प्रशन :- वकील साहब self defence आत्मरक्षा या निजी रक्षा क्या है ? इसको अदालत में कैसे साबित करे ?
उत्तर:- दोस्तों भारतीय दण्ड संहिता (I.P.C.) की धारा 96 से लेकर 106 तक की धारा में सभी व्यक्तियों को self defence आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है । इन धाराओ में व्यक्ति की अपनी जान, सम्पत्ति व दुसरे की जान से रक्षा व की किसी को परिस्तिथि वंश जान से मारने व मंद बुधि व्यक्ति द्वारा किये गये क्रत्यो बताया गया है | एस की जानकारी बहुत कम लोगो को होती है तथा इस ज्ञान के अभाव में वे कोर्ट से सजा भी करवा लेते है | इन सभी का विस्तार पूर्वक यहा पर वर्णन है |
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self defence आत्मरक्षा क्या है :-
कोई भी व्यक्ति स्वयं की जान व माल की रक्षा के लिए किसी को रोके व कोई भी साधन उपयोग करके उससे अपनी जान व माल की रक्षा करे वह आत्मरक्षा होती है | व्यक्ति स्वयं की संपत्ति का रक्षा किसी भी चोरी, डकैती, शरारत व अपराधिक अतिचार के खिलाफ कर सकता है। ऐसा वह व्यक्ति किसी दुसरे की जान बचाने के लिए भी कर सकता है पर सम्पत्ति बचाने के लिए नही | ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की मिर्त्यु भी हो जाती है तो वो आत्मरक्षा में आता है |
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self defence आत्मरक्षा के अधिकार के सिद्धांत:-
(A) आत्मरक्षा का अधिकार रक्षा या आत्मसुरक्षा का अधिकार है । इसका मतलब प्रतिरोध या सजा नहीं है। (B) आत्मरक्षा के दौरान चोट जितनी जरुरी हों उससे ज्यादा नही होनी चाहिए । (C) ये अधिकार सिर्फ तभी तक ही उपलब्ध हैं जब तक कि शरीर अथवा संपत्ति को खतरे की उचित आशंका हो या जब कि खतरा सामने हो या होने वाला हो क्या है |
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self defence आत्मरक्षा को साबित करने की जिम्मेदारी :-
(A) आत्मरक्षा को साबित करने की जिम्मेदारी अभियुक्त की होती है कि वह तथ्यों व परिस्थितियों के द्वारा ये साबित करे कि उसने ये काम आत्मरक्षा में किया है। (B) आत्मरक्षा के अधिकार का प्रश्न केवल अभियोग द्वारा तथ्यों व परिस्थितियों के साबित करने के बाद ही उठाया जा सकता है । (C) आपराधिक मुकदमों में अभियुक्त को आत्मरक्षा के अधिकार के लिए निवेदन करना चाहिए। अगर अभियुक्त आत्मरक्षा के अधिकार की गुहार नहीं कर पाता है, तब भी न्यायालय को ये अधिकार है कि अगर उसे उचित सबूत मिले तो वह इस बात पर गौर करे। यदि उपलब्ध साक्ष्यों से ये न्याय संगत लगे तब ये निवेदन सर्वप्रथम अपील में भी उठाया जा सकता है । (D) अभियुक्त पर घाव के निशान आत्मरक्षा के दावे को साबित करने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं ।
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self defence आत्मरक्षा की परिस्तिथिया :-
जब किसी व्यक्ति की जान खतरे में हो और उसे लगे की अमुक व्यक्ति उसे जान से मार ही देगा और उसके पास हथियार भी हो तो वो उससे बचने के लिए उस पर हमला करना आत्मरक्षा है ऐसा भी होता है की सामने वाला व्यक्ति ज्यादा ताकतवर है तो उससे लड़ने के लिए पर्याप्त बल ना होने की स्तिथि में भी किसी हथियार का उपयोग आत्मरक्षा है
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हत्या के मामले में self defence आत्मरक्षा :-
कई बार ऐसी परिस्तिथि हो जाती है की आत्मरक्षा के लिए किसी व्यक्ति से हत्या भी हो सकती है उसके लिए पर्याप्त कारण होना जरूरी है पर कई बार बिना चोट लगे व किसी के हमले किये बिना भी हत्या हो सकती है
उधाहरण 1:- जैसे A ने अपने दोस्तों के साथ B को बहुत पिटा और धमकी दे कर गया की तुझे शाम को आकर फिर पिटूँगा तथा शाम को जब B ने दूर से कुछ लोगो को आते हुआ देखा तथा अँधेरा होने व लाइट ना होने की वजह से वह उन्हें पिट या किसी को जान से मार देता है तो वो आत्मरक्षा है आगर ऐसे में वे लोग A और उसके दोस्त नही है और कोई अलग व्यक्ति है तो भी तो भी डर के कारण उन पर हमला करके किसी को पिट दिया या मार दिया तो वह आत्मरक्षा के लिए किया गया प्रहार माना जाएगा | क्योंकी B के पास ऐसा करने की वजह थी
उधाहरण 2 :- अगर A किसी हथियार से B को मार रहा है तो B अगर उससे भी खतरनाक हथियार का प्रयोग A पर करे तो वो आत्मरक्षा में किया गया प्रहार होगा |
नोट :- लेकिन इसके लिए परिस्तिथि व जगह भी मायने रखती है ये नही की हम किसी घर पर जा कर उसे खूब मारे और उसे आत्मरक्षा का नाम दे दे |
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रेप के केस में self defence आत्मरक्षा:-
माताओ व बहनों को शायद ये पता बिलकुल भी नही होगा की वो अपनी इज्जत बचाने के लिए बिना कोई भी चोट खाये किसी की पिटाई या हत्या तक कर दे तो वो आत्मरक्षा माना जायेगा | जैसे की कोई व्यक्ति अगर किसी नारी को अकेला देख कर उस की इज्जत पर हमला कर दे तो ये जरूरी नही की वो उसे चोट पुहुचाये या छुए तभी वह प्रतिघात करे वह इससे पहले भी किसी हथियार का प्रयोग कर सकती है इसके लिए हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की काफी सारी judgments है पर में यहा पर विषय से भटक कर उनका विवरण नही दे रहा हु |
(पर मेरा निवेदन है की इस अधिकार का कोई भी माता या बहन गलत इस्तेमाल नही करे)
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कब self defence आत्मरक्षा सही नही होती है :-
अगर कोई व्यक्ति हमे provoke यानी उकसाए और हम उसे पिट या मार दे तो वो भी आत्मरक्षा में नही आता है | इसके लिए ऐसे हालत होने जरूरी होते है की हमने अगर उसे नही मारा होता तो वो हमे मार देता |
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किसी मंद बुधि या पागल के केस में self defence आत्मरक्षा:–
अगर कोई व्यक्ति मंद बुधि है या पागल है और उससे कोई पीटने या जान से मरने का अपराध हो जाता है तो उसे कोर्ट सजा नही दे सकती है |
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पुलिस की भूमिका :–
पुलिस का यह कर्तव्य है की वह मामले की निष्पक्ष जाच करे और अगर आत्मरक्षा का मामला बनता है तो उस व्यक्ति को निर्दोष साबित करे | पर जैसा की आप लोग भी जानती है की पुलिस ऐसा नही करती है तो यह हमारा ही प्रयास बनता है की हम अपने आप को निर्दोष साबित करे |
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किसी दुसरे व्यक्ति के केस में रक्षा :-
अगर आप किसी दुसरे व्यक्ति की जान बचाने के लिए किसी को रोक देते हो तो कोई बड़ी बात नही है पर किसी व्यक्ति को पिटने व जान से मरने के लिए आपके पास सही वजह होनी चाहिए होगी | आप ऐसा जब ही कर सकते है जब वह व्यक्ति मरने ही वाला हो और उसे बचाने के लिए सामने वाले को पीटने व जान से मरने के अलावा कोई चारा ही नही हो | पर इसके लिए यह भी जरूरी है की आप सही व्यक्ति को बचा रहे हो | तथा आपके पास उस मामले की सही जानकारी भी हो | उधारण के लिए अगर कोई पुलिस मेन सादी वर्दी में किसी अपराधी को पकड़ रहा हो तो आप अगर उस अपराधी को बचाते हो या भागने का मोका देते हो तो आप दोषी हो | इसके लिए आपाप को कोर्ट से सजा मिलेगी ही |
यहा पर मे भारतीय दण्ड संहिता (I.P.C.) की धारा 96 से लेकर 106 तक धाराओ को हिंदी में परिभाषित नही कर रहा हु क्यों की सभी धाराओ का निचोड़ यही सब लेख है |
11. self defence आत्मरक्षा मे अपने को निर्दोष कैसे साबित करे :-
हर किसी केस की परिस्तिथि अलग होती है कई बार ऐसा होता है की झूट को काटने के लिए झूट ही बोला जाता है जैसे की आपने A कोई इसलिए पिट दिया की वो B को जान से मार रहा था ऐसा करके आपने B की जान तो बचा लि पर उल्टा A ने आप पर व B पर केस दर्ज करवा दिया की आप दोनों ने उसे मिल कर पिटा है वह तो निर्दोष है अब ऐसी परिस्तिथि में हम defence को न लेकर दूसरी तरह से बात घुमा कर केस लड़ेंगे वो इन सभी व्यक्तियो के रिस्तो, जगह, परिस्तिथि व पहले किसी समस्या को लेकर ही defence लिया जायेगा | इसी प्रकार से और भी हालात होते है सब के बारे में नही लिखा जा सकता है ऐसे में इ आप किसी को ऐसी कोई समस्या है तो आप लोग मुझे लिख सकते है में उसे सुलझा दूंगा |
नोट :- अगर कोई भीड़ आप पर हमला करे तो आप अपने को बचाने के लिए उसमे से किसी को मार भी दे तो आप पर कोई केस नही बनता है | लेकिन आपको ही ये साबित करना होगा की आप पर भीड़ ने हमला किया था
जय हिन्द
written by
Advocate Dheeraj Kumar
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Anup
Hello Sir,
Mujhe ek cheej confirm karne hain.. Ke agar kohi A person B jo ke husband and Wife hain. Ko bena baat ke raste par rokta hain and dono ke liye kuch galat baat bolta hain do chaar logo ke saamne and B ka ek dusare ka haath chuda deta hain or B kuch jata na react kar ke chale jate hain.. Kuch time baad apne ghar ke taraf aa rahe hote hain and phir A kuch comment pass karta B and B us ke pass jata hain apne baat bolne ke liye or A us waqt B par haath utha deta hain and B phir us ko daka deta hain and us ko choot lag jate hain jis mein us ke haddi tut jate hain..to kya ye self defence hai….
Advocate_Dheeraj
yes
Aman
नमस्कार सर,
यदि आत्मरक्षा में किसी की हत्या हो जाये तो कानून में इसका क्या प्रावधान है? कृपया करके बताईये
धन्यवाद
Advocate_Dheeraj
Aman जी,
इतनो गहरी बात यहा नही लिख सकता हु आप कॉल करके सलाह ले
Jackie
Sir kya f.I.r me jitane logo ka nam darj hai to agar vo log aur unke ghar wale milkar kisi apne padosi ke padhane wale ladko ko fasana chahte hai to kya vo fas jayega uska bhi bhi nam f.I.r me Bach sakata hai jabki usane koi jurm hi nahi kiya hai jhuthe f.I.r se bachane ka rasta bataye
Advocate_Dheeraj
Jackie जी,
इसका जवाब आपको केस की बाकी डिटेल ले कर ही बता सकता हु | आप मुझसे सम्पर्क कर सकते है | डिटेल फीस समेत वेबसाइट पर दी गई है |
Omprakash yadav
Sir,
Agar koi.jamwar jaise ki lion hamre uper hamla kar de to hum apni jaan bachane ke liye use Mar skate hai ya nahi
Kya is condition mai self defence ka kanoo. Use kar skate hai ya nahi
Advocate_Dheeraj
Omprakash yadav जी,
मार सकते है
Ankita Chandrawanshi
A&C dono bhai h A badhe bhaai h or unka ldka h B& C ka ldka h D. B,D se badha h,C or D ne milkar ,B ko bina kisi reason k mara,B k Papa mtlb A jb B ko bchnane aye to C or D ne unpe b hath uthaya or unhe b kafi mara mtlb chhote bhaai ne badhe bhaai ko mara,badhe bhaai ne tmasha na ho isliye kuchh ni kiya ,ab m Janna chahti hu k ham un pe case kre to unhe max kon c saja milegi,plz give me ans it’s very imp
Advocate_Dheeraj
Ankita जी,
केस बनना मेडिकल यानी आप लोगो की चोट पर निर्भर करता है | जैसे की साधारण चोट लगे तो 323 IPC इसमें एक साल की सजा 325 इसमें 7 साल की सजा और इससे भी ज्यादा चोट ज्यादा चोट के लिए 326 आजीवन कारावास ऐसे ही हर परेशानी और चोट के लिए अलग धारा और सजा है |
Aditya
Hello Sir
Mere Pita ji k upar jhutha ilzam mohalle k aadmi ne lagaya ki mere upar jadu tona kr diya hai to meri tabiyat theek nhi rehti h issi bat ko lekar wo log Mere pita ji ko chaku se war kiya jisse unki aankh k niche cut lg gya or tamanche k pat se sar par waar kiya or kulhadi se bhi war kiya wo log 4-5 log the…Police me complain ki hai to 308 dhara nhi lga rhe hai ….sir plz help me kya kre…
Advocate_Dheeraj
Aditya जी,
एक शिकायत और दो की उसने आपको देखने की धमकी दी है | अगर वे जेल में है तो उनकी बैल appose करे |
मेडिकल के पेपर सम्भाल कर रखे कोर्ट में दिखाए और उनसे क्षतिपूर्ति भी ले |
अशुतोष
सर मेरे मकान में किराएदार रहते हैं जो अब खाली नहीं कर रहे है और अगर कुछ कहो तो पूरा परिवार मारने के लिए आ जाता है वो 4 लोग है डंडा लेकर आ जाते है मारने ।में अकेला हु ऐसी परिस्थिति में यदि में अपनी लाइसेंस 315 राइफल से गोली मार देता हूँ ।तो ये आत्मरक्षा में माना जायेगा या नही ।अगर नही माना जायेगा तो क्यो कृपया सुझाव से ।
Advocate_Dheeraj
अशुतोष जी,
आपकी परेशानी और गुस्सा जायज है | लेकिन बचाव में आप किसी को उतना ही नुकशान पंहुचा सकते है जितना आपके बचने के लिए जरूरी है उससे ज्यादा नही | ऐसी हालत में वे मकान खाली करेंगे भी नही |
आपको ये सलाह यहा लिखकर नही दे सकता हु किसको क्या करे कितना नुकशान पहुचाये | अच्छा होगा आप कॉल करके सलाह ले |
अफ़रोज़ अली
सर क्या सेल्फ डिफेंस में चाकू रख सकते हैं?
Advocate_Dheeraj
अफ़रोज़ अली जी,
नही, सिर्फ गुर सिख जिन्होंने अमृत चखा होता है वे ही 6 इंच का चाकू रख सकते है | और कोई नही |
sarvesh
sir self defence ham mahilao par bhi kar sakte hai
Advocate_Dheeraj
sarvesh जी,
बिलकुल , लेकिन साबित करना बहुत मुश्किल है
Vikas
Sir mai paramilitary hu me kuch din pehel mai ghar gya tha chhuti par waha mera ek ladke se kaha suni ho gyi jiske dauran mere bhai ne usko thapad mara aur usi raat wo mamla wahi khatam kar diya gya lekin jab mai wapas duty me aaya to kuch din pta chala ki waha mere bhai ko raste me rok kar uske upar postal taan di mere bhai ne hatha payi karke pustak chhin liya aur bullet nikal kar pistal usko de diya aur kaha ki baat ko mat badao parntu waha nhi mana fir kuch din bad wah uske upar roud se war krke bhag gya aur baar baar bol rha hai ki apne bhai ko bulao yani mai ab mujhe lagta hai ki agar mai wapas ghar jata hu to wo mere sath bhi yahi harkat kar skta agar wo mujhpe postal taanta hai mujhe marne ke liya ya fir kisi dhari dhar hathiyar se marta hai to kya mai apne aatam surksha me usko maar skta hu waha ladka uske dost already madar ke jurm me band the abhi uska case chal rha hai aur waha nase bhi karta hai smuggling bhi krta hai
Agar wo meri jaan pr aaye to kya mai apni jaan bachne ke liye use jaan se mar skta apni surksha me plz sir request hai iska answer jarur de
Thank you..
Advocate_Dheeraj
Vikas जी,
अभी जहा आप है वहा पुलिस स्टेशन में ये शिकायत दे की हालात ऐसे है और आपकी जान को ख़तरा है |
फिर बाद में अपनी सुरक्षा के लिए कुछ भी करे , उनके उपर तो वैसे भी केस है फसेंगे वे ही
VIPIN KUMAR
Kya koe Esa kannon hai. jo pahle se Bhai ki patni dahej act ya other act lgane ki ashanka hone per Pahale se apni surkcha ya us case se bacha ja sake.
Advocate_Dheeraj
VIPIN KUMAR जी,
सिर्फ पुलिस में शिकायत दे सकते है की आपको झूठे केस में फसाया जा सकता है | और कुछ नही
Mohit
माना a और b में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ जहां a गोली चला देता है जो b के कंधे में लगती है तथा b अपनी जान बचाने के लिए अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक से a को अपने बचाव में गोली मार देता है तथा a कुछ दिन बाद मर जाता है जहां a एक लाख का इनामी बदमाश है तो क्या b, a पर रखी गई इनाम को प्राप्त करने का अधिकार रखता है या नहीं
Advocate_Dheeraj
Mohit जी,
इनाम किसी को मुर्दा भी पकड़ने का है तो मिल जायेगा वरना नही
Khadim
Kya dheeraj sir agar koi Insan aatmaraksa ke liye koi hathiyar rakh Sakta hai use pe koi kaayda hai agar hai to please tell me
Advocate_Dheeraj
सिखों को चाकू रखने की छुट है और किसी को भी नही
आप पुलिस में शिकायत दे कर की आपकी जान को खतरा है
DSP से परमिशन ले कर कोई भी हथ्यार रख सकते है
Khadim
Can any person keep a weapon for self defence,tell me which is a law on this,tell me sir.
Advocate_Dheeraj
only sikh community can keep chaaku.
with DSP permission you can keep any weapon for self defence, for this first of all make a complaint to police
pradeep kumar
सर मेरा भाई कही पर जा रहा था तभी एक किशोर लड़का आया और अपसब्द तथा चिढाने जैसे बाते बोलने लगा जब मेरे भाई ने मना किया तो उसने मेरे भाई के उपर कचरा फेक दिया जिससे मेरे भाई ने गुस्से में आकर उसकी पिटाई कर दी उस किशोर लड़के की माँ ने पुलिस को सूचित किया मेरा भाई ने दलील दी कि उसने self defence किया है पर पुलिस मारपीट का केश बना रही है सर आप ही मुझे बताइए प्रॉपर्टी की सेफ्टी करना सेल्फ डिफेन्स ही तो है इस हिसाब से मेरे भाई के वस्त्र उसकी प्रॉपर्टी तो है लेकिन पुलिस अपनी चला रही है अब आप ही मुझे बताइए कौन सही है कौन गलत |
Advocate_Dheeraj
सही गलत तो जिन्दगी में चलता ही है
मुझसे सिर्फ लॉ की बात करे की मुझसे आप क्या लॉ पॉइंट जानना चाहते है
Pradeep kumar
सर आपने self defence मे सरारत कि बात कही है कैसी सरारत आैर ये child पर लागु हाेती है
Advocate_Dheeraj
पूरी बात लिखे
Dilkhush kumar
मैं बिहार का रहने वाला हूँ, मैं यहां एक स्टार्टअप किया हूं जिसे बिहार सरकार के स्टार्टअप निति के तहत चयनित भी किया गया है ।
मैं अपने कर्मचारी के साथ रात्री करीब 8 बजे कार्यालय में अपना काम निपटा रहा था कि अचानक 3 युवक आकर एक कैब का मांग किया, हमारे पास कैब उपलब्ध नही तो कर्मचारी द्वारा माना कर दिया , फिरभी वो लोग जोर जबरदस्ती करने लगा मामला बिगड़ता देख मैने स्थानीय पुलिस को सूचना दिया, इसके पश्चात तीनों लोग और उग्र हो गया और हमलोगों के साथ गली गलौज एवं मारपीट कारित करते हुवे कार्यालय में तोड़ फोड़ करने लगा और अपने केहुनी से मेरा गला दबा दिया फिर मैंने हल्ला किया तो आस पास का लोग जमा होने लगे जिसे देखकर तीनों लोग भागने का प्रयास करने लगा, जिसे घेर कर पब्लिक ने पिटाई कर दिया,तब तक पुलिस भी आ पहुंची, और हमारे द्वारा दिये गये आवेदन के अनुसार तीनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर तीनों को पुलिस अपने साथ ले गया ,सुबह में हमें सूचना मिली कि उस तीन लड़का में एक कि मिर्त्यु हो गई और उनके परिजन ने हमलोगों पे हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया और यह आरोप लगाया कि मेरे पुत्र कंपनी में अपने दोस्त का 6000 रुपये बकाया मांगने गया तो उनकी पिट पिट कर हत्या कर दिया गया।
इस केस में इन तीनों का वहां आना और हमलोगों के साथ मारपीट व कार्यालय में तोरफोर करने की बात पुलिस ने भी इस हत्या केस दैनिकी में दर्शाया है । क्या यह सेल्फ डिफेंस का मामला बनता है?
Advocate_Dheeraj
आप इसे self defence से नही जोड़ कर पुब्लिक के द्वारा पिटाई के मिर्तु हुई ऐसा दर्शाए
आप तो अपने कर्मचारी के साथ उनकी पिटाई से अधमरे थे उनको पुब्लिक ने पिटा ऐसा शो करे
कोई बड़ा केस नही है
किसी भी पब्लिक गवाही से आप जीत जाओगे
Prem prakash yadav
Bahut acha laga atmaraksha ka adhikar parake
Advocate_Dheeraj
आपका इस आदर और सम्मान के लिए शुकिर्या|
vk dixit
Sir mera padosi bahut dabang h, wah mere pariwar ki sampatti par haavi Ho raha h evm meri ya mere kisi bhi pariwrijan ki hatya kra sakta h. Mujhe kya Karna chahiye sir
Advocate_Dheeraj
ठाणे में शिकायत दे | उस पर FIR करवाए | अपनी सम्पति पर स्वय कोर्ट से स्टे ले की उस पर कब्ज़ा होने की आशंका है | बाकी और भी तरीके है जो की में लिख नही सकता हु | आप कॉल करके जान सकते है | लेकिन काल सर्विस की फीस 500 रुपीज है
shrichand prajapati
वकील शाहब हमारी शादी हुए 4 माह हुए है और जिस लड़की से शादी हुई है वह किसी ओर से प्याथर करती है और उन लोगों का चार शाल का इतिहास रहा है और लड़की की भी जबरदस्तीम शादी उनके माता पिता ने कर दी है लड़की शादी के शाथ ही मेरे शाथ उदाशीनता तथा तिरस्का र पूर्वक व्यतवहार करती है यह बात उसने खुद शादी के पहली रात में उसके व्यमवहार के कारण मेरे लगातार पूछने पर बताया तब से ही मै उससे तलाक लेने के लिए बोलने लगा तब तो वह तैयार थी लेकिन अपने प्रेमी के कहने पर कि अब उसके माता पिता दूसरी लड़की से उसकी शादी करवाना चाहते है मैने तुम्हाेरी शादी में दखल नही दिया तो तुम भी मेरी शादी में दखल न दो की दलील देता है तो मेरी पत्नी अपने प्रेमी को खुश करने के लिए मुझे तलाक देने को भी राजी नही है वह मुझसे मतलब नही रखती और मेरे शाथ उसका व्येवहार ठीक नही है मैने कभी किसी लड़की के शाथ जीवन भर कुछ नही किया लेकिन जिसके शाथ शादी हुई वह चार शाल तक उसके शाथ रहकर आयी है और उसका व्य वहार बिलकुल अच्छाज नही है वह मेरे शाथ ठीक से बात तक नही करती वह सिर्फ अपने माता-पिता और खास कर अपने प्रेमी के कहने पर मुझे तलाक देने को तैयार नही है जबकि उसकी और प्रेमी की बात की रिकोर्डिग है मेरे पास जिसमें वह अपने प्रेमी से शादी न होने पर मरने की बात करती है तथा प्रेमी उसे यह कहता है कि जिसके शाथ शादी हो गयी है अब उसी के शाथ रहे मेरी जिन्द गी क्यों बर्बाद कर रही हो अगर तुम्हाारी बर्बाद हो गयी तो तुम मेरी भी करना चाहती हो इस प्रकार की दलील देता है वह मायके जाती है तो दिन रात उसी से बात करती है उससे मिलने भी जाती है और मुझसे बात तक नही करती मायके गये हूए तीसरा माह होने वाला है जबकि शादी हुए ही मुस्किल से चार माह हुए है । श्रीमान जी मुझे यह बाते और उसका व्यएवहार तथा उसका इतिहास जीने नही देता मै अपनी जिन्द्गी से हार गया हूँ यदि यह तलाक न हुआ तो मै अपनी जिन्दागी से हाथ धो बैठूगा श्रीमान जी वह अपने माता पिता के शामने फोन लगाकर बात करके हितैसी होने का ढोंग करती है और अकेले में बात तो क्यास फोन तक नही उठाती श्रीमान जी मै सिर्फ अब तलाक लेना चाहता हूँ अगर यह तलाक न हुआ तो मै जिन्द गी से हार बैठूगा श्रीमान जी आप से निवेदन है कि मुझे रास्ताअ बताने की कृपा की जावे
मेरी पत्नील के प्रेमी की शादी इन्ही ठढियों में होने वाली है यह बात मेरी पत्नी ने ही मुझसे बताया है और अब वह प्रेमी मेरी पत्नी से शादी करने को भी तैयार नही है वह मेरी पत्नीढ को कई प्रकार की दलीलें देता है जैसे यह बात फैल गयी है कि तुम्हाबरी शादी हो गयी है और मेरी शादी हो रही है मै उस लड़की के शाथ धोखा नही कर सकता इसी प्रकार जहां शादी हो रही है उस लड़की का परिवार बहुत खुस है अगर शादी टूटी तो उनका दिल टूट जायेगा। और वे लोग दुखी हो जायेंगे मै ऐसा नही कर सकता आदि कई प्रकार की
वकील शाहब मुझे सिर्फ तलाक चाहिए आप रास्ताद बताओं क्योुकि तलाक न होने पर मै प्रताणित होने हुए मर जाऊगा
Advocate_Dheeraj
रिकार्डिंग तो आपके पास है ही | उसी आधार पर केस करे और जीते | इसके अलावा और भी इसी प्रकार के सबूत इकट्ठा कर ले तो अच्छा है | लेकिन तलाक का केस करने में देर नही करे |
Santu
Sir मेरा पिता बेवजह अपने घर वालों की बातों में आकर मेरी मां को मारता रहता हैं क्या मैं अपनी मां को बचाने के लिए अपने पिता या उनके घर वालों को पीट सकता हूं ऐसा करने से भी मुझ से लड़ेंगे और मैं अपनी और अपनी मां की जान बचाने के लिए आत्मरक्षा के कानून का प्रयोग कर सकता हूं क्या?
Advocate_Dheeraj
आत्म रक्षा स्वय के लिए होती है दुसरे के लिए नही | हां आप अपनी माँ को बचाने के लिए लड़े जरुर वो गलत नही है | आप अपनी माता से घरेलू हिंसा का केस करवाए
shahin
अगर कोई लड़की किसी दुसरे लड़की को कुये में ढकेल कर जान से मारने कि कोशिश करती है तो दुसरी लड़की अपने self defence में खुद को बचाने के लिए उस पर हमला करती है और वह मर जाती है मतलब उसकी हत्या हो जाती है तो वह खुद को कानूनी तौर पर कैसे साबित करें कि उसने अपने सेल्फ डिफेंस में खुद को बचाने के लिए उस पर हमला किया और उसकी हत्या हो गई
Morya vik
First of all ladki ko aspasht karna hoga wah kue par pahunche kaise or agar ye dusri ladki ki sajish thi yah sabit karne me safal rahi to uske baad ye dekha jayega ki ladki ne kis cheez se hamla kea yadi wah bina kisi hatiyar ke hai or usne ladki ko kue mein self defence ke lea dalel dea to wah Nirdosh payi jayegi anyatha wah kisi bhi mamle mein doshi payi jayegi
Advocate_Dheeraj
अपनी बात को स्पस्ट रूप में लिखे | समझ में नही आ रहा है
Advocate_Dheeraj
ok