प्रशन :- वकील साहब, रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता सरकार या कोर्ट से मुआवजा कैसे ले ? मुआवजा कितना मिल सकता है और ये किन आधारों पर मिलता है तथा कहा से व कैसे मिलता है ? क्या ये मुआवजा वापस भी करना होता है ?
उत्तर :- महिलायों को कोर्ट से अपने पर हुए जुल्म जैसे रेप, एसिड/बर्निंग अटैक के लिए जुरमाने के तोर पर पैसा भी मिलता है | आपने देखा होगा की कोई भी केस हो उसका टाइटल स्टेट वर्सिस ही होता है दरअसल कोई भी जुर्म होता है तो वो स्टेट यानी सरकार के खिलाफ होता है तो ऐसे में सरकार ही शिकायतकर्ता को जुर्माने के तोर पर पैसा देती है जो की सिर्फ महिलायों को ही धारा 376 IPC रेप के केस में, 326A IPC एसिड अटैक केस या पोक्सो के केसों में मिलता है ये पैसा अफ. आई. आर. होने के बाद लीगल सर्विस अथॉरिटी या कोर्ट से लिया जा सकता है पैसा कितना मिलेगा ये भी निश्चित है | लेकिन कोर्ट या समिति अपनी मर्जी से केस के आधार पर कम या ज्यादा भी कर सकती है | आइये इसके बारे में विस्तार से जाने |
रेप पीडिता एसिड अटैक केस में मुआवजा देने की शुरुआत कैसे हुई :-
आपको याद होगा देल्ली के वसंत विहार इलाके में 16.12.2012 को चलती बस में एक रेप हुआ था जिसने पुरे देश को हिला कर रख दिया था जिसको हम निर्भया केस के नाम से जानते है | इसी केस के बाद रेप पीडिता और एसिड अटैक केस मेंमुआवजा देने की बात शुआत हुई थी |
सन 2012 में सुप्रीम कोर्ट में एक केस फाइल हुआ जिसका टाइटल था “Nipum Saxena versus Union of India” W.P. (C)No. 565/2012 इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने आर्डर दिया की NALSA यानि national legal service authority नेशनल लीगल सर्विस अथोरिटी एक कमिटी बनाये जो की शारीरिक शोषण और रेप पीडिता एसिड अटैक केस की पीड़िताओ को मुआवजा दे तथा समय के अनुसार उसमे बदलाव भी करे तथा महिलाओ से सम्बन्धित छेड़कानी, रेप और ऐसिड अटैक की धाराओं में भी बदलाव करे | इसके बाद से ही ये कानून बना और इसमे समय के साथ बदलाव भी हुये |
इसके साथ ही सन 2013 में रेप के section 376 IPC, एसिड अटैक के section 326A IPC और छेड़कानी से सम्बन्धित धारा 354 IPC में एक बड़ा अमेंडमेंट भी हुआ और साथ ही मुआवजा देने की भी शुरुआत हुई |
सन 2013 केंद्र सरकार ने national legal service authority नेशनल लीगल सर्विस अथोरिटी को 3500 cror दिये जो की बाद में देश की सभी state legal service authorities या DLSA डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को दिया गया | अब इसी पैसे से ये मुआवजा दिया जाता है | तथा समय समय पर इन ऑथोरिटीयो को पैसा सरकार से मिलाता रहता है |
इसके साथ ही सन 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही NALSA ने नयी सकीम पेश कि जिसे compensation Scheme for Women Victims/survivors of Sexual Assault/other Crimes, 2018 कहते है | इसमें धाराओं के अनुसार कानून लिखा है |
मुआवजे का हकदार कौन है :-
इस स्कीम की धारा 4 के अनुसार पीड़ित महिला, miner होने की स्तिथि में या पीडिता के जीवित नही होने की स्तिथि में उसके माता पिता या उसके dependants मुआवजे के हकदार होते है |
रेप पीडिता एसिड अटैक केस में पीडिता मुआवजे का आवेदन कहा करे :-
1. इस स्कीम की धारा 6 के अनुसार आप ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा या फिर लिखित में अपने एरिया के (SLSA) state legal service authority या (DLSA) district legal service authority में आवेदन कर सकते है | DLSA की ब्रांच आप को अपने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अंदर ही मिल जाएगी | अब हर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इसकी ब्रांच है | आप वहा पर आवेदन करे |
2. ऐसिड अटैक पीडिता के केस में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश जो की 10.04,2015 में केस Laxami versus Union of India W.P. CRML 129/2006 में दिया गया था जिसके अनुसार जलने या फिर ऐसिड अटैक होने की स्तिथि में पीडिता के मुआवजे के लिए एक criminal injury compensation board बनेगा जिसके सदस्य डिस्ट्रिक्ट सेशन जज, और उस एरिया के DM, SP, Civil Surgen/CMO होंगे | ये लोग निर्णय लेंगे की पीडिता को कितना मुआवजा मिलना चाहिए |
3. इसके अलावा इन लोगो के मुआवजा नही देने पर या मुआवजे में देरी करने पर आप ट्रायल कोर्ट में धारा 357A CR. P.C. में भी आवेदन कर सकते है | जिसमे कोर्ट इस औथोरिटीयो को मुआवजा देने का आदेश देती है तथा चाहे तो मुआवजे की रकम भी ऐसिड अटैक केस को छोड़ कर निर्धारित कर सकती है |
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता को मुआवजे देने के क्या आधार होते है :-
इस स्कीम की धारा 8 के अनुसार SLSA या फिर DLSA पीडिता का मुआवजा निर्धारित करता है | तथा उस मुआवजे के निर्धारण के लिए निमिन्लिखित आधार होते है :-
1. पीडिता को कितनी चोट लगी है तथा वो कितनी शारीरिक और मानसिक रूप से पीड़ित हुई है
2. पीडिता के इलाज व खाने पीने में कितना पैसा लगेगा या फिर उसे कोर्ट आने जाने में लगने वाला पैसा और कमेटी के पास आने व जाने में लगने वाला पैसा तथा नाबालिक होने की स्तिथि में उसके साथ उसके माता पिता का लगने वाला पैसा और नाबालिक के माता पिता की कमाई का नुकसान इत्यादि |
3. पीडिता के स्कूल में ना जाने से होने वाले नुकसान व शारीरिक व मानसिक रूप से होने वाले शोषण व नुकशान को मिला कर जो मुआवजा बने वो
4. पीडिता अगर कमाती है तो उसकी कमाई या तनख्या जो भी इनकम रही हो उसका नुकसान तथा नौकरी या काम के करते हुए अस्पताल, कोर्ट या अन्य जगह किसी अन्य सरकारी या गैर सरकारी डिपार्टमेंट में आने जाने के समय और पैसे के नुक्सान को मिला कर बना मुआवजा इत्यादि |
5. पीडिता व दोषी के बीच में सम्बन्ध जो टुटा है उसके अनुरुप पीडिता को हुए नुकसान का मुआवजा |
6. पीडिता अगर गर्भ से है तो उस गर्भ को गिराने में शारीरिक और मानसिक पीड़ा का आधार
7. पीडिता के साथ हुए अपराध से पीडिता को कोई शारीरिक या मानसिक बीमारी हुई हो या कोई HIV जैसी कोई लाइलाज बीमारी हुई हो उसका उसके अनुसार मुआवजा
8. पीडिता को कोई अंग भंग हो गया हो या फिर कोई शारीरिक या मानसिक अंग काम नही करे तो उसके आधार पर मुआवजा
9. पीडिता अगर गरीब परिवार से है तो उसकी मानसिक, शारीरिक, और समाजिक नुक्सान के अनुसार ज्यादा मुआवजा देना |
10. अगर पीडिता की मिर्तु होने पर उसकी उम्र, भविष्य में उसके कुछ बनने, इनकम, उसकी इनकम पर निर्भय लोग और समाज में उसके योगदान का आधार
11. कोई अन्य फैक्टर जो की SLSA या DLSA को सही लगे और वो इस धारा 8 में नही लिखा हो इत्यादि |
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता को कितना मुआवजा मिलता है :-
वैसे क्रिटिकल कंडीशन होने या फिर मेडिकल बिल ज्यादा होने पर ये मुआवजा बडाया भी जा सकता है लेकिन फिर भी नेशनल लीगल सर्विस अथोरिटी ने इसके लिए कुछ पारूप तैयार किया है जिसके अनुसार ये मुआवजा मिलता है :-
रेप के दौरान होने वाली क्षति में मुआवजा इत्यादी :-
Particular of loss/ injury | Minimum compensation in RS. | Maximum compensation | |
1 | रेप केस में लड़की की मिर्तु होने पर | 5 लाख | 10 लाख |
2 | गैंग रेप होने पर | 5 लाख | 10 लाख |
3 | रेप होने पर | 4 लाख | 7 लाख |
4 | अप्राकर्तिक रूप से भी रेप करने पर | 4 लाख | 7 लाख |
5 | रेप के दौरान शारीर के किसी अंग में होने वाली स्थायी क्षति जो की 80% या उससे अधिक है | 2 लाख | 5 लाख |
6 | रेप के दौरान शारीर के किसी अंग में होने वाली स्थायी क्षति जो 40 % से अधिक है लेकिन 80% से कम है | 2 लाख | 4 लाख |
7 | रेप के दौरान शारीर के किसी अंग में होने वाली स्थायी क्षति जो 20 % से अधिक है लेकिन 40% से कम है | 1 लाख | 3 लाख |
8 | रेप के दौरान शारीर के किसी अंग में होने वाली स्थायी क्षति जो 20 % है या इससे कम है | 1 लाख | 2 लाख |
9 | शारीरिक और मानसिक चोट जिसके लिए पीडिता को पुनर्वास सेंटर की सहायता लेनी पड़े | 1 लाख | 2 लाख |
10 | रेप के प्रयास या रेप करने से पीडिता का गर्भपात होने पर | 2 लाख | 3 लाख |
11 | रेप के कारण गर्भ बनने पर | 3 लाख | 4 लाख |
12. पीडिता के जलने की स्तिथि में मुआवजे की सीमा
12 A
अगर पीडिता पूरी तरह से कुरूप हो गई है तो
RS. 7 लाख
RS. 8 लाख
12 B
अगर पीडिता की कुरूपता 50% से 80 % से बीच है
RS. 5 लाख
RS. 8 लाख
12 C
अगर पीडिता की कुरूपता 20 % से 50 % के बिच की है तो
RS. 3 लाख
RS. 7 लाख
12 D
अगर पीडिता की कुरूपता 20 % से कम है तो
RS. 2 लाख
RS. 3 लाख
13. पीडिता के ऐसिड अटैक होने की स्तिथि में मुआवजे की सीमा
नोट :- (1) अगर पीडिता के उपर दी गई कैटगरी एक से ज्यादा लागु होती है तो उसे उन सभी कैटगरीयो के अनुसार जोड़ कर पैसा दिया जाएगा |
(2) अगर पीडिता 18 वर्ष से कम उम्र की है यानि की miner है तो ये पैसा उसे दुगना मिलेगा |
(3) पीडिता अपना इलाज किसी भी प्राइवेट अस्पताल में भी करवा सकती है, अगर पीडिता के अस्पताल में इलाज का खर्चा इस राशी से ज्यादा आता हो जाता है तो वो भी उसे ज्यादा मुआवजा मिल सकता है उसकी कोई लिमिट नही होगी |
(4) पीडिता अपना मानसिक संतुलन खो दे तो भी ये मुआवजा कितना भी जरूरत के अनुसार बड सकता है
(5) कोर्ट, DLSA या SLSA चाहे तो इस मुआवजे को केस के अनुसार कम या ज्यादा कर सकती है रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता को मुआवजा देने का विवरण तथा प्रोसीजर इस अधिनियम की धारा 9 में दिया गया है |
13 A
अगर पीडिता पूरी तरह से कुरूप हो गई है तो
RS. 7 लाख
RS. 8 लाख
13 B
अगर पीडिता की कुरूपता 50% से 80 % से बीच है
RS. 5 लाख
RS. 8 लाख
13 C
अगर पीडिता की कुरूपता 20 % से 50 % के बिच की है तो
RS. 3 लाख
RS. 5 लाख
13 D
अगर पीडिता की कुरूपता 20 % से कम है तो
RS. 3 लाख
RS. 4 लाख
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता मुआवजा कैसे ले :-
1. मुआवजा दो चरणों में दिया जाता है पहला मुआवजा इंटरिम कंपनसेशन होता है जो की SLSA , DLSA या फिर कोर्ट की मर्जी से कुछ भी हो सकता है लेकिन बर्निंग या ऐसिड अटैक केस में एक लाख रुपये , आवेदन के 7 दिनों के अंदर पीडिता को देना होता है | इसके अलावा बाकी केसों में आवेदन करने के 60 दिनों के अंदर कोर्ट या फिर DLSA या SLSA को मुआवजे का आदेशा पारित करना होता है |
वैसे तो मुआवजा दिलाने की जिम्मेदारी पुलिस/इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की होती है वो state legal service authority या DISTRICT legal service authority में पीडिता की तरफ से आवेदन करती है तथा कोर्ट में केस की स्तिथि तथा पीडिता के समाजिक क्षेत्र को भी वो इस अथॉरिटी के सामने रखती है | उसके जरूरी डाक्यूमेंट्स को सबमिट करती है | जिसके आधार पर पीडिता को मुआवजा मिलता है | चाहे तो पीडिता या उसके संरक्षण स्वय भी यहा आवेदन कर सकते है |
इसके अलावा आप सेक्शन 357A CR.P.C. में भी पीडिता या फिर नाबालिक होने की स्तिथि में उसके माता-पिता या संरक्षण के द्वारा कोर्ट में आवेदन कर सकते है जहा पर कोर्ट आपके लिए मुआवजे का आदर्श पारित कर देता है |
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता आवेदन कैसे लिखे :-
आवेदन करने के लिए आप के पास 11 पॉइंट होते है जिसको आप को लिखना होता है | ये आप साधारण पेपर पर लिख कर दे सकते है | इनको लिखने का चरण बध तरीका निचे लेखे पोइंटो के आधार पर ही लिखे |
- पीडिता या उसके संरक्षण का नाम
- पीडिता या उसके संरक्षण की उम्र
- पीडिता की माता, पिता या पति का नाम
- पीडिता का पता
- घटना की तारीख और समय
- F.I.R. की कॉपी तथा उस स्थान का नाम जहा F.I.R. रजिस्टर हुई
- अगर पीडिता का मेडिकल हुआ है तो उसकी रिपोर्ट / मिर्तु की दशा में death certificate
- केस अगर चल रहा है या समाप्त हो गया है उसकी स्टेट्स रिपोर्ट
- अगर पीडिता को कहि और से भी मुआवजा मिला है तो उसका विवरण
- पीडिता और उसके संरक्षण की आर्थिक स्तिथि तथा शारीरिक, मानसिक और समाजिक क्षति का विवरण
- अगर कोई केस मुआवजे से सम्बन्धित आपने किया है तो उसका विवरण इत्यादि |
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता को पैसा किस रूप में कैसे मिलता है :-
1. पीडिता को पैसा उसके अकाउंट में आता है तथा अकाउंट न होने की स्तिथि में अथॉरिटी उसका अकाउंट खुलवाती है और उसमे पैसा जमा होता है |
2. पीडिता के इलाज के अलावा उसको जो मुआवजा मिलता है उसका सिर्फ 25 % पैसा ही निकलता है तथा बाकी का 75% पैसा अगले तीन साल के लिए जमा रहता है
3. नाबालिक होने की स्तिथि में सिर्फ 20 % पैसा ही इलाज के अलावा मिलाता निकलता है तथा बाकी का पैसातीन साल बाद या फिर पीडिता के बलिक होने पर ही निकलता है मतलब ये की अगर नाबालिक पीडिता अगले साल भी बलिक हो जाती है तो भी पैसा उसे तीन साल बाद ही मिलेगा |
4. फिक्स पैसे पर बैंक द्वारा F.D. वाला ब्याज ही दिया जाएगा |
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता के द्वारा मुआवजा लेने की समय सीमा क्या है :-
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता घटना के होने के 3 साल के अंदर या फिर कोर्ट के फाइनल decision देने के अगले तीन साल तक कभी भी मुआवजा ले सकती है |
अगर किसी प्रकार से पीडिता इस समय सीमा में पैसे लेने से वंचित रह जाती है तो वो SLSA, DLSA या कोर्ट के सामने देरी का कारण देकर अपना आवेदन स्वीकार करवा सकती है
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता के मुआवजे के आदेश की अपील :-
पीडिता या उसके संरक्षण आदेश पारित होने 30 दिन के अंदर चेयरपर्सन ऑफ़ DLSA या SLSA के सामने अपनी अपील कर सकते है |
रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता के मुआवजे के आदेश की री-अपील :-
अगर आप अपील के आदेश से संतुष्ट नही है तो आप, इसके लिए सिविल सूट कोर्ट में फाइल कर सकते है
नाबालिक/POCSO ACT के केस में अपील :-
POCSO एक्ट की धारा 33 (8) व rule (7) के अनुसार ये अधिकार सेशन कोर्ट को है | उसमे मुआवजे की अपील के लिए आप सीधे हाई कोर्ट भी जा सकते है |
केस झूठा होने पर क्या मुआवजा वापस भी करना पड़ सकता है :- जी हा, अगर आपका केस झूठा साबित होता है तो ये पैसा आपको वापस भी करना पड़ सकता है | लेकिन POCSO के केस में किसी भी स्तिथि में पैसा वापस नही होगा |
क्या रेप पीडिता एसिड अटैक पीडिता इस स्कीम के अलावा किसी और सरकारी डिपार्टमेंट से भी मुआवजा ले सकती है :-
रेप पीडिता तो नहीं, लेकिन एसिड पीडिता इस सरकारी स्कीम के अलावा भी दो और सरकारी जगहों से भी मुआवजा ले सकती है :-
1. एसिड अटैक पीडिता 1 लाख तक का मुआवजा prime minister’s national relief fund vide memorandum no. 24013/94/Misc./2014-CSR-III/Gol/MHA dated 09.11.2016. के अनुसारले सकती है |
2. एसिड अटैक पीडिता 5 लाख तक का मुआवजा state/UTs in terms of central Victim compensation Fund Guidelines-2016, no. 24013/94/Misc/2014-CSR.III.MHA/Gol. के अनुसारले सकती है
जय हिन्द
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दुवारा
Advocate Dheeraj kumar
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Sahil
Sir ji kya highcourt se ipc 376 me arrest stay mil jaaney ke baad bhi agrim jamanat ke liye session court me apply kar saktey hai… Agar ha to kya bell paper me es arrest stay order ko mention karna padega
Advocate_Dheeraj
Sahil जी,
जब हाई कोर्ट ने स्टे दे दिया तो सेशन में बैल की क्या जरूरत है | आप अपना सवाल ठीक करे |
Prashant Tiwari
Hi sir mai apse Ye Janna chahta hu ki 2018 me mere pdosi bap bete mere dusri pdosi k Gus says gye Uske sath Mar peet kri sor sun mai jab wha pahucha to gate band the tb tk Ek aur log aa gye pr wo Ghar k andr nhi gye jab jabarn gate khulwaya to paya ki mahila nagn awastha me thi pr mahila ka putra ghar me Na hone k bjh se wo Dr gyi usne police nhi bulayi pr jb rat ko gundo police bulayi aur mahila k ladke aur mere pariwar walo ko apni ladkiyo k sath chechad m fshaya jb Der rat unka Ldka ghr aaya tb tk der ho gyi police n hm sbki bat Na Mani aur Na hi report Likhi jisse hmne SP +tahseel divas m application di pr kuch Na hua aur hmne kareeb 7din bad court m pariwad dayer kiya jisme police charge seet m bap ko htakr bete se mahila k ldayi Dikhayi h pr medikl m chedchhad huyi h darsaya h file ki stay march 2020me khatm huyi h mere dusre gwah ne aur kuch 2-4 gav walo affidavit virodhi Trf se lgaya h
Aur gwahi dene se mna kr rha h aur Jo virodhi n apni bachchiyo ki chechad k case kiya tha usme mere Chacha aur mhila ka Ldka20-20din jail k bad
jmant pr bahr h us case m kareeb 50affidevit lge h meri trf se pr file m police ne nhi lgaye virodhi party paise se double h sarkari master h bap retyr principle
H Ldka Kayi bar naukri se suspended h Aur farji viklang certificate bnwakr naukri payi h uska Ek video bhi h jisme wo bhali prakar se chalta hua njar aata h pairo m koi kmi nhi h Ab dono case m Kya ho skta h Kya hm jeet skte h file tlb ho sakti h
Advocate_Dheeraj
Prashant Tiwari जी,
पुलिस नही भी पेपर लगाये लेकिन कोर्ट में अपनी गवाही में हम पेश कर सकते है | आप केस जीत सकते है
Sahil
Sir mujhey 376 363 aur 506 me jhutha fasa diya hai fir karney waali ek mahila hai jo apney pati se 9 saal se alag rah rahi hai aur mujhsey relation me thi kyoki wo apney pati aur mata pita se alag rah rahi thi aur mujhsey jaan deney ki baat kahti thi to mai dar kar ussey juda raha last april me usney apna talak dikhaye bina mujhsey shadi ka prastav rakha ham log ek hotel ke room me rukey aur waha usney apney haatho se mangalsutra pahna aur maang bhar li mujhsey ye waada liya ki aap patni ki tarah mujhey manogey mainey bhi ussey ye waada kar diya fir baad me meri shadi kisi aur ladki se ho gayi kuch din to sab theek chala lekin fir wo mujhsey stamp papaer par patni maano aisa likhwaney ka dabav bananey lagi tab mainey kaha meri aur tumhari koi shadi nhi huwi hai to usney shadi kaa jhansa dekar rape karney ki fir likhwa di ab bhi yahi kahti hai ki apni wife ko talak de do aur mere saath raho aakar ab mainey ussey kaha ki bina talak diye tum dusri shadi kaisey kar sakti ho to boli mera talak ho chuka hai ab to ham apni shadi saabit kar ke rahengey mera pura parivar paresaan hai police bhi usi ladki ki baat sun rahi hai mai ek gov employee hu aur ab ussey picha chudana chahta hu kya karu sir please help me
Advocate_Dheeraj
Sahil जी,
उस्कत्लाक हुआ नही है | आप उसके पति से सम्पर्क करे और उसको FIR की कॉपी दे | इससे डर कर वो पीछे हटेंगी | अपने केस की जानकारी के लिए आप कॉल करके सलाह ले } में FIR के फैक्ट्स देखकर आपको ज्यादा अच्छा बता सकूंगा
Advocate_Dheeraj
पुलिस से केस कमजोर बनवाए
गवाही में ही लड़की और उसकी माँ से क्रॉस करके केस जीत सकते है
हो सके तो ऐसा ही केस आप भी उन पर बनवाए
MANRAJ kewat
सर मेरा नाम मानराज केवट है ओर docoments मे मेरा नाम पप्पू लाल कीर h जो मुझे पसंद नहीं है कॉलेज हर एक लड़का मेरी मज़ाक उड़ाता है तो sir plz mera name change ho जायेगा na
Advocate_Dheeraj
बिलकुल हो जायेगा
Prem
Sir mera bhai h jo thoda mental h or vha railway me service krta h lekin uski wife h jo uske saath nhi rhna chati kya usko bhatta dena padega jabki mera bhai h jo to usse rakhna chata h
Advocate_Dheeraj
अगर भाई पत्नी को रखना चाहता है तो ये बात कोर्ट में साबित करे
धारा 125 (4) CRPC के अनुसार पत्नी अगर अपने पति से अपनी मर्जी से बिना कारण अलग रहना चाहती है तो वो खर्चे की हकदार नही है