झूठी गवाही कोर्ट में देने या फिर अपनी गवाही से मुकरने Hostile Witness (होस्टाइल विटनेस) का क्या परिणाम होता है | क्या कोर्ट उसे सजा दे सकती है और शिकायत कर्ता भी क्या अपने गवाह के झूठ बोलने पर उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही कर सकता है | झूठी गवाही से कैसे बचे |
हमें अदालत में झूठा बयान देने या फिर गवाही से मुकरने के कई मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें पता चलता है की अमुक गवाह पैसो में बिक गया और उसने झूठी गवाही दे दी |
गवाह की परिभाषा :-
जब भी कोई अपराध या कोई कार्य होता है तो उस के दो पक्ष होते है पहला अपराध करने वाला (दोषी पक्ष) और दूसरा अपराध को सहने वाला (शिकायतकर्ता पक्ष) | अगर कोई तीसरा व्यक्ति उस घटना को देख रहा हो, या जनता हो, तो वो गवाह कहलाता है | पुलिस केस में उस गवाह की स्टेटमेंट CRPC की धारा 161 में रिकॉर्ड करती है | इसमें पुलिस गवाह के बयानों को सुन कर स्वय लिखती है इस स्टेटमेंट पर गवाही देने वाले गवाह के हस्ताक्षर लेने जरूरी नही होते है तथा इसकी कॉपी भी उस गवाह को देने का कोई नियम भी नही है |
गवाही से मुकरने का मतलब Hostile Witness (होस्टाइल विटनेस) क्या है :–
अगर कोई गवाह पुलिस को अपनी CRPC धारा 161 में जो गवाही दे, और उसे कोर्ट में जा कर मुकर जाए, तो उसे मुकरने वाले गवाह यानी होस्टाइल विटनेस कहते है | अदालत के सामने पुलिस की कहानी को सपोर्ट न करने वाला गवाह होस्टाइल विटनेस होता है | पुलिस किसी को भी छानबीन के दौरान सरकारी गवाह (Witness) बना सकती है। गवाह (Witness) की सहमति से पुलिस सीआरपीसी की धारा-161 के तहत उसका बयान दर्ज करती है। धारा-161 के बयान में किसी गवाह के दस्तखत लिए जाने का प्रावधान नहीं है। हालांकि किसी गवाह के सामने पुलिस अगर कोई रिकवरी आदि करती है तो रिकवरी मेमो पर गवाह के दस्तखत लिए जाते हैं | अदालत में शपथ लेकर झूठ बोलने के मामले में दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है।
गवाह पर शक है तो मैजिस्ट्रेट के सामने बयान :–
किसी गवाही के बारे में अगर पुलिस को शक होता है कि वह बाद में अपने बयान से मुकर सकता है तो उस गवाह का धारा-164 में मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया जाता है। (ऐसा ज्यादातर महिला अपराध में होता है) धारा-164 में बयान देने वाले का बाद में मुकरना आसान नहीं होता। वैसे इन तमाम बयानों के बाद भी ट्रायल कोर्ट के सामने दिया बयान ही मान्य बयान होता है और अदालत यह देखती है कि गवाह झूठ तो नहीं बोल रहा । अगर अदालत को यह लगता है कि गवाह अदालत में सच्चाई बयान कर रहा है और वह बयान पुलिस के सामने दिए बयान से चाहे पूरी तरह मेल नहीं भी खा रहा हो, तो भी उस बयान को स्वीकार किया जाता है।
झूठे गवाह के खिलाफ कार्यवाही :-
झूठे गवाह के खिलाफ कार्यवाही के तीन चरण है (1) अगर कोर्ट को केस के किसी भी स्टेज पर ये लगे की गवाह शपथ लेकर झूठ बोल रहा है, तो वह उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कार्यवाही कर सकती है । ऐसे में कोर्ट CRPC की धारा 340 के अंतर्गत कार्यवाही करती है दूसरा (2) स्वय शिकायतकर्ता को ये लगे की उसका गवाह उसी के खिलाफ गवाही दे रहा है या फिर वो दोषी को बचाने के लिए कोई झूठ बोल रहा है तो वो शिकायतकर्ता कोर्ट और पुलिस दोनों की मदद से उस झूठे गवाह के खिलग कार्यवाही कर सकता है तीसरा (3) स्वय दोषी भी गवाह के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है अगर दोषी को लगे की कोई गवाह उसे झूठा फसाने के लिए या फिर शिकायतकर्ता की मदद करने के लिए उसके खिलाफ झूठी गवाही दे रहा है तो वो उस गवाह के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है ऐसा वो सर कोर्ट में ही शिकायत दे कर ऐसा कर सकता है
लेकिन उस गवाह को झूठा साबित करने का बर्डन शिकायत करने वाले के उपर ही होता है असल में होता यह है कि अगर कोई गवाह पुलिस या मैजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान से मुकरे, तो उसे मुकरा हुआ गवाह माना जाता है। अगर कोई सरकारी गवाह (Witness) मुकर जाए, तो सरकारी वकील उसके साथ जिरह करता है और सच्चाई निकालने की कोशिश करता है। लेकिन इस प्रक्रिया में अदालत यह देखती है कि कौन से ऐसे गवाह हैं, जिन्होंने जानबूझकर अदालत से सच्चाई छुपाई या फिर झूठ बोला। ऐसे गवाहों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा-340 के तहत अदालत शिकायत करती है। ऐसे गवाह के खिलाफ अदालत में झूठा बयान देने के मामले में आईपीसी की धारा-193 के तहत मुकदमा चलाया जाता है।
धारा 193 IPC :-
इस धारा के अंतर्गत उस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जाता है जो की अपनी गवाही से मुकरा है या दोषी को बचा रहा है लिकिन इससे किसी को कोई सजा नही हुई है | इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7 साल कैद की सजा का प्रावधान है।
धारा 340 CR.P.C. :-
जब कोई गवाह किसी व्यक्ति विशेष को झूठे अपराध में सजा करवाने के लिए गवाही दे तो उसे इस धारा में सजा होती है या हो सकती है | तो ऐसे गवाह को एस धारा में सजा दी जाती है | इस धारा में सजा की कोई लिमिट नही है अगर आप किसी व्यक्ति के खिलाफ ऐसी झूठी गवाही देते है की उसे फासी हो जाये तो झूठ पकडे जाने पर आप को एस धारा के अनुसार फासी की सजा ही सुनाई जाएगी |
झूठी गवाही देने पर सरकारी नोकरी जा सकती है क्या :-
जी हा अगर कोई व्यक्ति झूठी गवाही दे और उसे 100 रुपये या इससे उपर का जुरमाना हो जाये या फिर 1 दिन या इससे ज्यादा की जेल हो जाये तो उस व्यक्ति की सरकारी नोकरी चली जाएगी |
झूठी गवाही से कैसे बचे :-
आप कोर्ट में अगर किसी भी वजह से गवाह बन गए है | चाहे वो पुलिस का दबाव हो या फिर आप के किसी निजी का तथा बाद में आप वो गवाही नही देना चाहते है तो सबसे पहले कोर्ट का गवाही का नोटिस आने पर, आप उस कोर्ट में अप्लिकेशन लगा कर अपना नाम गवाही लिस्ट से हटवा सकते है या फिर और अगर इससे बात नही बने तो ऐसे में आप के लिए ये जरूरी हो की गवाही देनी ही होगी तो आप किसी भी बात का सीधा जवाब नही दे कर ये कह कर बच सकते है की आपको याद नही है/ कह नही सकते या फिर भूल गए | इस बातो को बहाना बना कर अगर आप गवाही दोगे तो कल को बात झूठी पाने पर भी आपके खिलाफ कोई कार्यवाही नही होगी क्योकि अगर आपकी याददाश कमजोर है तो ये किसी आपके झूठ बोलने में नही आता है |
{मेरा आप लोगों से निवेदन है की आप कभी भी किसी के खिलाफ झूठी गवाही नही दे अगर गवाही से बचना ही है तो कोर्ट में अप्लिकेशन लगा कर इससे बचे | मुकर कर किसी का केस ख़राब नही करे}
If, you want legal advice through mobile, please make a call on 9278134222. Advice fees will be applicable for 24 hours.
जय हिन्द
द्वारा
अधिवक्ता धीरज कुमार
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सुरजीत
सर एक बार मारपीट की FIR होने के बाद 151के तहत जमानत कोर्ट से मिला गया है और इस स्ममय मुक़दमा चल रहा है , फिर भी अब 156(3) के तहत थाने को कोर्ट के द्वारा भेजा गया है., अब आप बताये हम कैसे बचे या क्या करे.
Advocate_Dheeraj
सुरजीत जी,
पेपर की डिटेल के साथ कॉल करके सलाह ले डिटेल फीस समेत वेबसाइट पर दी गई है
Mahender Singh chawla
सर कुछ लोगो ने सजिस के तहत मेरे ऊपर SC/ST में केस करवांने के लिए झूठी शिकायत दी और झूठे गवाह भी खड़े किए, SP ने DSP से जांच करवाई और मुझे क्लीन चिट दी,
तो क्या अब उन सभी गवाहों के खिलाफ भी करवाई हो सकती है
Advocate_Dheeraj
Mahender Singh chawla जी,
बिलकुल कार्यवाही हो सकती है आप उनके खिलाफ FIR करवाए
जितेन्द्र
सर अगर कोई केस दो पार्टी के बीच चल रही है और तीसरे आदमी नाम झूता लिखा दिया है जिसमें उसका फादर नाम गलत लिखा हो तो क्या वह कोर्ट का नोटिस ले सकता और वह कैसे बचेगा
Advocate_Dheeraj
जितेन्द्र जी,
पिता का नाम गलत होना कोई बात नही है, मेन आदमी का नाम तो सही है | नोटिस आये तो केस में जाना ही होगा | रही बात बचने की तो वो में आपकी फाइल या फिर केस की डिटेल जान कर ही बता सकता हु आप कॉल करके सलाह ले |
ANIL DUBEY
SIR I WANT TO TALKED PERSONELY ABOUT A CASE WITH YOU HOW CAN I TALKED DO YOU ANY NUMBER OR EMAIL ID
ANIL DUBEY
AGAR CASE KE WITNESS GHWAI DENE SE PAHLE EXPIRED HO GAYE THO KYA HOTHA H IPC 307
Advocate_Dheeraj
ANIL DUBEY ji,
आपको संधिगता में लाभ मिलेगा | उसकी गवाही नही मानी जायगी
Advocate_Dheeraj
ANIL DUBEY ji,
you can contact me through 9278134222 advice fee will charge as 1000.
Devraj teli
सर पुलिस को दिये 161 के बयान कोर्ट में मायने रखते हैं या नही
Advocate_Dheeraj
Devraj teli जी,
कोई मायने नही रखते
Shobhit
Hello sir
4 Saal pehle Mera mobile phone cheen Kar ek ladka bhag gya tha tab mene use Dekh Lia tha . mobile phone Milne ke baad muje jail me uski shinakht ke liye bulaya gaya tab mene use pehchan liya tha.
Ab poore 4 Saal baad coart se samman Aaya hai .kal muje gawahi ke liye bulaya jaa Raha hai ab mujhe uska chehra bilkul bhi yaad Nahi hai or yehi baat me coart me keh du to koi problem to Nahi hogi .
Advocate_Dheeraj
Shobhit जी,
केस में आप को तो कोई प्रॉब्लम नही होगी,
लेकिन आपके हम भाई-बहनों को जरुर होगी, क्योकि मोबाइल छिनने की घटनाए बढेगी और छिनने वाले के होसले और बढेंगे अपराध और बढेगा |
दोषी को सजा होनी चाहिए
Rohit
Sir agar koi lady 164 ke by an main ye bol de ki jo hua tha wo hamari marzi se hua or family ke presure main case kia tha to kya wo bad main case main mukur sakti hai aise main case kis ki favor main hoga
Advocate_Dheeraj
Rohit जी,
हां 164 के ब्यान में बोलकर मुकर सकती है, ऐसे में IO यानी पुलिस के उपर बात डाली जाती है की उसने ऐसे बोलने को कहा था या सामने वाली पार्टी ने धमकाया था तो ऐसा कहा था ये भी कह कर बच सकते है | इलाज हर चीज का होता है |
सुदर्शन joshi
प्रणाम गुरु जी .मेरे पड़ोसियों ने मुझे झूठे केस में धरा 500व 506 में फसाया है मैंने 156(3)के तहत आवेदन किया हे क्या यह मुकदमा किसी कोर्ट से निरस्त हो सकता हे .कृपया btayen
Advocate_Dheeraj
सुदर्शन joshi ji,
किसी भी कोर्ट से निरस्त हो सकता है |
Chandrasekhar Kumar
Sir mere per 307 Ka case hai, aur gawah police ko supervision me Bola hai ki mujhe maar peer ke samay Nahi Dekha hai. Lekin court me bolta hai ki mai kuchh Nahi janta Hun Mai maar peer ke samay Nahi tha . To Kiya esase mujhe koi nukshan Hoga?
Plz sir reply me
Advocate_Dheeraj
Chandrasekhar Kumar जी,
उसने आपके फेवर में बोला है आप केस से बरी हो जायेंगे
Gaurav pal
Sir mai ladki se Mila jo ek ladki ke chakkar me ghar se Chali ayi us ladke ne us ladki Ko apni bahen ke pass rakha aur fir us Ko torchar kiya btao ab mai kya karu Maine us ladki Ko uske ghar bhi chod diya aur uske papa bol rhe hai ki Mai gawahi dun ki Mai sab kuch dekha to Mai gawahi de dun to koi dikkat to nhi hogi
Advocate_Dheeraj
Gaurav pal जी,
आप अच्छा काम करेंगे, गवाही जरुर दे, आपको कोई परेशानी नही आएगी, लगे तो आपको पुलिस प्रोटेक्शन मिल जएगी
Jaiprakash
Sir, kisi vyakti se 3 log sham 6 baje chaku dikha kar paise aur mobile cheen kar ja tab tak mai b aa gaya. Aur usme se ek Aadmi pakda gaya. Lekin maine chaku aur paise cheente huye nahi dekha tha. Is mamle me police un dono ko b arrests karke unke upar crpc ki section 154 ipc 1860 ke tahat 392/397/411/34 FIR darz kar jel bhej di. Aur mujhe gawah bana diya. Lekin mai un dono ko nahi pahchanta aur na hi ghatna ghatit hote dekha. Mujhe kya karna chahiye
Advocate_Dheeraj
Jaiprakash जी,
परेशांन नही होए \ जब कोर्ट आपको गवाही के लिए बुलाएगा तब आप ने जो देखा है वो आप कोर्ट में जाकर बता दीजिएगा | आपके खिलाफ कुछ नही होगा
LL.B. student saloni singh
Sir kya koi wife apni husband k khilaf ref ka case laga sakti h?
Advocate_Dheeraj
LL.B. student saloni singh जी,
ref क्या है डिटेल में लिखे
अगर इसका मतलब रेप से है तो लगा सकती है लेकिन उसकी कई कंडीशन है | आप पहले स्वय क्लियर हो जाये
नवीन
नमस्कार जी 2011 में मेरे मित्र के अनपढ मित्र ने मेरे से थाने में किसी चोरी के संबंध में एक एप्लीकेशन लिखवाई थी..ओर मेने लिख दी उस पर दया कर के लेकिन उसने बाद में धोखे से गवाही में मेरा नाम लिखा दिया… आज 7-8 साल बाद अब मेरे नाम से सिविल कोर्ट से 5000 रुपये का BW वारंट आया है.. उस चोर की .गवाही के संबंध में जिसे मे जानता भी नहीं हू . मैं बेमतलब का परेशान हो रहा हू की मे क्या करू.. मुझे कुछ पता है नहीं चल रहा
Advocate_Dheeraj
नवीन जी,
परेशानी की कोई बात नही आप वहा जाकर सब सच बता दे आपको कोर्ट कुछ नहीं कहेंगी
Ashish Gupta
सर मेरा एक दोस्त के भाई को पुलिस ले गई है थाने 3 साल पहले मार पीट की केस में गवाह के तौर पर मेरा भाई का नाम दे दिया है जिसके कारण कोर्ट से नोटिस भी मिला पर नहीं जा पाया अब उसे पुलिस ले गई है थाने पर कोर्ट 7-8 दिन बंद है कोई उपाय बताएं आप ही। इस केस से कैसे बचा जा सकता है।
Advocate_Dheeraj
Ashish Gupta जी,
गवाह को कोई ऐसे अरेस्ट नही करता है | केस कुछ और है आप केस के बारे में तरीके से पता करे | वहा पर किसी वकील साहब की मदद ले |
Shubham agrawal
Ser
Mera name shubham agrawal hai main indore se hu meri age 19 hai abhi main hotal calata hu ser mami papa ke sath kam karta huser merko malum hi nhi ki maine kisi kesh ki gawahi di ser main to kisi kagaj par saine bhi nhi karta hu fir bhi ser meko ujjain ka gawha bata rahe hai meko ser tainson ho gya hai ser mera aage ka pura kariar kharab nhi ho jaye
Advocate_Dheeraj
Shubham agrawal जी,
गवाह बनना कोई अपराध नहीं है | आप जाकर देखे की केस क्या है
Vikash jha
Sir mere company me trade mark ka case hua tha jab saman pakra gaya to mere owner vaha nahi tha mere ko signature karna para
Ab court se saman aya hai aur owner mujhe jhut bolne ko keh raha hai mai kya karu mai ek garib aadmi hu ,owner mujhse keh raha hai ki tum such bologe to tum khud hi phasoge please reply me
Advocate_Dheeraj
Vikash jha जी,
इसमें डरने वाली कोई बात नहीं है | केस आपके खिलाफ नही है आपने सिर्फ समान लिया था | आपको कोर्ट में जाने की कोई जरुरत नही है |
ज्यादा जानकारी के लिए कॉल करे
Baiju
Sir mera naam baijnath hai. Sir mere daadi ke 2 bete hai kisi ne bhi meri daadi ki dekh nahi ki Sir maine bachpan se hi apne daadi ka dekh rekh kiya to daadi ne apne hisse ki kuch jamin mere naam wasiya kar di hai. Unke death ke baad maine namantaran ke liye nayab tahsildaar ke yaha kesh laga diya ab unke jo bade bete hai wo kesh kar raha hai ki mai jamin nai dunga aur sir jo mere wasiyat ke gawah hai wo mere pakch me nai hai kyuki mere family walo ke sath jhagda ho gaya hai aur gawah log mere bade papa ke pakch me hai to sir mai kesh jitunga ki nai samajh nai aa raha hai kya karu kuch upaye btaiye sir please
Advocate_Dheeraj
Baiju जी,
अगर will रजिस्टर्ड है तो आपको केस की जरूरत ही नही है
अगर नोटरी वाली है तो वो साबित करनी होगी
गवाह ने अगुंठे लगाये है तो वो झूठ नही बोल सकता है अगर सिर्फ सिग्नेचर किये है तो बात अलग है
अच्छा होगा आप जानकारी फ़ोन द्वारा ले तब will की कॉपी देख कर और बाकि फैक्ट्स जान कर ज्यादा अच्छी राय दे सकूंगा काल करे 9278134222
Bablu
Sir mere gaon me hamari jamin thi
Mere dada ne us mese thodi jamin dusre aadmi ko rehne k liye de di aur usne woh jamin apne naam pr bhi karwa li
Lekin woh aadmi jyada din nahi raha aur uski death ho gai
Aaj us jamin pr ham 50 saal se reh rahe h
Lekin ek aadmi jo ki panchayat me up sarpanch tha usne us mare hue budhhe ka jhuta waris bata kr woh jamin apne naam karli aur usne ab court me case kiya h ki hum uski jamin pr kabja kr k baithe h
Sir kuch idea do
Advocate_Dheeraj
जमीन आपके दादा जी से उस आदमी के नाम कैसे आई ये जाने ये सबूत बहुत ही जरूरी है
दूसरा वो व्यक्ति मरने वाले का वारिस नही है इसका कोई सबूत होतो देखे
आप जमीन पर कब्ज़ा नही छोड़े ये अच्छी बात है की आप का कब्ज़ा है
आप जमीन को बोने या 50 साल के कब्जे के सबूत कोर्ट में पेश करे इसी आधार पर भी जमीन आप को मिल सकती है
मनोज कुमार
सर मुझे किसी केस में गवा बना दिया गया है और मुझसे साइन करवा लिए लेकिन अब कहने की तुम्हारी आईडी भी दो तो क्या आईडी देना जरूरी होता है और जरूरी होता तो उसका कोई और प्रयोग तो नहीं लिया जाता होगा और जिस केस में गवा बनाया गया था वीडियो भी रिकॉर्ड है सीसीटीवी कैमरे से लेकिन फिर भी मेरे से आईडी मांग रहे हैं सर मुझे बताएं मैं क्या करूं मनोज कुमार
Advocate_Dheeraj
गवाह बनने के लिए किसी भी प्रकार की आई डी देने की कोई जरूरत नही होती है
हां कोर्ट में जाने पर जरुर दिखानी होती है
Sharif khan
Sir, ek ladki ne Apne Premi se saririk sambandh apni marji se banaye. Uske pita ne FIR lodge Kara di aur ladki ki Umar 18 saal se Kam bata di.police IPC ki Dhara 376 (2) (1), 5/6 pasco act laga di. Fir pata chala ki ladki ke pita ne apni dusri jis ki age 12 saal fir me likhwae h uska medical karwa diya jabki usse ladke kabhi koi sambandh nahi aur is ladki ka Adalat Ko Dhokha me rakh kar 164 ka bayan Kara diya aur us bayan per badi ladki thump impression le Liya. To kya us ladke jail ho Sakti. Ladka Abhi arrest nahi hua h vah ek Fiji h. Sir sahi Salah de nokari ka saval h
Advocate_Dheeraj
यहा सलाह सही ही दी जाती है,गलत नही
हाई कोर्ट में रिट लगाये और साड़ी बाते बताये,आप के खिलाफ केस भी खत्म हो जाएगा और लड़की और उसके पिता के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही भी होगी
Dilshad
Agar saare witness- hostile ho jaye to usee punishment ke liye… P.P. Kaise proof karega or kis section ke aadhar par use saja(punishment) dilwa sakta hai?
Advocate_Dheeraj
कोई विटनेस नही है तो क्या हुआ
घटना तो हुई है ना और भी तो सबूत होते है जैसे की हथियार, पिछली कोई लड़ाई जो ये साबित करे की आप दुश्मनी का बदला ले सकते थे |
और भी बहुत कुछ है लेकिन वो सिर्फ आपके केस के facts और evidence को देख कर ही बता सकता हु |ऐसे तो ख़त्म ही नही होगा
सुमेर
सर 302 में उम्र कैद वाले को हाई कोर्ट में बेल मिल सकती हैं या नहीं
Advocate_Dheeraj
केस के फैक्ट्स पर डिपेंड करता है
उन्हें जाने बिना नही बता सकता हु
kamal narayan
अंतर्जातीय विवाह करने पर समाज के अध्यक्ष कहते है कि समाज से बहिस्कृत हमने नहीं किया है, आप अंतरजातीय विवाह करके स्वयं को समाज से बहिष्कृत कर लिए हो। और यदि समाज में मिलाने के लिए कहे तो सामाजिक बैठक होती है, उसमे हजारों से लेकर लाखों रुपये दंड लिया जाता है। उन रुपयों की रसीद मांगने पर रसीद नहीं देते है। ऐसे में क्या करना चाहिए।
Advocate_Dheeraj
ऐसी बातो के लिए सीधे हाई कोर्ट में आवेदन करे सभी ठीक हो जायेगे | किसी को कोई पैसा नही दे
Pawan saini
अगर पति पत्नी को पारिवारिक विवाद के चलते ओर परिवार काअपमान के कारण नही लाना चाहै तो ओर पति गरीब होतो पत्नी को कितना भत्ता देना पड सकता है
Advocate_Dheeraj
सब लोग अपमान के कारण ही पत्नी को नही लाना चाहते है लेकिन ये कोई आधार नही है | और रही बात भत्ते की तो वो आपकी कमाई या आपके द्वारा दिए गये कमाई के सबूत, या आपकी पत्नी द्वारा दिए गये कमाई के सबूत या फिर जज साहब की समझ पर निर्भर करता है |
LUCKY
Sir koi vyakti yadi kisi kesh mai sarkari gawaah bana ho aur baad mai us vyakti ki naukri lag jaay to kya use police verification mai dikkat aati hai kya
Advocate_Dheeraj
नही आती है लेकिन उस केस में सजा 3 साल से कम की होनी चाहिए
Vinod
302 a me perol kitne time tak milti h
Advocate_Dheeraj
हालात पर निर्भर करता है शादी है या तेहरवी है या फिर कोई बीमार की सेवा करनी है