अग्रिम जमानत Anticipatory bail क्या होती है ? कितने प्रकार की होती है ? तथा अरेस्ट होने से पहले कोर्ट से अग्रिम जमानत कैसे ले ? तथा कैसे इस बैल का विरोध करे ?
अग्रिम जमानत Anticipatory bail क्या है :-
जब कोई व्यक्ति गिरफ्तार होने वाला हो, या, उसे ऐसी आशंका हो, की, उसे किसी झूटे केस में फसा कर गिरफ्तार करवाया जा सकता है तो ऐसे में जेल जाने से बचने के लिए वह कोर्ट से पहले ही जमानत लेता है | कोर्ट, पुलिस को आदेश देती है की, इस व्यक्ति को गिरफ्तार नही किया जाये, कोर्ट द्वारा जमानत का ये आदेश अग्रिम जमानत Anticipatory bail कहलाता है, ये अग्रिम जमानत 2 प्रकार की होती है :- (1) FIR होने से पहले (2) FIR होने के बाद |
1. FIR होने से पहले :-
अगर किसी व्यक्ति, को ये लगे की उस पर कोई झुटा केस बनवा सकता है या फिर कोई ऐसा करने का प्लान बना रहा है, या फिर, ऐसे हालत हो गए है की उस के खिलाफ कभी भी FIR हो सकती हो, वो व्यक्ति कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत Anticipatory bail के लिए आवेदन कर सकता है | इसमें कोर्ट पुलिस को ये आदेश देती है की, अगर कोई FIR उस व्यक्ति / आवेदन कर्ता के खिलाफ करती है तो FIR करने के बाद, पुलिस उसको 7 दिन (या जितने दिन कोर्ट चाहे) पहले सूचित करेगी और FIR की कॉपी देगी ताकि वह व्यक्ति अपनी बैल/जमानत का इंतजाम कर ले |
2. FIR होने के बाद :-
अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ FIR हो गई है या फिर पुलिस की जाँच में उसका नाम भी आरोपियों की लिस्ट में आ रहा है | तो, वो व्यक्ति भी, इस धारा 438 के अंतर्गत अग्रिम जमानत Anticipatory bail का आवेदन कर सकता है
अग्रिम जमानत का उदेश्य :-
अग्रिम जमानत का उदेश्य, सिर्फ किसी निर्दोष व्यक्ति को, किसी झूटे केस, आर्थिक हानी और बदनामी से बचाने के लिए है | लेकिन ये भी, सिर्फ इस शर्त पर की अगर कोर्ट को ये लगे की वो व्यक्ति निर्दोष है या फिर पुलिस जाँच सही तरीके से नही हो रही है | तो कोर्ट, उसको अग्रिम जमानत देगा |
अग्रिम जमानत सिर्फ सेशन कोर्ट से ही मिलती है या फिर विशेष परिस्तिथियों में अनुच्छेद 226 में हाई कोर्ट से रीट द्वारा ली जा सकती है |
अग्रिम जमानत के मिलने के बाद व्यक्ति को गिरफ्तार नही किया जाता है तथा उसे बिना गिरफ्तार किये ही चार्ज शीट फ़ाइल् की जाती है | भारत के कानून के अन्तर्गत, गैर जमानती अपराध के आरोप में गिरफ्तार होने की आशंका में कोई भी व्यक्ति अग्रिम जमानत का आवेदन कर सकता है। तथा कोर्ट सुनवाई के बाद सशर्त अग्रिम जमानत दे सकता है। यह जमानत पुलिस की जांच होने तक जारी रहती है। अग्रिम जमानत का यह प्रावधान भारतीय दंड सहिता की धारा 438 में दिया गया है। अग्रिम जमानत का आवेदन करने पर शिकायतकर्ता को भी कोर्ट, इस प्रकार की जमानत की अर्जी के बारे में सूचना देती है ताकि वह चाहे तो न्यायालय में इस अग्रिम जमानत का विरोध कर सके ।
उत्तर प्रदेश राज्य में अग्रिम जमानत कैसे ले :-
आपको ये जाकर आश्चर्य होगा की, सारे भारत में एक कानून होने बाद भी उत्तर प्रदेश की हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश के अनुसार अपने राज्य में अग्रिम जमानत को ख़तम किया हुआ है | ऐसा वहा पर कानून का ज्यादा दुरूपयोग होने के कारण किया गया है लेकिन वहा पर अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचाना है तो वो सीधे हाई कोर्ट में रिट, अनुच्छेद 226 में फाइल करके अग्रिम जमानत ले सकता है रिट के अंदर हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की प्रकिर्या है
इंटरिम बैल आदेश क्या है :-
जब आवेदनकर्ता, कोर्ट के सामने अग्रिम जमानत का आवेदन करता है तो वो जरूरी नही की कोर्ट उसको पहली तारीख पर ही बैल दे कर केस को खत्म कर दे | ये भी हो सकता है की, बैल के आवेदन पर बहस किसी मुद्दे को लेकर लम्बी भी हो सकती है | जिसमे की कई तारीखे भी लग सकती है | ऐसे में आवेदनकर्ता की तरफ से ये आवेदन किया जाता है की उसे इन तारीखों के बिच में पड़ने वाले समय में, फाइनल आर्डर से पहले टम्प्रेअरी तौर पर बैल दे | क्योकि, इस बिच, अगर आवेदनकर्ता गिरफ्तार हो गया, तो इस अग्रिम जमानत अप्लिकेशन और बहस का कोई मतलब नही रहेगा तो ऐसे में कोर्ट आवेदनकर्ता को अगली तारीख तक की सुनवाई तक इंटरिम बैल दे देती है |
बेल का आवेदन किस जगह पर करना चाहिए :-
अग्रिम जमानत का आवेदन तीन जगह पर किया जा सकता है (1) पहली जगह वो जहा पर वो अपराध हुआ हो तथा (2) दूसरी जगह वो जहा पर शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत दी हो और FIR हुई हो (3) तीसरी जगह वो जहा पर आवेदनकर्ता को अंदेशा हो की, उस के खिलाफ इस जगह पर अफ. आई. आर. हो सकती है
कोर्ट से बैल या जमानत कैसे ले :-
- अगर, आपके खिलाफ अभी तक, कोई झूठी अफ. आई. आर. नही हुई है और होने की आशंका है तो इस बात का वर्णन अपनी अप्लिकेशन में करे की शिकायतकर्ता आपको क्यों झूठे केस में फसाना चाह रहा है | इसमें उसको क्या फायदा है या फिर वो ऐसा किस मकसद से कर रहा है
- कोर्ट को ये भी बताये की आगर आप गिफ्तार हो गए तो आपको क्या व किस पारकर का नुकशान होगा जैसे की आर्थिक हानि, शारीरिक हानि, मानसिक हानि, और समाजिक हानि इस्यादी व शिकायतकर्ता को इससे क्या फायदा होगा |
- अगर, कोई झूठी अफ. आई. आर. आपके खिलाफ हो गई है और आपको इसका पता चल गया है तो उस अफ. आई. आर. की बातो का वर्णन अपनी अप्लिकेशन में करे |की, कैसे वो झूठी है तथा कोई सबूत आपके पास हो तो उसको कोर्ट में पेश करे | शिकायतकर्ता ने आपके खिलाफ ये झूठी अफ. आई. आर. क्यों करवाई ? इसका कारण जरुर बताये | क्योकी कोर्ट आपको दोषी समझती है कोर्ट को ये बताना बहुत ही जरूरी होता है की, ये आप के खिलाफ क्यों किया गया | ताकि कोर्ट का सबसे पहले ये विचार सही हो सके की, अफ. आई. आर. पूरी तरह से सच्ची नही है |
- इस प्रकार की बेल में सबसे ज्यादा बड़ा मुद्दा ये होता है की, आरोपी से रिकवरी होनी बाकी है तथा आरोपी किस गवाह या शिकायतकर्ता को परेशान कर सकता है तो अगर किसी भी प्रकार की रिकवरी का मुद्दा अगर केस में नही है तो इस बात पर कोर्ट में जोर दे कर कहे तथा आप किसी भी गवाह या शिकायतकर्ता को परेशान नही करेंगे इसका विश्वास भी कोर्ट को दिलाये |
- कोर्ट को ये समझाने की कोशिश करे की इस अफ. आई. आर. में अब किसी भी प्रकार की इन्क्वारी की जरूरत नही है तथा न ही कोई नया मोड़ आया है तो मुझे अग्रिम जमानत दी जाये
- अगर आप पर पहले कोई अपराधिक रिकोर्ड नही है तो वो भी बेल लेने का कारण हो सकता है आप बैल के लिए अपनी टैक्स रिटन या अपने पर आश्रित परिवार के लोगो जैसे बुजुर्ग माता पिता, बच्चे या अपनी कम या ज्यादा उम्र का सहारा ले कर भी बेल ले सकते है
- बैल या जमानत लेने में सबसे बड़ी बाधा पुलिस यानि (आई. ओ.) व सरकारी वकील होते है अगर वे आपकी बैल का ज्यादा विरोध नही करे तो भी कोर्ट का मन आपको बैल देने का मन बन सकता है अब इन लोगो को विरोध करने से कैसे रोके ये मुझे आप लोगो को समझाने की जरूरत नही है आपके वकील साहब उन तरीको को अच्छे से जानते है |
अग्रिम जमानत का विरोध कैसे करे :-
अग्रिम जमानत Anticipatory bail के केस में ज्यादातर शिकायतकर्ता को नोटिस देकर कोर्ट में बुलाया ही जाता है ताकि कोर्ट को केस की स्तिथि और सच का पता चल सके लेकिन अगर आप चाहे तो तो कोर्ट में एक कैविट की एप्लीकेशन लगा कर, जब भी आरोपी की अग्रिम जमानत Anticipatory bail लगे, आप को विरोध के लिए नोटिस मिले, ऐसी व्यवस्था कर सकते है
- हमेशा कोर्ट में अपराधी के बैल मिलने पर स्वय शिकायतकर्ता, गवाहों व सबूतों को प्रभावित होने का आरोप लगाये की बैल आवेदनकर्ता, जमानत ले कर उसका दुरूपयोग कर सकता है
- अगर किसी चीज या समान का केस में मिलना जरूरी या वो गुम है तो, पुलिस के द्वारा आवेदनकर्ता की कस्टडी यानि गिरफ्तारी की मांग करे
- अगर आप के पास कोई केस से सम्बन्धित पेपर जैसे की आपका मेडिकल या कोई और सबूत तो | उस सबूत को आप कोर्ट में अपने साथ ले कर जाये व दिखा कर बैल या जमानत का विरोध करे
- कोर्ट में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब बहुत ही शालीनता व समझ से दे | ताकि कोर्ट को ये लगे की आप सही है
- अगर कोर्ट अपराधी को बैल दे भी दे तो आप उपर की कोर्ट में उसकी बैल ख़ारिज करवाने की एप्लीकेशन लगा सकते है
- सरकारी वकील व पुलिस यानि आई. ओ. पर पूरी नजर रखे अगर वे अपराधी की तरफदारी करे या उसका बैल होने में साथ दे तो आप उनकी शिकायत कर के इन्हें बदलवा भी सकते है | ज्यादा अच्छा हो की आप बैल या जमानत का विरोध करने के लिए अपने खुद के वकील साहब अपोइन्ट कर ले तो ज्यादा अच्छा होगा
अग्रिम जमानत को निरस्त करवाना :-
अगर किसी व्यक्ति को अग्रिम जमानत मिल गई है, तो शिकायतकर्ता, सेशन कोर्ट जिसने ये जमानत दी है या फिर हाई कोर्ट में इसके खिलाफ आवेदन करके इसको निरस्त करवा सकता है | ऐसे में ये डिफेंस लिया जाये की वो व्यक्ति, अपनी जमानत का गलत इस्तेमाल कर रहा है तथा गवाहों व सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी कर रहा है
अग्रिम जमानत के लिए बैल बांड या प्रतिभूति :-
इस केस में जमानत मिलने के बाद पुलिस स्टेशन में जमानत देनी होती है तथा बाद में केस शुरू होने के बाद दुबारा कोर्ट में | आप बैल या जमानत के लिए प्रतिभूति के तौर पर (1) अपनी गाड़ी की आर. सी. (2) रजिस्टर्ड जमीन के पेपर या जमीन की फर्द (3) बैंक की अफ. डी. (4) इंद्रा विकास पत्र (5) सरकारी नोकरी होने पर तीन महीने से कम पुरानी पे स्लिप तथा ऑफिस आई. कार्ड. की कॉपी इत्यादि पर कोर्ट के बताये मूल्य के अनुसार हो तो जमानत की प्रतिभूति के लिए देनी होती है |
अग्रिम जमानत मिलने की शर्ते :-
ज़मानत पर रिहा होने का मतलब है कि आपकी स्वतंत्रता तो है पर आप पर कई प्रकार की बंदिशे भी कोर्ट द्वारा लगाई जाती है ये बंदिशे बैल बांड से अलग है जैसे की आप रिहा हो कर शिकायतकर्ता को परेशान नही करेंगे, किसी भी गवाह या सबूत को प्रभावित नही करेंगे |
इसके अलावा कोर्ट आप पर विदेश न जाने के लिए भी बंदिश लगा सकती है तथा आप का उसी शहर में रहना या किसी निश्चित एरिया में रहना तय कर सकती है या आप का किसी निश्चित दिन या फिर हर रोज पुलिस स्टेशन में आकर हाजरी लगवाना भी निश्चित कर सकती है
ऐसा न करने करते पाये जाने पर आपकी बैल या जमानत को कोर्ट रद्द कर सकता है ज्यादातर मामलो में पाया जाता है की शिकायत कर्ता कोर्ट में झूठी शिकायत दे देते है की, आरोपी बैल या जमानत लेकर उसका दुरूपयोग कर रहा है तथा गवाहों को व उसे धमका रहा है, जिससे की आरोपी की जमानत रद्द हो जाये | ऐसे में आप इन चीजो से बचे व सावधान रहे |
अग्रिम जमानत Anticipatory bail धारा 438 का हिंदी रूपांतरण क्या है :-
धारा 438 का पूरा हिंदी रुपंतार्ण निचे उसके सपष्टीकरण के साथ दिया है :-
धारा 438
- गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए निदेश –
(1) जब किसी व्यक्ति को, यह विश्वास है की उसे, अजमानतीय अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है, तो वह इस धारा के अधीन उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय को आवेदन कर सकता है, कि, ऐसी गिरफ्तारी की स्थिति में उसे जमानत पर छोड़ दिया जाए और न्यायालय अन्य सभी बातों के विचारों के साथ-साथ निम्न बातों को ध्यान में रखकर, –
स्पस्टीकरण :- अगर, किसी व्यक्ति को ये विश्वास हो जाये की, उसे किसी नॉन बेलेबल ओफ्फेंस में गिरफ्तार किया जा सकता है है तो, गिरफ्तारी से बचने के लिए, वह व्यक्ति हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत Anticipatory bail के लिए आवेदन कर सकता है और, न्यायालय उसके आवेदन पर विचार कर के उसको बैल दे सकते है |
(i) आरोप की प्रकृति एवं गंभीरता,
स्पस्टीकरण :- कोर्ट बेल देने से पहले ये देखेगा, की, आवेदनकर्ता पर आरोप किस प्रकार का है तथा, उस अपराध की गम्भीरता क्या है ? तब वह बेल देगा |
(ii) आवेदक का पूर्ववत जिसमें यह तथ्य भी सम्मिलित है कभी पूर्व में किसी संज्ञेय अपराध के बाबत में न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध होने पर कारावास का दण्ड भोगा है या नहीं,
स्पस्टीकरण :- कोर्ट बेल देने से पहले ये देखेगा, की, आवेदनकर्ता पर, पहले किसी भी प्रकार का कोई आरोप सिद्ध तो नही हुआ है तथा उसके लिए उसने कोई दण्ड तो नही भोगा है | ये देखकर कोर्ट बेल देगी |
(iii) आवेदक के न्याय से भागने की संभावना, और
स्पस्टीकरण :- कोर्ट ये भी देखेगा की कहि, ऐसा तो नही की आवेदनकर्ता अग्रिम जमानत लेकर फरार न हो जाये,
(iv) आवेदक को गिरफ्तार करके उसे चोट पहुंचाने या अपमानित करने के उददेश्य से आरोप लगाया गया है,
या, तो आवेदन को तत्काल अस्वीकार किया जावेगा या अग्रिम जमानत प्रदान करने का अंतरिम आदेश दिया जाएगा:
स्पस्टीकरण :- कोर्ट बेल देने से पहले ये देखेगा, की, आवेदनकर्ता पर केस उसको गिरफ्तार करके, सिर्फ चोट पहुचने या अपमानित करने के उदेश्य से ही केस लगाया गया है |
या इस धारा के अंतर्गत कोर्ट बिना समय गवाये या तो आवेदनकर्ता की अग्रिम जमानत Anticipatory bail को स्वीकार करेगी या अस्वीकार
परन्तु यह कि जहाँ जैसी स्थिति हो उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय ने इस उपधारा के अधीन कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है या अग्रिम जमानत प्रदान करने के आवेदन को अस्वीकार कर दिया है, तो पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी का यह विकल्प खुला रहैगा कि ऐसे आवेदन के आशंकित आरोप के आधार पर आवेदक को बिना वारंट गिरफ्तार कर ले ।
स्पस्टीकरण :- अगर, इस धारा 438 में, आवेदनकर्ता का आवेदन हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट में लंबित हो या नही हो दोनों ही स्तिथि में अगर कोर्ट ने अग्रिम जमानत नही दी है तो पुलिस आवेदनकर्ता को अरेस्ट कर सकती है और अगर आवेदनकर्ता का केस कोर्ट कैंसिल कर देती है तो भी पुलिस आवेदनकर्ता को अरेस्ट कर सकती है और इसमें अरेस्ट करने के लिए पुलिस को अरेस्ट वारंट की भी जरूरत नही है पुलिस सिर्फ संशय के आधार पर भी आवेदनकर्ता को अरेस्ट कर सकती है
(1क) जहाँ न्यायालय उपधारा (1) के अधीन अंतरिम आदेश देता है तो वह तत्काल सूचना कार्यान्वित करेगा, जो सात दिनों से कम की सूचना की नहीं होगी जो ऐसे आदेश की एक प्रति के साथ जो लोक अभियोजन और पुलिस अधीक्षक को भी देय होगी जो न्यायालय द्वारा आवेदन की अंतिम सुनवाई में लोक अभियोजक को सुनने का युक्तियुक्त अवसर दिए जाने की दृष्टि की होगी।
स्पस्टीकरण :- इसमें कोर्ट अगर, आवेदनकर्ता को अंतरिम आदेश मतलब इंटरिम आर्डर देता है की अगली सुनवाई से पहले आवेदनकर्ता को अरेस्ट नही किया जाये तो कोर्ट ऐसा आर्डर देने के बाद अगली सुनवाई से पहले | इसकी सुचना सरकारी वकील और इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर यानि की आई. ओ. को 7 दिनों के अंदर दी जाएगी | ताकि, पुलिस और सरकारी वकील को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाये |
(1ख) न्यायालय द्वारा अग्रिम द्वारा जमानत चाहने वाले आवेदन की अंतिम सुनवाई और अंतिम आदेश देने के समय आवेदक की उपस्थिति, यदि लोक अभियोजक द्वारा आवेदन करने पर, न्यायालय, न्याय हित में विचार करें कि ऐसी उपस्थिति आवश्यक है तो बाध्य कर होगी।
स्पस्टीकरण :- अगर, सरकारी वकील के आवेदन करने पर या फिर कोर्ट को अगर, स्वय उचित लगे तो आवेदनकर्ता को फाइनल आर्डर के समय, या इससे पहले, कोई इंटरिम आर्डर पास करते समय, वो आवेदनकर्ता को कोर्ट में बुलाने का आदेश दे सकता है |
(2) जब न्यायालय या सेशन न्यायालय उपधारा (1) के अधीन निदेश देता है तब वह उस विशिष्ट मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उन निदेशों में ऐसी शर्तें, जो वह ठीक समझे, सम्मिलित कर सकता है जिनके अंतर्गत निम्नलिखित भी है –
स्पस्टीकरण :- अगर हाई कोर्ट या सेशन कोर्ट उपधारा (1) के निर्देशों के अधीन होकर, कोई इंटरिम या फाइनल आर्डर देता है| तो वो, कोई भी कंडीशन या रुल अपने आदेश में सम्मिलित कर सकता है कुछ शर्ते या नियम निम्नलिखित भी हो सकती है
- यह शर्त कि, वह व्यक्ति, पुलिस अधिकारी द्वारा पूछे जाने वाले परिप्रश्नों का उत्तर देने के लिए जैसे और अपेक्षित हो, उपलब्ध होगा,
स्पस्टीकरण :- कोर्ट ये शर्त रख सकता है की, जब भी पुलिस, आवेदनकर्ता को बुलाएगी वो पुलिस स्टेशन में उसके सवालों के जवाब देने के लिए उपस्तिथ होगा
- यह शर्त कि, वह व्यक्ति उस मामले के तथ्यों से अवगत किसी व्यक्ति को न्यायालय या किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष ऐसे तथ्यों को प्रकट न करने के लिए मनाने के वास्ते प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः उसे कोई उत्प्रेरणा, धमकी या वचन नहीं देगा,
स्पस्टीकरण :- ये शर्त की, आवेदनकर्ता किसी भी व्यक्ति, पुलिस ऑफिसर, को कोर्ट के लिए या फिर किसी और बात के लिए, मनाने , बहलाने, धमकी देने या किसी कार्य के लिए वचन देने का कार्य स्वय या किसी के द्वारा नही करवाएगा
- यह शर्त कि, वह व्यक्ति न्यायालय की पूर्व अनुज्ञा के बिना भारत नहीं छोड़ेगा,
स्पस्टीकरण :- आवेदनकर्ता, बिना कोर्ट के आदेश के भारत नही छोड़ेगा
- ऐसी अन्य शर्ते, जो धारा 437 की उपधारा (3) के अधीन ऐसे अधिरोपित की जा सकती है मानो उस धारा के अधीन जमानत मंजूर की गई है।
स्पस्टीकरण :- अगर, किसी और आरोपी को, धारा 437 (3) के अंतर्गत इसी केस में, बेल मिली है और कोई शर्त उस आरोपी के साथ जोड़ी गई है तो वो शर्त इस आवेदनकर्ता के साथ भी जोड़ी जाएगी |
(4) तत्पश्चात ऐसे व्यक्ति को ऐसे अभियोग पर पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा वारंट के बिना गिरफ्तार किया जाता है और वह या तो गिरफ्तारी के समय या जब वह ऐसे अधिकारी की अभिरक्षा में है तब किसी समय जमानत देने के लिए तैयार है, तो उसे जमानत पर छोड़ दिया जाएगा, तथा यदि ऐसे अपराध का संज्ञान करने वाला मजिस्ट्रेट यह विनिश्चय कराता है कि उस व्यक्ति के विरूद्ध प्रथम बार ही वारंट जारी किया जाना चाहिए, तो वह उपधारा (1) के अधीन न्यायालय के निदेश के अनुरूप जमानतीय वारण्ट जारी करेगा।
स्पस्टीकरण :- अगर, अग्रिम जमानत लेने के बाद आवेदनकर्ता किसी भी स्थान पर, बेल के केस से सम्बन्धित मामले में ही, पुलिस द्वारा बिना वारंट के गिरफतार होता है तो पुलिस उसको उसी वक्त पर्सनल बेल पर छोड़ेगी, तथा बेल के केस में मजिस्ट्रेट, अगर चाहे तो, पहली बार में ही बेलेबल/जमानतीय वारंट इशू करके इस उपधारा (1) के अंतर्गत, आवेदनकर्ता को कोर्ट में बुलवा सकता है |
If, you want legal advice through mobile, please make a call on 9278134222. Advice fees will be applicable for 24 hours.
जय हिन्द
द्वारा
अधिवक्ता धीरज कुमार
इन्हें भी जाने :-
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- दहेज कानून dowry law धारा 498A cr.p.c. क्या है व दहेज व उपहार में क्या अंतर है
Pmotghare
Sir Ek aaropi farar hai aur usne anticipatory bail k liye apply kiya hai Agr mujhe Uski details Janna hai k usne kaha apply kiya hai bail number kya n all to wo mujhe kaise pata Chal skta hai?
Advocate_Dheeraj
कोर्ट के काउंटर पर कंप्यूटर में जाँच करे
Deepak
Sir ji me court me babu tha mere uper phle se koi case chal raha tha jo complaint case me darj tha jiske bare me muje jankari nahi thi our meri naukri mathura court me lag gyi jab verification thane par ayi to Thane se report lag Kar chali gye ki iss par case darj ha to Mathura DJ ne muje terminate Kar Diya or fact hide Karne ke karn 420 Ka case darj Kar Diya
Advocate_Dheeraj
Deepak जी, अगर उस केस में आपको कभी कोर्ट या पुलिस से कोई नोटिस नही मिला है तो आप उस सबूत के साथ हाई कोर्ट जाए, आपको जोइनिंग मिल जाएगी
Mithlesh Kumar
Sir mere ऊपर झूठा आरोप लगा कर धारा 457/380 लगा दिया अब मैं क्या करू
Advocate_Dheeraj
Mithlesh Kumar जी,
आप कॉल करके सलाह ले, FIR कॉपी भी दिखाए
Pankaj
Sir kes darj karaane ke kitne din baad court aaropi ko saman ya notice bhejti hai
Advocate_Dheeraj
Pankaj जी,
केस दर्ज होने बाद पहले पुलिस नोटिस करती है, वो नही आए तो कोर्ट इसमें 4 से 6 महीने लग जाते है |
Aryansh Rathore
सर मुझपर धारा 408 लगा हुआ है और मेरी अग्रिम जमानत हाइकोर्ट से खारिज हो गयी है सर अब मैं आगे क्या करूँ। कृपया सलाह दें।
Advocate_Dheeraj
Aryansh Rathore जी,
केस की डिटेल देखकर ही बता सकता हु आप कॉल करके सलाह ले डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
Shikha
Sir maine bail bond bhara hai advocate ko return milta hai vo? Kb or kase milega?
Advocate_Dheeraj
Shikha जी,
किस बात का return आप अपनी बात क्लियर करे
Mithilesh Kumar
Good Morning Sir,
My Question is: a lady has been missing from the journey accompanied with her husband and after seven year she could not be traced out, and case under section 304b/302 ipc and 498a has been made against the accused person and high court has dismiss the petition on the charges framed and said that this case is based on 108 Indian evidence act 1872 and 106 indian evidence act.
Sir, when the missing person is considered death after seven years then how can it be proved that such deach is within seven years from the date of marriage. secondly, civil death and natural death is same under section 108 IEA, then how will it be proved the unnatural death?
lastly, can 302IPC be framed only on the basis of 107 and 108 Indian Evidence act?
Advocate_Dheeraj
Mithilesh Kumar ji,
if, there is no doubt of regarding death of missing person. then, missing person can be declared as a dead person. when there is any doubt, then burden of proof will go to upon accused person. you will have face full trial of this case. in end you can win, but will have to face trial.
Ashu yadav
अग्रिम जमानत कब तक के लिए वैध रहती है।
Advocate_Dheeraj
Ashu yadav जी,
केस की जजमेंट आने तक |
bablu
sir mere jamin pe kisine insurance(pradhan mantri fasal yojana) kar liya hai froid kar k or mene bhi usi jamin pe insurance kiya hai or dono ko company k tarap se insurance ka paisa mila hai kya me uske upar case kar sakta hu wo mere jamin k upar insurance kiya hai
Advocate_Dheeraj
bablu जी,
आपको अपना मालिकाना हक बचाने के लिए केस करना भी चाहिये | वरना वो कल को इसी आधार पर आपकी जमीन हडप लेगा | वैसे भी सुप्रीम कोर्ट की नई जजमेंट के हिसाब से 12 साल तक कब्जा दिखा कर कोई भी मालिक बन सकता है | ज्यादा जानकारी के लिए आप कॉल करके सलाह ले सकते है | डिटेल वेबसाइट पर दी गई है
Anil
sir mere upr kisi ne fake fir darj krwai hai or robbery ka case lgwa diya h m abhi police se bhag rha hu..sir mere ghr k vaha cm shri kejriwal ji wale camere lge h..m un video m ghr jata hua hu or 12 bje niche utra hu fr 1 mnt baad upr chla gya .. hu to sir m apne aap ko kese bachau
Advocate_Dheeraj
Anil जी,
आप बैल करवाए ऐसे भागने से काम नही चलेगा
K d singh
Kya pocso act me agrim jamanat ho sakti hai, larki chahe to par larki ka 164 ka byan paksh me nahi hai, Aaron lga hai ki sadi ka jhasa dekar aur video bananakar yaun soshan kiya gya hai
Advocate_Dheeraj
K d singh जी,
लड़की साथ में कोर्ट जाए तो बैल हो जाएगी
Vijay
Sir maine divorce case file kiya hua h panchkula court me Or ab 4 mahine baad meri wife ne Punjab police station me complaint kr diya h… Police station wale mujhe bulate h Or mujh se gaali galoch krte h Or mujhe subh se sham tak lockup me band krke rakhte h… Iski complaint me kisko krun… Kya main apne divorce case me iski complaint kr skta hun… Lekin Punjab Or haryana do alag states h… Main haryana se hun or meri wife Punjab ki h
Advocate_Dheeraj
Vijay जी,
आप उसकी शिकायत पर अग्रिम जमानत ले, फिर आपको पुलिस परेशान नही करेगी | पुलिस की गाली देनी वाली बात को रिकॉर्ड करके उनकी शिकायत उपर ऑफिसर्स से करे और कोर्ट में केस करे | ज्यादा जानकारी के लिए कॉल करके सलाह ले |
Attu Jaiwal
Sir mere ko memorandum ke aadahar pe fasaya ja raha jisme mere pe dhara laga hua h 420 467 468 471 jabki m isme samil bhi ni hu to meko Kya karna chahiye
Advocate_Dheeraj
Attu Jaiwal जी,
केस के फैक्ट्स जानकार ही बताया जा सकता है आप कॉल करके सलाह ले
Harsh
Sir ji fir hone se pehle anticipatory baile Lene ke liye kya majbaut facts likhee batiue sir
Advocate_Dheeraj
Harsh जी,
फैक्ट्स तो आपकी स्टोरी में ही निकलेंगे, इसके लिए 9278134222 कॉल करके जाने फीस 1000 होगी
harsh
sie mujhe dar hai ki koi jhuta phasaya ja sakta hai kya fir hone se phle anticipatory bail mil jaygi aur uski cost kya hogi
Advocate_Dheeraj
harsh जी,
anticipatory bail किसी भी केस में पहले ले सकते है | लेकिन फीस आपके राज्य,केस की गम्भीरता और वकील साहब की काबलियत के अनुसार कुछ भी हो सकती है | देल्ली में 20 से 50 हजार तक है
harsh
sir to anticipatory bail le sakta hu na mujhe dar haikoi jhuta fasane ki koisi kar rha hai batye na sir ji jaldi mai kya kau
Advocate_Dheeraj
harsh ji,
बिना केस के फैक्ट्स जाने और केस के पेपर देखे ऐसे कुछ भी साफ नही कहा जा सकता है आप कॉल करके सलाह ले
Harsh
Sir meri age 19 saal 3 months hai ye batiue ki use nabalig mana jayga ki nhi aur mujhe anticipatory bail miljaygi na fir hone se pehle
Advocate_Dheeraj
Harsh जी,
18 साल से कम उम्र का बच्चा ही नाबालिक माना जाता है | अभी आप बालिक है और घटना वाले दिन 18 से कम उम्र के थे तो आप नाबालिक कहलायेंगे |
बिना फैक्ट्स जाने बिना बैल के बारे में नही बता सकता हु आप कॉल करके सलाह ले
जितेन्द्र
हर जी मैंने 376/511 में हवन कोर्ट में बेल लगाई वो खारिज कर दी उसके बाद हाई कोर्ट में बेल लगाई गई एक महीने तक बहस हुई बाद में पुलिस ने कहा कि वह तो भगोड़ा हो रखा है लोवर कोर्ट से
हाई कोर्ट ने बोला कि आपको बेल कैसे करें आपतो भगोड़ा हो
हमने बेल वापसी कर ली जज साहब ने लीबटी के साथ अब हम क्या करें जिससे अग्रिम जमानत हो जाय
Advocate_Dheeraj
जितेन्द्र जी,
कॉल करके सलाह ले
Rk
Sir 19 saal ke ladke ko agrim jamant mil jaygi kya fir hone se phle
Advocate_Dheeraj
Rk जी,
जमानत केस के फैक्ट्स के अनुसार मिलती है उम्र देखर नही
Harsh
Sir fir hone se pehle anticipatory bail mil jaygi kya aur uski cost kya hogi meri age hai 19 years 3 months hai
Advocate_Dheeraj
Harsh जी,
बिना केस देखे ऐसे नही बता सकता हु और पिछली पोस्ट यहा पर साथ शो नही होती है आप पूरी बात लिखे या फिर कॉल करके सलाह ले
Monu
Sir aur ye age nabalig mana jayga ki nhi please bataye
Advocate_Dheeraj
Monu जी,
बैल उम्र देखकर नही केस के फैक्ट्स देखकर मिलती है |
Monu
Sir meri age 19 year 3 months hai mujhe anticipatory bail mil jaygi kya
Advocate_Dheeraj
Monu जी,
बैल उम्र देखकर नही केस के फैक्ट्स देखकर मिलती है |
Punit
fir mai name nahi hai or 164 ke bayan mai mera name jod diya hai but IO ne charge sheet mai bhi mera name nahi diya or IO ne likha hai charge sheet mai ki bayan dene wali mahila ka narco test karaya jaye fir next investigation ho sakti hai ..kyuki wo mahila same case dusre par laga chuki hai kuchh din pahale ..me usko n janta hu or n kabhi dekha hai ..ab trial court mai mujhe talab karne ke liye apposition ne crpc 319 ki application di thi jisko court ne reject kar diya …now apposition ne 319 ke order ko high cout mai chalange kar diya hai jiska mujhe notice mila tha to maine high court mai apna advocate appoint kiya hai ..mujhe jhute case mai fasane ka pryas ho raha hai ..abhi tak mujhe nyay mila hai ..next kiya karna chahiye ..
Advocate_Dheeraj
Punit जी,
अभी तो आप हाई कोर्ट में केस देखे | वहा सबूत पेश करे की आप वारदात वाले दिन कहा थे और अपनी मोबाइल लोकेशन भी सबूत बना सकते है
Amity
sir ek ladke n mere sath mere ghar aadhi raat ghuskr chedchad k Maine uski complain k 354 case registered hua uske baad use bail mil gyi wo mujhe social media me trah trah k post krkr pareshaan kiya fhir maine IT act ka ek aur case registed kiya ab usne mere aur meri family k upar section 370 ka ek complaint case kr diya h mai kaise apne ap ko sahi prove kru
Advocate_Dheeraj
Amity जी,
आपने पहले दो बार शिकायत की हुई है वही सबूत है उसे ही यूज़ करे
पवन कुमार गुप्ता
147 148 149 307 504 506 भारतीय दंड संहिता में क्या अग्रिम जमानत और अरेस्टिंग स्टे मिल सकती है अपराधी पर धारातीन यूपी गुंडा एक्ट वाह 376 का केस पहले से विचाराधीन है
Advocate_Dheeraj
पवन कुमार गुप्ता जी,
केस में जमानत वकील साहब की काबलियत से मिलती है | आप सेटिंग से ले सकते है वैसे नही
Harsh
Sir ji mere upar ladki ke chechad ke arop lag sakte hai kya Lekin uski hi marji thi meri age hai 19 batayi Mai anticipatory bail lu ki nhi
Advocate_Dheeraj
Harsh जी,
बिना FIR देखे और केस के फैक्ट्स जाने बिना ऐसे नही बता सकता हु आप कॉल करके सलाह ले
Sonu kumar
Namashkar Sir, sir ek ladki mujhpr shaadi ka dabab banane ke liye jhootha sharirik Or aarthik shoshan ka case sath hi physical relation ka bhi case lga rahi hai abhi police ko application dekar shikaayat ki hai abhi FIR ni likhi gyi hai pr mujhe dar hai ke FIR bhi ho skti hai to sir mujhe jail na jana pade iske liye kya krna chahiye
Advocate_Dheeraj
Sonu kumar जी,
आप IO यानी पुलिस ऑफिसर से मिल कर एक अपनी शिकायत दे जिसमे उसने ऐसा क्यों किया ये सबूत दे | इसके बाद आप उसकी शिकायत में FR लगवाए अगर नही लगे तो अग्रिम जमानत ले |
सुरेन्द्र कुमार पंडित
सर
मेरा केस एटेम्पट टू मदर में धारा 341 323 325 379 504 506/34 है
I G ने मेडिकल बोर्ड का गठन भी किया
मेडिकल रिपोर्ट True आया धारा 307
S P ने वारंट जारी किए
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अग्रिम ज़मानत दे दी है
आपसे मेरा सवाल है कैदी फरार था न तो जेल गया
अग्रिम ज़मानत मिल गया
1.अग्रिम ज़मानत कितने दिन के लिए मिलती है
2.अग्रिम ज़मानत को कहा से ख़ारिज कराए
प्लीज कृपया करके बताए
Advocate_Dheeraj
सुरेंदर कुमार पंडित जी,
1 अग्रिम जमानत केस के जजमेंट आने तक चलती है
2 जिस कोर्ट ने दी है वही पर इसका खारिज का भी आवेदन होगा
Yogi
Sir mere aur mere Bhai ke uper 323 504 325 326 laga h to bell kis court se hoga .
Advocate_Dheeraj
Yogi जी,
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से हो जाएगी सेशन कोर्ट बैल दे देगा | वैसे बैल केस के फैक्ट्स और वकील साहब की काबलियत पर डिपेंड करती है |
Sunil Kumar
सर, मै 2009 से मेरे परिवार से दूर रहता हूँ। अब 11अगस्त को भाई की पत्नी ने फांसी लगा ली और भाई के ससुराल वालो ने 304 b ,35, 498 a के तहत मेरा और मेरी पत्नी का नाम लिखवा दिया।जबकि मेरा भाई के परिवार से कोई वास्ता नही है। मेरा वोट, राशन कारड,जहां मै रह रहा हूँ वहां के है और मेरे पिता ने भी मुझे 2015 मे अपनी चल अचल संपति से बेदखल कर दिया बाद मे कोर्ट केस कर अपना हिस्सा पिता और भाई से लिया है। अब मुझे क्या करना चाहिए।ताकि मेरा और मेरी पत्नी का नाम हट सके या और कोई रास्ता।
Advocate_Dheeraj
Sunil Kumar जी,
आप अपने दूर रहने और केस करने के सबूतों के साथ पुलिस को दे अगर वे आपको केस से निकाल देते है तो ठीक है वरना आप बाद में हाई कोर्ट जाए |
वैसे अलग रहने का ये मतलब नहीं है की आप किसी को इतना परेशान नहीं कर सकते की वो आत्महत्या करे | ऐसा भी हो सकता है
अच्छा होगा पहले ये देखे की आप पर इल्जाम क्या लगा है, अपने भाई के साथ देने का या फिर किसी और रूप से परेशान करने का
ज्यादा अच्छी जानकारी के लिए कॉल करे
Harish
Kya agrim bail direct high court se mil Sakti h.328,343,365,406,419,420me .ki session court se hi mil jayega plz advise me.
Advocate_Dheeraj
Harish जी,
मिल सकती है | लेकिन अच्चा होगा कि पहले सेशन कोर्ट जाए |
Jyotshna tyagi
Sir mere case ke VIVECHNA ADIKARI ne dara 307 ko badal kar 324 karke unhe bail dila de h ab hum kya kare sir
Advocate_Dheeraj
Jyotshna tyagi जी,
ACP, या DCP को शिकायत करके धारा बदलवा सकते है या फिर कोर्ट में चार्ज की स्टज पर बहस कर बदलवा सकते है
Jyotshna tyagi
Sir i need your help mere sasural walo n mujea ghar se nikal diya tha mere mata pita g baat kare gaye tho unhone mere mata ko chaku mar diya tha fir FIR hone par mere sasur ko giraftar kiya gaya tha hamne adovcate bhi kiya tha ki wo zammanat Na le par fir bhi unke aaj bail hogaye h ab hame kya karna chaiye unke upar dhara 307 h or anye daraye bhi h. Help karo sir please
Advocate_Dheeraj
Jyotshna tyagi जी,
कैसी हेल्प चाहिए ये भी लिखे | अपना सवाल भी लिखे
मुकेश कुमार
मुझे हाई कोर्ट से anticipatory bail मिल गयी तोह क्या मुझे पुलिस पकड़ सकते हैं
Advocate_Dheeraj
मुकेश कुमार जी,
नही
Dipendra
Sir mere Parivar par 323,324,506,341,326 Dhara lagi hai or yahi sab Dhara vipaksh party par lagi hai
Maine section court m Bell k liye apply Kiya tha Lekin vaha par bell nahi Mili
Or vipakshi party ki bhi Abhi tak arrest nahi hue hai
Kya vipaksh party koagrim bell mil sakti hai
Advocate_Dheeraj
Dipendra जी,
बिना FIR के फैक्ट्स जाने नही बता सकता हु क्रप्या काल करे या पूरी बात लिखे
राजीव कुमार
सर अगर किसी व्यक्ति ने किसी के खिलाफ 420,506 ipc के तहत कोर्ट से झूठा मुकदमा लिखवा दिया हो तो गिरफ्तारी व मुकदमे को खत्म करने के लिए क्या करना होगा। प्लीज बताए । धन्यवाद
Advocate_Dheeraj
आप सीधे हाई कोर्ट 482 में कुँशिंग के लिए भी जा सकते है
पहले बैल करवाये अगर आपके पास सबूत है तो पुलिस भी केस ख़त्म कर सकती है
shivendra
sir one a FIR Lodge by Assistant Electrical Engineer against Deptt. 33 KV cable cut on our Railway project site during the execution of job first time and 2 nd time damage cable on same place recovery of first cable. U/S 353 and 427
Advocate_Dheeraj
without reading F.I.R. and knowing facts in detail . i can not advice you batter.
so call me on 9278134222 advice fees will be 500.
Dolly singh
Sir hamare dada ji Ko frod case me phasaya gya h or avi bail nhi ho rhi h high court me apil v ki h Lekin kuch nhi hua or to or hamari Jamin par kharidi huyi Jamin par kabja kr rhe h ush Jamin me Dhara 144 chal rha h kam band nhi ho rha so dsp sbse baat ki h kuch nhi ho rha kya kre
Advocate_Dheeraj
सिविल कोर्ट में केस करके स्टे ले
अपना पक्ष रख कर सकेस जीते
सबसे सही यही रास्ता है देरी नही करे
Hemant Singh
सर एक बार अग्रिम जमानत ख़ारिज होने पर क्या हाई कोर्ट ही जाना होगा या जिला न्यायालय में दुबारा अपील कर सकते हैं l
Advocate_Dheeraj
आप नये ग्राउंड के साथ दुबारा भी सेशन कोर्ट में लगा सकते है
आप चाहे तो कितनी बार भी सेशन में बेल लगाये
हर रोज जेल में रहने का नया ग्राउंड होता है ऐसी सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट है
वेदप्रकाश
नमस्कार महोदय
मेरे एक पारिवारिक सदस्य के ऊपर झूठा 306 धारा लगा है, और उसे कोर्ट में पेश कर दिया है । जमानत के लिए क्या करना पड़े गा।
Advocate_Dheeraj
बैल केस के फैक्ट्स के आधार पर होती है
क्राइम को मना करे की उनसे दुश्मनी थी इसलिए झूठा केस किया
Rahul khan
Sir maira pita ji k upar kisi n RB act Dhara 3 8 ka ghuta mukdma kar diya hai ab ham police girftar kar sakti h ab ham Kaya Kara please Hama batay
Advocate_Dheeraj
बिना FIR देखे और केस के फैक्ट्स जाने बिना ऐसे बताना मुश्किल है आप मुझे कॉल कर सकते है 9278134222
Nilesh
Hello sir
Kya samajik talak ko court accept krti hai
Advocate_Dheeraj
नही
ये तलाक वैलिड नही होता है
Himani katiyar
Sir mwne phle bhi pahle bhi case discuss kiyaha fir me 498a and 406, lagi habut sir police ne inka bio data or cheque ki photo copy nikal di and sir apse k bat r discuss krni ha merw husband bar khte the me dusri shadi karunga meri nand mere pati ke saath bht galat dang se baithte mtlb blkl touch krke sofe per saath and muvhe bhi usse dur rakhti thi yaha tek apni beti ko uske saath har samay lagaye rakhti thi mere husband bhi khte ha kibmeri bhn ka merw jijajibse aattachment ni ha jbki unki k beti ha r sara kharcha meri nand ka r uski beti ka merw husband r laws uthate ha wo har week me ya 3 – 4 din me uske pas aajaye krti ha r sir ye shadi ke bad jab saath dok dete tab meri nand ne to mujko apne saatha rakha yaha tk ki merw purse me se aartike wqt rupye jo bidai ke wqt merw gerwalo ne diye the wo nikal liya phr janmastmi me mughe to room ke ander sone bbej diya inke papa alg so gye inki mummy itisha lo lekr so gyi and ye dono bhar sofe per blkl chipak per baith gye the sir mughe ye sb bht ajib laga mere husband bole meri mummy to sir inke parents hi inko saatha rkhte ha ye dono inke k dusre k bina ni rh sakte meri nand jaha jaha rhi mere husband bhi wahi wahibrhe suru jodh to ye bhi jodh phr kota phr inke pappa mummy to kota rhte tha and mere husband r nanad dono jaipur rhte the yaha tek ki meri bhanji inko papa bolti thi sir ye sab mughe pagal krne ke liye tha ya kch r sir meri ko to kch bhi samagh ni aya mere bhi do bhai ha me bhi to sir kayde se rhti hu si r inke sage mama ke ladke ne sagi mousi ki ladki se shadi ker rakhi ha
Advocate_Dheeraj
बात तो ठीक है लेकिन
आप ये भी बताये की मुझसे क्या जानना चाहती है ???
Randhir Kumar Singh
Hi Sir,
Mera Brother jo ek Exice constable hai, Usko ek excess of Liquor stock ka official case u/s 420,120B ke through hua hai, Humne session court mein ADJ II ke yahan October mein hi Anticipatory file kiya hai lekin police dairy aa jane ke bad pichle 3 mahine se kai hearing hone ke bad bhi session caurt isko accept / reject nahi kar raha hai. Verbally usne reject kar diya hai leki written order nahi kar raha hai. Online check karne par U/s 438 dikha raha hai. please batayein ki humein ismein kya karna chahiye aur kya police arrest bhi kar sakti hai ?? kyonki april mein uski sadi hai aur department ne use suspend bhi kar diya hai.
Thanks,
Randhir
Advocate_Dheeraj
जी हां पुलिस चाहे तो अरेस्ट कर सकती है
सत्यदेव
सर क्या 307 में अग्रीम बेल जिला जज से मिल सकता है
Advocate_Dheeraj
डिस्ट्रिक्ट जज/ जिला जज भी सेशन जज ही होता है | बेल मिल जाएगी
Rohit
Meri shaadi ko 8 mahine ho gaye hain,shuru ke 3 mahine hi ham sath me rahe hain, uske baad 5 mahine wo maike me rahi, shadi ke bad mujhe uske premi ka pata chala, mai usse talak chahta hoon, wo mujhe chhodna nahi chahti, uske pariwar wale mujhe aur mere pariwar ko jail bhejne ki dhamki de rahe hain, aur unhone ladki ko jabardasti hamare ghar me pahuncha diya hai, ladki ghar aane ke bad pure pariwar ko phasane ki dhamki de rahi hai ,isko ghar se bahar karne ke liye mai kya kar sakta hoon
Advocate_Dheeraj
आप का घर जिसके नाम हो, वो कोर्ट में सिविल केस कर के बहार निकाल सकता है | आपकी माँ या बहन उस पर घरेलू हिंसा का केस कर सकती है | अगर मकान आपकी माँ के नाम है तो वो उसे आसानी से घरेलू हिंसा का केस के द्वारा उसे घर से निकाल सकती है | आप उसकी हरकतों की विडियो बनाये | ताकि वो कोर्ट में सबूत का काम करे और इसी आधार पर आप तलाक का केस भी करे | आप अपनी पत्नी साथ रहते भी तलाक का केस कर सकते है |
Raja ram paswan
Sir meri bhatiji ki hatya uske sasural walo Ne ki hai.postmortem report bhi marpit kar gala dabakar hatya batata hai.hatyare char mahine se farar hai.court se warrant bhi nikal gaya hai.high court se bell me liya hai unlogo ne.act 304b,201,34 laga hua hai.hame Kya karna chahiye.please bataye.
Advocate_Dheeraj
आप पहले इलाका DSP को सेक्शन बदलने की शिकायत दे अगर ऐसा नही हो तो कोर्ट का सहारा ले | बहाने से और पुलिस में शिकायत दे | बैल कैंसिल करवाए
Ajay beniwal
302me jamant mil jati h kya gawai se pahle
Advocate_Dheeraj
हा, चार्ज शीट के फाइल होने के बाद भी मिल सकती है | फैक्ट्स में दम होना चाहिए |
priya
sir meri frnd ki uski sagi behan ne apni behan par 420 ka arop lgaya h.. uska sign krk gadi trnsfer krne k ly.. sign meri frnd ne hi kiya tha .. uski behn k kehne par.. mgr ab vo mukar rahi h.. or gadi 2 wheeler h.. jiski second hand value 15000 rs. h.. ky ho skta h isme sir?
Advocate_Dheeraj
केस कमजोर है इसमें आप की सहेली को कुछ नही होगा \ आप गवाह बने तो अच्छा है | बस यही कहे की मेरी बहन ने ही sign किये थे
Himani katiyar
Sr mera naam himani katiyar ha hamare ek mediator ramesh katiyar jo ki merw laws ko bahut achi tarh se jante the mere sasur ne kanpur me already kisi ko. Susaide commite kawaya hua ha and unka chacracter bhi bht kharab ha ye jante huye and merw sasur nandoi merw husband drink krte ha wo log unemployee ha un logo se koi relation ni rakhta in sabne merw father ki govt job ki wajh se mughse shadi ki and merw pariwar se kafi cash aur gold bhi liya iske bad merw sasur ne mera khana pani pina nahana pooja karna yaha tak ki garwalo se bat. Karwana bhi band karwa diya inki planning mughe marne ki thi r mere nand nandoi ko gr ke makan krwane ki thi mere husband mere saath marpeet bhi ki r mediator ne inko pura support kiya mene fir krwa di ha ab me kya karu
Advocate_Dheeraj
अब घरेलू हिंसा और खर्चे का केस करे | उनके मकान पर स्टे ले, पुलिस प्रोटेक्शन ले \ उनको जीने नही दे \ उल्दी सीधी शिकायत करे | ऐसे लोगो पर कोई रहम नही करना चाहिए | अंत में सुधरे तो ठीक वर्ना किसी और के लायक भी ना छोड़े |
Neelu kumar
Sir maine court marrige ki thi usake highcort se stay order bhi hai meri bibi mere sath 4 mahine rahi our rakshabandhan me ghar a gai 02/09/2018 F.I.R darj karwai 354b 506 ipc ke tahat mere bhai age 24 year bhanja age 40 year tauji ke ladake age 50 sal sir final report me bad me mukadama khatam ho jayega
Advocate_Dheeraj
I O की पॉवर है की वो केस में कैंसिलेशन फाइल कर सकता है | जिससे की केस अपने आप ही समाप्त हो जाये |
Harshit
Sir mere khilaf Ek admi NE 138 ka case Laga rakha h 2011 me or 2015 me farar gosit kar diya Uske pass 2 lakh Ka stamp or cheque h Uske Khud k khola 25 case h akhbar me Kai case h or Usne mune Ye pesa nai diya but mang ra h Ye pesa interest or vakil fee to me kya Karu kya sai Rasta h please bataiye
Advocate_Dheeraj
अगर आपने स्टाम्प पेपर और चेक दिया है तो पैसा देना ही होगा | जहा तक केस की बात है तो केस जितना कई और बातो पर निर्भर करता है जैसे की चेक किसने भरा था, चेक सिकोरटी के लिए तो नही दिया था, हमने जो पैसा लिया वो उसने कैसे दिया | कही वो पैसा ब्लैक मनी तो नही था | ऐसी ही बहुत सारी बाते है जिनके आधार पर आप केस जीत भी सकते है | ज्यादा जानकारी के लिए काल करे |
Vijay baghele
409.420.468.465 & 471 dhara me anticipatory bail high court se milegi ? Sir please give me advised.
Advocate_Dheeraj
बेल हमेशा केस के फैक्ट्स पर निर्भर करती है ना कि धाराओं पर | मेने तो 302 के केस में भी anticipatory बेल ली हुई है | इसलिए धाराओं पर नही केस के फैक्ट्स की बात करे | FIR की कॉपी के साथ कॉल करे और जाने |
Rakesh karmakar
Sir mai ek forest case me fas gaya hu .mai jangal se ek 3 feet ki lakdi la raha tha. To forest walo ne mera picha kiya mai meri bike aur lakdi dekhkar chale aaya .Av forest wale mujhe dhundh rahe hai. Mai anticipatory bail lene gaya to wakil saheb bata rahe ki tumhare naam pe av bhi case ya FIR hui nahi toh hun kaise bail nikale. Lekin meri bike unke japt me hai. Sir aap hame batay ki hum kya kare.
Advocate_Dheeraj
अगर किसी व्यक्ति को आशंका है की उस पर झूठी FIR हो सकती है तो वो व्यक्ति कोर्ट से अग्रिम जमानत ले सकता है धारा 438 CRPC, आपको उन वकील साहब ने झूठ कहा है |आप जमानत ले |और इसके बाद अपनी बाइक छुद्वाए
R k
Sir mera govt job ka joining letter aane wala hai or mujhe darr hai ki meri patni mere khilaaf koi case na kar de dusro k behkave me aakar…job verification or meri joining me koi dikkat na aaye iska koi solution btayein please
Advocate_Dheeraj
पति पत्नी के केस का सरकारी नौकरी से कोई मतलब नही है, आप नही डरे | जिस समय फॉर्म भरा था उस समय तक कोई गलत केस नही होना चाहिए |
vishal
Sir mere patni pichle 15 mahine se apne ghr reh rhe hai ..vo aana nhi chati ..usne mugh pr or mere puri family pr ghrelu hinsa ka case kiya hai …sir isme kya kr skte hai ..plz btao..jhuta case bnaya hai sir
Advocate_Dheeraj
हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 9 के तहत उसे घर लाने का केस डाले | व उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा करे और केस लडे | औरत का सबसे बड़ा हथियार पति से भरण पोषण लेना होता है उसके बारे में आपने कुछ बताया नही है तो आप अपने हिसाब से पैसा देने से बचे | और केस जीते
Ratnesh
सर मैने चोरों द्वारा चोरी करने और चोरों द्वारा मुझे दी गई धमकी के खिलाफ थाना, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस महानिदेशक तथा मुख्यमंत्री से लिखित और दूरभाष के माध्यम से शिकायत किया लेकिन ना तो अब तक FIR दर्ज की गई और ना ही कोई कारवाई? थाना द्वारा FIR दर्ज नही की जाने की शिकायत उच्च अधिकारी से करने पर थाना मुझे ही गिरफ्तार करने के लिये बड़ी तत्परता से ढूंढ़ रही है। अब तो मेरा जीना हराम हो गया है। कृपया मेरा मार्गदर्शन करे सर तो आपकी अति कृपा होगी।
Advocate_Dheeraj
आप कोर्ट में 156 (3) CRPC में अप्लिकेशन लगाये या हाई कोर्ट रिट में जाये
Saddam husain
Sir,
Mai ek company vibgyor group me ek customer
Ka paisa jama Karaya Tha to oos company ka
Kolkata high court me case chal rha hai to oos
Customer ne mujh par dhara 420 467 468 471
Lagaya hai to bail mil sakta hai
Advocate_Dheeraj
बिना केस को जाने कैसे बता सकता हु आप कॉल करे व पूरी डिटेल दे और जाने
Avinash
Give me no sir
Advocate_Dheeraj
check on website
Mohd Sahil Ahmad
Thank you Sir
Kafi Achcha laga read karke
Advocate_Dheeraj
your welcome dear
Mohd Sahil Ahmad
Thank you sir
Kafi Achcha laga read karke sir
Advocate_Dheeraj
your welcome dear
उदय गंगवार
सर व्हाट्सएप्प पे किसी टिप्पणी की बजह से आईजी के यहां शिकायत की गई तथा आईजी ने fir के आदेश दे दिए है। पोस्ट में न तो कोई गाली है, ना समुदाय के प्रति कोई टिप्पणी। क्या अग्रिम जमानत मिल सकती है
Advocate_Dheeraj
इ हा मिल जाएगी ये IT की धारा बेलेबल होती है
Subodh
Sir.
Mera case 4 years se pending me h or mere kisi job me verification bhi nhi ho rhi h me kya kru
Advocate_Dheeraj
अपने केस को जल्दी खतम करवाए
Deepak
Sir
सर मेरे पे एक व्यक्ति ने जानलेवा हमला किया और चोट पहुचाई साथ मे मेरी माता से भी झगडा किया अब पुलिस को दो महिने हो गये पर गिरफ्तार भी नही किया
धारा 354,341,323,307 लगी हे फिर भी गिरफतारी नही हुई
किया अफराधी अग्रिम जमानत ले सकता हे अगर जमानत ले ली तो हमे किया करना चाहिए
Advocate_Dheeraj
अगर उसने जमानत ले ली है तो उसकी आपको धमकी देने की रिपोर्ट पुलिस में करे | अगर जमानत नही ली है तो कोर्ट में केस की स्टेट्स रिपोर्ट की अप्लिकेशन लगाये और गिरफ्तारी की मांग करे | ज्यादा कोई परेशानी हो तो मुझे कॉल करे क्योकि यहा पर सारी बात स्पस्ट रूप से नही लिख सकता हु |
Sandeep kumar
मैं अपने दोस्त को 50,000 रूपये काम के लिए देना चाहता हू, अगर वो पैसा बापस नही करे तो मै क्या करू की कोर्ट मे जाकर पैसा लिया जा सके l
Advocate_Dheeraj
अग्रीमेंट के साथ चेक ले ले फिर आपका पैसा सेफ है
Sanjay upadhyay
सर मेरे पिताजी व मेरे बहनोई पर मेरी पत्नी ने कोर्ट द्वारा झूठा मुकदमा लगाया है जिसमें धारा 354,506 आदि लगाई है पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर FIR कर ली और जांच अधिकारी ने मेरे पिताजी व मेरे बहनोई से मेरे घर आकर जांच भी नहीं की है मैंने स्वयं जाकर जांच अधिकारी को सारे सबूत भी दे दिए कि मेरी पत्नी खुद गलत है उसके दूसरों से सम्बन्ध हैं और फिर भी पुलिस ने कोर्ट में164 के बयान करा दिए क्या अब पुलिस गिरफ्तार कर सकती है तथा इससे बचने के उपाय बताए ं
Advocate_Dheeraj
पुलिस गिरफ्तार कर भी सकती है | लेकिन इतनी लेट अब करेगी नही | फिर भी आप अग्रिम जमानत ले ले
Sudheer kumar verma
Sir mujha ek dost na frode mya ha or mujsha 95000 thousand rupies le lea ha ab bo bapis nahi ker reaha ha bataya ma kya kero
Advocate_Dheeraj
कोर्ट जाये केस करे