विवाह से सम्बन्धित क्राइम कौन से है वे किस एक्ट और धाराओं में है ? उनमे क्या सजा मिलती है उसका विवरण जाने ?
हाइलाइट्स :-
- धारा 125 सी. आर. पी. सी के अंतर्गत अपराध
- आई. पी. सी. की धाराये 304B/ 312 से 314,/366/376D/377/ 493 से 498A और धारा 406
- घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 12 से 22 धारा के अंतर्गत अपराध
- Dowry Prohibition Act, 1961 यानी दहेज प्रतिरोधक कानून के अंतर्गत अपराध
- हिन्दू मैरिज एक्ट व अन्य विवाह संबंधी अपराध
- स्पेशल मैरिज एक्ट
दोस्तों, आए दिन हम विवाह टूटने की कई वजहें पढऩे औए देखने को मिलती है. अदालतें भी ऐसे मुकदमों से भरी पड़ी हैं. कहीं वर पक्ष तो कहीं वधु पक्ष, कभी शोषण सच्चा या झूठा होने का मुकदमा दर्ज करा रहा है. इसमें कही शोषण भी दिखता है, हत्याएं भी होती है और एक-दूसरे को नीचा दिखाने का खेल भी चलता है. यहां हम विवाह के संबंध में विधि द्वारा स्थापित सभी एक्ट और धाराओं की क़ानूनी जानकारियों की बात करेंगे | ताकि वैवाहिक शोषण से निपटने में इसकी जानकारी आप सभी दोस्तों के काम आ सके।
विवाह से सम्बन्धित इन अपराधो के लिए कई प्रकार के एक्ट और धाराए है | जैसे की (1) सी. आर. पी. सी धारा 125 (2) आई. पी. सी. की धाराये 304B/ 312 से 314,/366/376D/377/ 493 से 498A और धरा 406 (3) डोमेस्टिक वोइलंस एक्ट यानी घरेलू हिंसा (4) डोवेरी प्रोबिशिन एक्ट यानी दहेज प्रतिरोधक कानून (5) हिन्दू मैरिज एक्ट (6) स्पेशल मैरिज एक्ट व अन्य विवाह संबंधी अपराध का विवरण दिया गया है | कानून समुन्द्र की तरह विशाल है हम एक कानून को दुसरे कानून के साथ जोड़ भी सकते है और उसको अपने हिसाब से भी यूज़ कर सकते है, जैसे की हिन्दू मैरिज एक्ट, CRPC धारा 125 और घरेलू हिंसा अधिनियम सभी में पत्नी को खर्चा मिलता है इसी प्रकार से और भी पति-पत्नी के दूसरी शादी करने के अपराध है | ये सभी एक दुसरे के विरोध में दिखेंगे | इन सब में क्या अंतर है और कोंन सा कब ठीक है इस पर फिर कभी चर्चा होगी | वैसे मैंने कोशिश की है की सभी एक्ट् और धाराओं का विवरण इसमें दू ,जो की विवाह से सम्बन्धित है |
सी. आर. पी. सी. एक्ट के अंतर्गत अपराध
इस एक्ट की धारा 125 के अंतर्गत कोई भी पत्नी अपने पति से अपने व अपने बच्चो के लिए मेंटेनेंस ले सकती है | ये मेंटेनेंस पत्नी के लिए लाइफ टाइम तक का होता है | और उसके बच्चो के लिए सिमित समय तक जैसे की लड़के के लिए बालिक होने तक, व लड़की के केस में उसकी शादी होने तक | तथा इस एक्ट की धारा 127 के तहत पत्नी अपने भरण पोषण को समय समय पर बदलाव यानी की बडवा भी सकती है |
आई. पी. सी. एक्ट की धाराये 304B/312 से 314, /366/376D/377/ 493 से 498A और धारा 406 के अंतर्गत क्राइम
इस एक्ट में विभिन्न धाराओं का विवरण दिया गया है जैसे की दहेज हत्या/ पति द्वारा गलत सम्बन्ध और दहेज की मांग/दहेज का सामान रखना और क्रूरता इत्यादि |
- धारा 304B के अनुसार अगर किसी स्त्री की मिर्त्यु उसके पति या परिवार द्वारा की जाती है या फिर करवाई जाती है तो वे लोग 7 वर्ष तक के कठिन कारावास जो की आजीवन कारावास तक दिया जा सकता है से दण्डित किये जायेंगे |
- धारा 312 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी गर्भवती स्त्री का गर्भपात उसकी जान बचाने की बजाए उसका बुरा चाहने की सुरत में उसे बताकर(धोखे में रखकर ), जानबूझकर कारित करेगा वो 3 वर्ष के कारावास या जुर्माने या फिर दोनों से दण्डनीय होगा | अगर वो स्त्री को बच्चा होने ही वाला हो और उसके पुरे दिन चल रहे हो तो उस समय अगर कोई उसका गर्भपात कारित करेगा तो वो 7 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने दोनों से दण्डित दिया जाएगा |
- धारा 313 के अंतर्गत जो भी कोई किसी स्त्री की सम्मति के बिना जानबूझकर उसका गर्भपात कारित करेगा चाहे उस को वो गर्भ कुछ समय पहले ठहरा ही हो या अभी बच्चा पूरा नही बना हो तब भी वो व्यक्ति 10 वर्ष के कारावास से आजीवन कारावास तक के दंड के लिए दंडनीय होगा |
- धारा 314 के अंतर्गत कोई व्यक्ति, किसी स्त्री के गर्भपात करने के आशय से ऐसा काम करेगा जिससे की उसकी मिर्त्यु कारित हो जाए तो ऐसे में वो व्यक्ति 10 वर्ष के कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक के दंड से दंडनीय होगा |
- धारा 366 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी स्त्री को किडनेप करेगा और उसे अपने साथ या दुसरे के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए मजबूर करेगा या स्वय ऐसा करेगा तो वो 10 तक कारावास और जुर्माने के लिए भी दंडनीय होगा |
- धारा 376 B के अंतर्गत कोई भी पति जो की अपनी पत्नी से कोर्ट द्वारा किसी डिग्री के अधीन अलग रह रहा है या फिर किसी और कारन वश उसकी पत्नी उससे अलग रह रही है जैसे कि कोर्ट में केस चल रहा हो, वो उससे जबरदस्ती सम्बन्ध बनाएगा तो वो 2 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने दोनों के लिए दंडनीय होगा |
- धारा 377 के अंतर्गत कोई भी पुरुष अपनी पत्नी के साथ उसकी मर्जी के बिना, प्रक्रति के विरुद्ध या अप्रकृति रूप से सम्बन्ध बनायेगा (इसमें अन्य स्त्री और जानवर के साथ ऐसा किया हो भी सामिल है) तो वो पुरुष 10 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने दोनों के लिए दंडनीय होगा |
- धारा 493 के अनुसार अगर कोई पुरुष किसी स्त्री को इस विश्वास में रखकर सम्बन्ध बनाये की वह उससे विधिपूर्वक विवाहित है, जबकि वो पुरुष पहले से विवाहित हो तो ऐसे में वो पुरुष को 10 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दंडित होगा |
- धारा 494 – कोई भी पति या पत्नी अपने जीवन साथी के जीवत रहते हुए दुबारा किसी और से विवाह कर लेता है तो वो 7 वर्ष के कारावास और जुर्माने से भी दंडित होगा | लेकिन अगर वो पति या पत्नी अपने जीवन साथी के सात साल तक गायब रहने के कारण कोर्ट द्वारा उसकी मिर्त्यु होने पुष्टी का आदेश ले लेता है तो वो शादी कानूनन सही मानी जाएगी |
- धारा 495 – अगर कोई भी स्त्री या पुरुष अपनी पिछली शादी की बात छुपा कर शादी करता या करती है तो वो स्त्री या पुरुष 10 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दंडित होगा |
- धारा 496- अगर कोई भी स्त्री या पुरुष विरोधी पार्टी को कपट पूर्ण आशय से ये जानते हुए की विधिवत विवाह नही हुआ है और कानूनन मान्य नही है, उसे शादी होना बता कर ऐसा झासा देकर उससे सम्बन्ध बनाता है | तो वो स्त्री या पुरुष 7 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने दोनों से दंडित होगा |
- धारा 497- ये धारा adultery से सम्बन्धित है | और सुप्रीम कोर्ट द्वारा खत्म की जा चुकी है | अब इसका कोई महत्व नही है |
- धारा 498- जो भी कोई पुरुष किसी भी स्त्री को ये जानते हुए की वो किसी और पुरुष की पत्नी है उसे अपने साथ बहला-फुसला कर ले जायेगा और उसे अपने पास जबरदस्ती रोकेगा या उसे मजबूर करने की कोशिश करेगा की वो उसके साथ गलत सम्बन्ध बनाये तो ऐसे वो पुरुष 2 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने दोनों से से दंडित होगा |
- धारा 498A- इस धारा के अनुसार अगर कोई भी स्त्री जो की अपने पति या उसके परिवार के सदस्य या फिर उसके रिश्तेदारों के द्वारा कुरुर्ता और दहेज के लिए प्रताड़ित की जाती है तो ये दोषी लोग 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या फिर दोनों के लिए दण्डित होंगे |
- धारा 406- इस धारा के अनुसार अगर किसी स्त्री या पत्नी की सम्पति को जो की चल और अचल दोनों प्रकार की हो सकती है वो चाहे उसकी कमीई गई हो या फिर उसे अपनी शादी में गिफ्ट मिली हो या फिर किसी अन्य कारण से किसी और व्यक्ति से गिफ्ट मिली हो उस सम्पति को उसका पति या उसके रिश्तेदार अपने कब्जे में रखते है और उसे उससे वंचित कर देते है तो वे इस धारा के अंतर्गत 3 वर्ष तक के करावास या जुर्माने या फिर दोनों के लिए दंडनीय होंगे |
घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत अपराध
घरेलू हिंसा एक्ट अपने आप में ही बहुत विशाल है | ये कानून सिर्फ महिलाओ ले किये ही बना है| इसकी सभी धाराये अपने आप में महिलाओं को बहुत सारी शक्ति, सुविधा और सुरक्षा प्रदान करती है | वैसे ये एक्ट सभी स्त्रीयो के लिए है आइये इन्हें जाने :-
- धारा 12 DV act इस धारा के अनुसार कोई भी पति या उसके परिवार वाले जो की उसके साथ उस घर में रहते है वे उस स्त्री/पत्नी को परेशान करते है या उसके साथ क्रूरता करते है दुसरे शब्दों में कहे तो उसके साथ घरेलू हिंसा करते है वे इस धारा के अनुसार सजा और जुर्माने के लिए दंडनीय होंगे |
- धारा 17 के अंतर्गत पत्नी को अधिकार है की वो अपने पति के साथ उसके घर में रहे | पति उसको घर से नही निकाल सकता है | ये धारा शादी के बाद पत्नी के ससुराल में रहने के अधिकार की बात करती है
- धारा 18 के अंतर्गत अगर ससुराल में स्त्री के साथ मारपीट की जाती है तो कोर्ट पत्नी को पति व उसके परिवालो के खिलाफ SHO के द्वारा प्रोटेक्शन मुहया करवाएगी ये सुरक्षा पत्नी को ससुराल में भी दी जाएगी|
- धारा 19 के अंतर्गत कोर्ट पत्नी को उसके ससुराल रहने के लिए उस घर पर स्टे भी दे सकती है जो की लाइफटाइम भी हो सकता है | लेकिन ये स्टे सिर्फ उस जगह पर ही मिलेगा जो की शादी के उसके पहले रहने या फिर आखिरी बार रहने या फिर पति के नाम किसी प्रॉपर्टी पर हो सकता है |
- धारा 20 के अंतर्गत कोर्ट के द्वारा पत्नी की किसी भी प्रकार की सुविधा के लिए केस के चलते कोई भी अंतरिम आदेश कोर्ट केस के चलते जजमेंट से पहले कभी भी दे सकता है | वो आदेश खर्चे, घर पर स्टे, सुरक्षा या फिर इससे कुछ अलग किसी और प्रकार की डिमांड इत्यादि कुछ भी हो सकता है |
- धारा 21 के अंतर्गत पत्नी को बच्चे की कस्टडी दिलाने के लिए कोर्ट पति को आदेश आदेश दे सकता है |
- धारा 22 के तहत कोर्ट पत्नी को क्षतिपूर्ति के लिए उसके पति या परिवार वालो को आदेश दे सकता है |
Dowry Prohibition Act, 1961 यानी दहेज प्रतिरोधक कानून के अंतर्गत अपराध
दहेज लेना व देना दोनो ही Dowry Prohibition Act, 1961 की धारा 3 के अनुसार अपराध है जो भी ऐसा करेगा वो चाहे पत्नी हो या उसके परिवार वाले या अन्य व्यक्ति ऐसा करने पर उनको कम से कम 5 की सजा व कम से कम रूपए 15000 पंद्रह हजार जुर्माने देना होगा |
हिन्दू मैरिज एक्ट व अन्य विवाह संबंधी अपराध
- हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 10 जुडिशल स्प्रेसन यानि न्यायिक पृथक्करण की है | इसके अनुसार कोई भी पति या पत्नी एक छत के निचे बिना कोई आपस में सम्बन्ध बनाये तलाक शुदा की तरह रह सकते है |
- इस एक्ट की धारा 11 और 12 किसी भी शादी को शून्य और शुनाय्करण करने की बात कहते है जैसे कोई झूठी शादी होना/पहले से शादी शुदा होना या फिर सामने वाली पार्टी का शादी के लायक नही होने जैसे तथ्य होते है | इसमें हम ऐसे आधारों पर तलाक लेते है|
- इस एक्ट की धारा 13 के बारे में तो सब जानते ही है | ये तलाक होने की बात कहती है और तलाक के आधार भी बताती है इस धारा के अंतर्गत पति-पत्नी आपस में तलाक ले सकते है |
- धारा 13 (A) और 13 (B) पति-पत्नी के आपसी सहमती से तलाक लेने की बात कहती है|
- धारा 24 पत्नी को हिन्दू मैरिज एक्ट केस के चलते खर्चे देने की बात कहती है
- धारा 25 केस के खत्म होने के बाद भी स्थायी खर्चा देने की बात कहती है | मतलब इसमें भी जजमेंट के बाद स्थायी खर्चा धारा 125 सी.आर.पी.सी. और घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत बांध सकता है |
स्पेशल मैरिज एक्ट
या एक्ट दो धर्मो के लोगो को बिना धर्म बदले शादी करने का अधिकार देता है | बाद उनके बच्चो की मर्जी होती है की वे बड़े होकर कों सा धर्म चूज करे |
note :- इसके अलावा मुस्लिम / क्रिस्चन मैरिज एक्ट और गार्जियन एक्ट और भी कई प्रकार के ऐसे एक्ट है जो की विवाह से सम्बन्धित कानून बताते है |जितने भी स्पेशल एक्ट और धाराए थी वे मैंने इसमें मेंशन कर दी है |
जय हिन्द
Written by
ADVOCATE DHEERAJ KUMAR
ज्यादा अच्छी जानकारी के लिए इस नंबर 9278134222 पर कॉल करके online advice ले सकते है | advice fee applicable होगी
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Poonam
Sir main ghar basana chahti hu,but husbnd or unke ghar wale mujhe ghar se Nikal dete hai,,maine 125 ka case Kiya h,but lockdown ki vajah se date 7 mahine aage ho gayi h,maine women cell me bhi complaint daal Rakhi h.mere husbnd divorce k liye bol rahe h.but main nahi chahti.hum Abhi ek Baar bhi court nahi Gaye lockdown k kaaran .main sasural kaise jaau.
Advocate_Dheeraj
Poonam जी,
कॉल करके सलाह ले |
Vandna
Sir mujhe aapki Rai cahiye me pehle BHI aapko comments kiye but koi reply nhi Aaya plz es Baar jrur dijiyega sir MERI shadi KO 7 Saal ho gye h mere pati Ka sadi se pehle hi Kisi lady k Sath afair tha MERI arrange merriage thi mujhe Kuch pta nhi tha shadi k baad Jese hi me Noida AAI mere pati mujhe drink kerke Marne pitne lag gye ESI bich ek din unki gf me bhi aaker MERI pitai ki MERI phn per BHI msg kiye k Aapka pati aapko Sahi nhi rkhega or mar dega sir Mene najdiki police office me complaint ki fir sbhi gher se Noida Aaye mere sass sasur KO BHI husband ki gf k bare me pta tha TB mere police k same mere husband mere ne written astamp paper per Diya k wo us ladki se koi contact nhi rakhenge sir lekin those Dino baad wo phir maar pit kerte the ESI bich me pregnant ho gyi or Uske baad MERI beti huyi sir unka drink kerke marina pitna aaj tak zari h MERI Gali mohale k har Insaan KO pta h mere husband drink kerke MERI pitai kerte h ek Baar baju Todd Di sir phir Kuch Dino baad unki gf Jo ki ab married h ki Mene mails dekhi Mene unke husband KO dunda or bta Diya k aapki wife kuwari Hoti hi mere Sath Etna Bura Ker chuki h ab BHI mails kerke mujhe pitbati h sir me PADI likhi hu me self dependent hona cahti thi MERI father ki death k baad MERI mummy bimar huyi me unhe Apne paas le AAI or job join Kiya ab mere husband MERI mummy or mujhse or ladte h k mere gher aa gyi mujhe berbaad kerne sach Baat ye h sir k mere husband me MERI mother k same mujhe mar nhi pate to bhut galiyan pehle ki tra hi dete h sir MERI bachi h me kya Kru mujhe Bolte h Nikal jaa mere gher se sir aap btaeye me kya Kru…kya ese hi she jaun ya eska koi hal h sir MERI bhut buri halat Ker Rakhi thi sbne but ab me jina cahti hu sir me kya Kru mere paas to Apne husband k khilaf Sare saboot h unki recording video SB Kuch sir aap btaeye me kya kru
Advocate_Dheeraj
Vandna जी,
आप कमेंट करके भूल गई होगी की किस पोस्ट में किया था वरना में हर कमेंट का जवाब देता हु |
आप सबसे पहले घरेलू हिंसा केस करे वही आपके लिए सबसे अच्छा है | उसमे कोर्ट की डायरेक्शन से SHO के through प्रोटेक्शन के आदेश ले ताकि आपके पति आपको मार नही सके | इसके अलावा घर पर स्टे और उनसे अपना और अपनी बच्ची का खर्चा भी ले |
पति के खिलाफ सबुतो को इकठ्ठा करे उन्हें साथ लगाये जिसमे मर पिटाई विडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग है | अपनी मदर का भी कोई मेडिकल है तो वो भी साथ लगाये |
इसके बाद आप धारा 125 में केस करे |
पति के अलावा उनके बाकी सदस्यों को भी किसी ना किसी वजह से पार्टी बनाये |
ज्यादा जानकारी के लिए आप कॉल करके सलाह ले सकती है डिटेल वेबसाइट पर दी गई है |
Pratibha tripathi
Sir …….मेरी शादी अभी 5 मंथ पहले ही हुई है पर मेरी शादी से पहले मेरे पति की सगाई हो चुकी थी और अब वह उसी से शादी करना चाहता है कोर्ट में केस चल रहा है पर मेरे पति का वकील उसको पागल साबित करके मेरी शादी को झूठा साबित करना चाहता है एसे में मैं क्या करूँ pls help
Advocate_Dheeraj
Pratibha tripathi जी,
पति को पागल साबित कर भी दिया तो आपकी शादी फिर भी वैलिड रहेगी | उनका झूठी शादी का आधार भी लिखे |
किसी भी हालत में ससुराल नही छोड़े वही रहे | आप के लिए कोई शिकायत दी गई है तो घरेलू हिंसा का केस कर के ससुराल घर पर स्टे ले और खर्चा भी ले | जो इस साजिस में सामिल हो उनके नाम भी केस में दे | डिटेल में जानकारी के लिए कॉल करके सलाह ले डिटेल वेबसाइट पर दी गई है