अपना मकान, जमीन, दूकान या कोई भी दूसरी जमीन जायदाद किसी व्यक्ति की जरूरत भी होती है और चाह भी प्रोपर्टी होने से एक ओर व्यक्ति में सुरक्षा की भावना आती है, वहीं दूसरी ओर यह व्यक्ति के सामाजिक स्तर को भी ऊँचा करता है। परंतु जमीन जायदाद खरीदने से पहले खरीददार को कई छोटे-बड़े कानूनी झंझटों से दो-चार होना पड़ता है। अगर सावधानी न बरती जाए तो एक छोटी सी गलती भी आपको लंबी मुसीबत में डाल सकती है या उसके कारण आपका पैसा फँस सकता है। जानकारी न होने पर निवेश के माध्यम के रूप में रियल एस्टेट ठगी का एक बड़ा सबब भी बन सकता है। रियल एस्टेट एक ओर जहाँ निवेश का एक प्रमुख जरिया है, और संभवतः हर वित्तीय पोर्टफोलियो का एक हिस्सा बन चुका है, वहीं दूसरी ओर यह स्वयं में बिल्कुल अद्वितीय भी है। कोई व्यक्ति अपने पूरे जीवन में जो कुछ वित्तीय निवेश करता है, उसमें रियल एस्टेट सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण होता है। अचल संपत्ति की खरीद के साथ ढेर सारी जिम्मेदारियाँ और सीमाएँ भी आती हैं, जो सिर्फ संपत्ति की कीमत या होम लोन पर चुकाए जानेवाले ब्याज तक ही सीमित नहीं होती हैं। वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने के बाद हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना घर हो और इस सपने को पूरा करने के लिए वह परिवार के भरण-पोषण के साथ-साथ थोड़ा-थोड़ा करके कुछ-न-कुछ जोड़ने लगता है। परंतु बढ़ती महँगाई के चलते एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए यह सपना एक सपना ही बनकर रह जाता है।
निवेश करने से पहले प्रॉपर्टी की स्थिति पर भली-भाँति नजर डाल लें
सबसे पहले यह देखें कि जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं, वह कहाँ स्थित है? वहाँ आर्थिक गतिविधियाँ कैसी हैं? जब आप तैयार बिल्डिंग खरीद रहे हों, तो यह जरूर देखें कि वहाँ भवन या प्रॉपर्टी की उपलब्धता कैसी है? क्योंकि प्रॉपर्टी की ओवर-सप्लाई की स्थिति में एक तो किराएदार कम मिलेंगे और दूसरा, किराए की दर भी कम होगी। किसी उपनगरीय इलाके में प्रॉपर्टी खरीद रहे हों, तो ऐसे दूर-दराज के स्थान पर न खरीदें, जो किसी बड़े सड़क मार्ग या राजमार्ग से न जुड़ा हो; साथ ही, उस स्थान की आंतरिक ढाँचागत स्थिति को भी ध्यान में रखें, जैसे—गलियाँ और संपर्क मार्ग बने हैं या नहीं। उसके बाद बिल्डिंग की गुणवत्ता देखें। हो सकता है कि उस क्षेत्र में इक्के-दुक्के प्रतिष्ठित डेवलपर ही हों, जो ऑफिस प्रॉपर्टी तैयार करके बेच रहे हों। आस-पास के लोगों और दुकानदारों या व्यवसायियों से बात करें और पता लगाएँ कि जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं, उससे कितनी रेंटल इनकम अर्जित की जा सकती है। अगर एक किराएदार प्रॉपर्टी खाली कर देता है तो दूसरा किराएदार आसानी से मिल जाता है या नहीं। यदि प्रॉपर्टी में पहले से कोई किराएदार है, तो यह सुनिश्चित कर लें कि किराएदार अच्छे मुनाफेवाला व्यवसाय कर रहा हो। इससे उसके जल्दी खाली करके जाने के जोखिम से बचा जा सकता है। किराएदार से रेंट या लीज एग्रीमेंट करा लें; जरूरी समझें तो किसी वकील की मदद से एग्रीमेंट के कागजात तैयार करवाएँ।
रियल एस्टेट (जमीन जायदाद ) से जुड़े कानूनों पर बाजार में कई पुस्तकें उपलब्ध हैं; लेकिन इस पुस्तक के द्वारा बैंकिंग विषय का समावेश करते हुए इन दोनों क्षेत्रों के जटिल पहलुओं को सीधी-सरल भाषा में स्पष्टता से समझाया गया है। पुस्तक में प्रॉपर्टी बाजार की जानकारी; विभिन्न होमलोन प्रोडक्ट की जानकारी एवं प्रॉपर्टी के खरीदने से लेकर बेचने तक के दौरान कानूनी जानकारियों को उदाहरण सहित समझाया गया है।
इसके अलावा पुस्तक में कैपिटल गेन स्कीम; प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) एवं रियल एस्टेट रेगुलेशन ऐक्ट की जानकारी भी समाहित की गई है।
विश्वास है कि पुस्तक प्रॉपर्टी में निवेश एवं एस्टेट प्लानिंग में रुचि रखनेवालों की जिज्ञासाओं; संशयों तथा प्रश्नों का निराकरण करेगी।
Table of Content
Total Pages in this pdf book 249
- क्या पत्नी के नाम निवेश करना चाहिए?
- रियल एस्टेट प्लानिंग में हिंदू परिवार (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली/एच.यू.एफ.) की भूमिका |
- ऐसी प्रॉपर्टी खरीदें या नहीं, जिसका स्वामित्व दस्तावेज विक्रेता के पास से खो गया हो?
- क्या है रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट) 2017
- प्रॉपर्टी बेचने से किन-किन कानूनी बातों को ध्यान में रखें?
- वसीयतनामा (विल) कैसे बनायें ?
- इ-विल (इलेक्ट्रॉनिक वसीयत) क्या है इसे कैसे बनाये ?
- ट्रस्ट के माध्यम से जमीन जायदाद का नियोजन कैसे करें ?
- क्या करें यदि आप ई.एम.आई. (मासिक किस्त) भरने में असमर्थ हो जाएँ
- प्रॉपर्टी खरीदते वक्त कानून से जुडी किन बातों को क्या ध्यान में रखें?
- रियल एस्टेट प्रोपर्टी पर लगने वाले विभिन्न सरकारी टैक्स
- प्रोपर्टी की खरीद: सर्कल रेट, Sale Deed, रजिस्टरी, स्टांप ड्यूटी क्या है ?
- रजिस्ट्री और कब्जा, सेल एग्रीमेंट (इकरारनामा), रेंट एग्रीमेंट
- गिफ्ट डीड एवं रिलिंक्विशमेंट डीड
- एन.आर.आई.से प्रॉपर्टी खरीदते वक्त क्या ध्यान में रखें?
हिंदी भाषा में उपलब्ध इस पुस्तक में प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त और निवेश से जुड़े ऐसे ही अन्य 40 महत्त्वपूर्ण विषयों को विस्तार से समझाया गया है जिनकी जानकारी हर उस व्यक्ति को होनी चाहिए जिसके पास कोई प्रोपर्टी हो या वो कोई मकान जमीन दुकान को खरीदना या बेचना चाहते हो |
इसी विषय से सम्बंधित अन्य पोस्ट
- किरायानामा या रेंट एग्रीमेंट कैसे बनाये
- Will वसीयत क्या है इसे कैसे करे / what is will
- प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने से पहले क्या सावधानिया बरते
- प्रॉपर्टी ट्रान्सफर कैसे करे और इसको करने के कितने तरीके है ?
- गिफ्ट डीड क्या होती है यह कैसे लिखी जाती है