच्छा है |
- प्रॉपर्टी ऐसी जगह ख़रीदे जहा ज्यादा सेंसिटिव इलाका नही हो | वरना सामाजिक हालात खराब होने पर ज्यादा परेशानी पैदा हो जाती है |
प्रॉपर्टी खरीदने में क्या सावधानिया बरते:-
- जब आप प्रॉपर्टी खरीदने जाते है तो डीलर आपको बहुत ज्यादा रेट बताते है | इसलिए जब आपको प्रॉपर्टी खरीदनी हो तो, कोई भी बहाने से किसी भी प्रॉपर्टी को घुमा के अपनी बता कर बेचने की बात पूछे, जिससे आपको प्रॉपर्टी के सही रेट पता चल जाए, क्योकि डीलर या कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदने के समय कम रेट बताता है जो की ओरिजिनल प्रॉपर्टी रेट के आस-पास होते है | इससे आपको प्रॉपर्टी की सही वैल्यू का पता चल जाता है | इसके बाद आप सही रेट में प्रॉपर्टी खरीदे |
- प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसके सारे पेपर चेक कर ले की वे इसके ओरिजिनल मालिक के ही नाम है या नही | प्रॉपर्टी के कागजो की सारी चैन भी देख ले | ये भी चेक कर ले की वे पेपर ओरिजिनल ही है उनमें कोई डुप्लीकेसी तो नही है |
- हमेशा खाता सामलात प्रोपर्टी खरीदने से बचे क्योकि उसमे झगड़े की ज्यादा गूंजाइस होती है \ अगर खरीदनी भी पड़े तो बाकी खाता सामलात लोगो से N.O.C. जरुर ले ले ताकि आपकी जगह पर कोई दावा नही कर सके |
- प्रॉपर्टी की अच्छी तरह से जाँच पड़ताल कर ले की ये प्रॉपर्टी उस बेचने वाले मालिक ही है और उस पर किसी भी प्रकार का कोई झगडा नही है और कोई कोर्ट केस या स्टे भी नही है |
- जहा तक हो सके नोटरी के बजाए आप रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी ही खरीदे | जिसका रिकॉर्ड आपके SDM ऑफिस या रजिस्ट्रार के पास होता है उसमे आपको सरकार द्वारा नपी हुई और ओरिजिनल नपाई की जमीन मिलती है | इस पर लोन भी मिल जाता है |
- प्रॉपर्टी का बयाना करने के बाद आसपास लोगो को बताये की आपने ये प्रॉपर्टी खरीदने वाले है ताकि कोई परेशानी हो तो वो पहले ही सामने आ जाए |
- आप जब भी कोई प्रॉपर्टी खरीदते है तो आपको बयाना देना होता है उसके साथ ही समय भी निर्धारित होता है | हमेशा अपने पैसे के इंतजाम से ज्यादा का समय बता कर चले कयोकी कई बार पैसे का इंतजाम नही हो पाता है और आप प्रॉपर्टी नही खरीद पाते है | ऐसे में पैसे मरने के ज्यादा चांस हो जाते है |
- प्रॉपर्टी की पेमेंट हो सके तो अकाउंट में करे | आगे केश में करनी हो तो आप सामने वाली पार्टी से अगुठे और सिग्नेचर के साथ ब्याने अग्रीमेंट पर रिसीविंग जरुर ले |
- प्रॉपर्टी के ब्याने में सर्कल रेट के तहत पैसे का लेनदेन रखे बाद में चाहे रजिस्ट्री कम ही करवा ले | क्योकि कई बार किसी कारण से कोई परेशानी आ जाए या सामने वाली पार्टी को बेईमानी आ जाए तो आपको पैसे की रिकवरी में आसानी हो | कयोकि आप तो पैसा देकर फस चुके होते है |
- अगर आप पक्की रजिस्ट्री करवा रहे है तो रजिस्ट्री में इसका विविरण उस एरिया के सर्कल रेट के अनुसार दे वरना आपकी रजिस्ट्री नही होगी
- सम्पति खरीदते ही उस पर कब्जा ले कर कुछ न कुछ बना दे या खाली है तो चारदीवारी करवा दे | ताकि आपका कब्जा दिखाई दे |
- अगर उस में कोई किरायेदार है तो उससे पहले ही खाली करवा ले | बाद में किसी और को किराये पर दे |
प्रॉपर्टी बेचने में क्या सावधानी बरते :-
- प्रॉपर्टी किसी डीलर को सीधे बेचने की जगह सीधे पार्टी को बेचने की कोशिश करे क्योकि डीलर अगर स्वय खरीदता है तो वो इसे आगे बेचने की कोशिश में कई बार पार्टी नही लगा पाता है जिससे समय पर पेमेंट नही हो पाती और वो लड़ने और धमकाने के जरिये आपको परेशान करना शुरू कर देता है | जिससे की आपको परेशानी होती है | इसलिए चाहे प्रॉपर्टी डीलर के द्वारा बेचे लेकिन आपकी सीधे खरीदने वाली पार्टी से डील हो | चाहे इसमें डीलर को कमीशन देना हो वो ठीक है | लेकिन डील सीधे खरीदार से ही हो |
- अगर प्रॉपर्टी डीलर को बेचनी पड़े तो सावधानी रखे क्योकि प्रॉपर्टी डीलर अपने ब्याने में ये लिखवा लेते है की “वे प्रॉपर्टी किसी भी पार्टी को आगे बेचे तो ऐसे में आपको साइन करने होंगे, आप मना नही करेंगे” | तो ये शर्त उस अग्रीमेंट से हटा दे | क्योकि ऐसे में वे प्रॉपर्टी को आगे ब्याने में बेचने की पेशकश करते है और बाद में पैसे ना होने पर आप तो अपना बयाना जब्त समझेंगे लेकिन डीलर ने जिसको प्रॉपर्टी बेचने का बयाना दिया है वो इस प्रॉपर्टी पर आकर आपको परेशन करेगा, कोर्ट में जायेगा, स्टे लेगा | इसलिए इस परेशानी से बचने के लिए इस शर्त को नही लिखवाए |
- आप अपनी प्रॉपर्टी बेचने जाते है तो डीलर आपकी प्रॉपर्टी बिकवाते समय बिलकुल कम रेट बताता है और प्रॉपर्टी खरीदते समय बहुत ही ज्यादा | इसलिए जब आपको प्रॉपर्टी बेचनी हो तो आप पहले प्रॉपर्टी के खरीदार बन कर वहा जाए | ताकि आपको प्रॉपर्टी की सही वैल्यू का पता चल जाए | इसके बाद आप अपनी प्रॉपर्टी बेचे | इससे आपको आपकी प्रॉपर्टी की सही वैल्यू का पैसा मिलेगा |
- कभी भी डीलर को कमीशन ब्याने पर नही दे बाकी पेमेंट मिलने पर दे धीरे धीरे दे किसी भी हालत में 50% से ज्यादा नही दे | और बाकी का 50% कमीशन फाइनल डील पर दे |
- जब आप कोई सम्पति बेचते है तो उस पर लेन-देन के जरिये से जो पैसा कमाने वाले है उस लाभ पर कर (Tax) लगाया जाता है। भारतीय कर कानूनों (Income Tax Law) के तहत, पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण यानि की बेचने से हुआ लाभ, जिसमें अन्य चीजे और संपत्ति शामिल है, “पूंजी लाभ” के तहत कर योग्य है । इससे बचने के लिए आप अगले एक साल में कोई सम्पति खरीद लेते है तो ठीक है वरना आपको इस पर टैक्स देना होता है | परिसंपत्ति की अवधि के हिसाब से, लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) के अधीन (Long Term Capital Gain head) किया जा सकता है । “ध्यान देंने वाली बात यह है कि मौजूदा मानदंडों के तहत, दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर 20% तक लगाया जाता है, अधिभार और शिक्षा उपकर (surcharge and education cess), और अल्पकालिक लाभ 1.5% पर कर लगाया जाता है, अधिभार और शिक्षा उपकर (surcharge and education cess).” इसके लिए सम्पति के खरीदने की तारीख से बेचने के बिच के समय में अगर सम्पति सरकार के स्लोप से ज्यादा कीमत की हो जाती है तो भी आपको टैक्स पे करना होता है
अग्रीमेंट में क्या शर्ते लिखे:-
- कोई भी अग्रीमेंट साइन करने के लिए दोनों पार्टियों और दो गवाहों के साइन की जरुरत होती है | इसलिए अपने साथ अपने विश्विश्नीय गवाह साथ रखे उनसे उस पर साइन करवाए ताकि कल को कोई परेशानी आने पर वे कोर्ट में गवाही भी दे सके |
- हमेशा सामने वाली पार्टी के साइन अगुठे के साथ ले ताकि कल को केस होने की स्तिथि में वो मुकर नही सके |
- अग्रीमेंट में लिखवाए की आज से इस प्रॉपर्टी का मालिक ये नया खरीदार होगा जो की इसका किसी भी प्रकार से प्रयोग कर सकेगा
- इस प्रॉपर्टी पर किसी भी प्रकार का कोई बटवारे का झगड़ा/ कोर्ट केस/कोर्ट केस स्टे नही है अगर कुछ पाया जाता है तो वो आप बेचने वाली पार्टी भुगतेगी और बाकी पेमेंट हर्जाने समेत करेगी |
- आज से पहले इस प्रॉपर्टी का सारा टैक्स चुका दिया गया है अगर कोई टैक्स पाया जाता है तो वो बेचने वाली पार्टी भरेगी |
- पुराने बिजली के कनेक्शन खरीदने वाले के नाम होंगे और नये भी खरीदने वाली पार्टी के नाम से अप्लाई हो सकेंगे |
- किसी भी प्रकार का कोई डिस्प्यूट पाए जाने पर वो उसी क्षेत्र की अदालत में देखा जाएगा
- पैसे की रेसिविंग ले \ अग्रीमेंट का हर पेज बेचने वाले और खरीदने वाले के द्वारा साइन होगा | एफिडेविट भी साइन हो | अग्रीमेंट तो सेल और पॉवर ऑफ़ अटोर्नी के पेपर बनाए |
पैसे कहा और किस रूप में ले और दे:-
- अगर सामने वाली पार्टी आपके घर को जानती है तो ठीक है वरना पैसे कभी भी अपने घर पर ना ही दे और ना ही ले | अपने घर का पता किसी को भी चलने देना चाहिए | फाइनल पेमेंट है तो अलग बात है वरना अपना घर कि डायरेक्शन किसी को भी नही दे |
- पैसे का लेनदेन अकाउंट में है तो सही है अगर केश में करना है तो सबसे अच्छी जगह बैंक, ऑफिस या फिर किसी निजी जानकर का मकान है |
- कैश में लेन देन करते समय सारे नोट अच्छी तरह चेक कर ले की वे असली है या नही, कही से फटे या रंगे तो नही हुए है | कही बाद में चलाने में परेशानी हो |
अन्य जरूरी जानकारियाँ :-
- किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर किसी अच्छे वकील साहब से सम्पर्क करे | सामने वाली पार्टी अपनी जबान और अग्रीमेंट की शर्तो को नही मान रही है तो उनको लीगल नोटिस दे और केस करे |
- अग्रीमेंट में लिखी शर्तो के अनुसार ही आचरण करे और अगर दोनों पार्टी किसी भी नई शर्त को लगाने और कोई बदलाव आने पर एक नया अग्रीमेंट भी कर सकते है | या नई शर्त जोड़ने या हटाने का एक अलग अग्रीमेंट भी कर सकते है
- लोग प्रॉपर्टी तो लाखो करोड़ो की खरीदते है लेकिन बयाना अग्रीमेंट या फिर रजिस्ट्री के पेपर बनवाने के लिए टाइपिस्ट से काम करवाते है जिससे बहुत सारी कमिया रह जाती है | जो की कोर्ट केस होने पर परेशान करती है | इसलिए कुछ पैसो का लालच नही करे और अच्छे वकील साहब से पेपर का काम करवाए या फिर उनसे चेक जरुर करवा ले | कम से कम प्रॉपर्टी के पेपर की जाँच तो किसी अच्छे वकील साहब से जरुर करवा ले | ताकि भविष्य में किसी भी परेशानी से बच सके |
- जहा तक हो सके नोटरी के द्वारा प्रॉपर्टी नही खरीदे \ पैसो का लालच नही करके रजिस्टरी करवाए | अगर उस प्रॉपर्टी की रजिस्टरी नही हो सकई है तो रजिस्टर पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी जरुर करवाए |
जय हिन्द
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written by
ADVOCATE DHEERAJ KUMAR
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Aryan
Sir mujhe naam change karna ha Sare documents me.. Aapko fees de dunga jitni lagegi.. Ho jaega?
Advocate_Dheeraj
Aryan जी,
10 से 15 दिन लगेंगे